घर पर मास्क बना रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान !कोरोना वायरस ने जबसे भारत में दस्तक दी है, तब से लेकर अब तक मास्क की बिक्री बहुत धड़ल्ले से हुई है । यहां तक कि पूरे भारत में मास्क की कमी हो गई, फिर लोगों ने अपने घरों में मासक बनाना शुरु किया और अब घर पर बनाए मास्क भी हाथों-हाथ बिक रहे हैं ।
मास्कडॉ कम है और लोग ज्यादा, और ऐसे में भी हमारे सामने यह चुनौती है कि मास्क पहनने के बावजूद हमें संक्रमण हो गया तो, क्योंकि हर मास्क एन 95 नहीं है और कभी-कभी तो एन 95 भी विफल रहा है, तो ऐसी स्थिति में क्या करें, बता रहे हैं डॉ. के.के.अग्रवाल ।
मास्क तीन प्रकार के होते हैं –
करना क्या होगा ?
इन्ही प्लाई को हम लेयर भी कहते हैं । यदि आपके मन में मास्क को लेकर शंका है तो यहां कुछ तरीके बताए जा रहे हैं, जिनसे आप अपने रुमाल को एन 95 मास्क के रुप में प्रयोग कर सकते हैं । आपको बस कुछ निर्देशों का पालन करना है –
एक रुमाल लें और उसे दो भागों में बांट दें ।
इसके बाद आप इसे वैसे ही बांधें जैसे नाक को कवर करने के लिए बांधते हैं ।
इसके बाद आपको रबर बैंड लेना है और उसे खींचते हुए चेहरे से लेकर कान तक ले जाना है ।
रबर को कान से अटका देना है, जिससे आपकी नाक और मुंह का हिस्सा एयर टाइट हो जाएगा।
अब इसके बाद आप चाहे बस, मैट्रो या कहीं पर भी हों, इसका इस्तेमाल कर सकते हैं ।
याद रखिए, अगर आप भीड़-भाड़ में हैं तो आपको मास्क एयर टाइट चाहिए, लेकिन जब आप अकेले या किसी के साथ हैं तो आप सामान्य तरीके से रुमाल को बांध सकते हैं ।
इस तरीके से आप अपने रुमाल को एयर टाइट बना सकते हैं ।
आपको मास्क की पहचान होनी चाहिए
दोस्तों, बाज़ार में दो तरह के मास्क उपलब्ध हैं, पहला है डबल प्लाई और दूसरा है ट्रीपल प्लाई मास्क । आपको इस विषय की जानकारी होनी आवश्यक है ताकि जब आप मास्क लेने जाएं तो आप इसकी पहचान कर पाएं ।
दुकान में जो सर्जिकल मास्क उपलब्ध होते हैं वो दोनों प्रकार के होते हैं, यानि डबल लेयर और ट्रीपल लेयर । अगर आप अपने सर्जिकल मास्क से संतुष्ठ नहीं है तो आप इसमें भी रुमाल वाली विधि अपना सकते हैं । रबर के द्वारा उसे और अधिक एयर टाइट बना सकते हैं ।
दो लेयर और तीन लेयर मास्क में अंतर
टू लेयर मास्क में दो प्लाई होती हैं, एक ऊपर और एक नीचे । मास्क का जो बाहरी कपड़ा होता है, उसे कहते हैं – हाइड्रोफोबिक । यानि अगर पानी गिर जाए तो वह उसे सोख नहीं सकता और जो कपड़ा अंदर की तरफ होता है, उसे हाइड्रोफिलिक कहते हैं ।
इसका मतलब यह कि मुंह से लार या थूक के रुप में जो बूंदे बाहर आ रही हैं, यह अंदर वाला कपड़ा इसे सोख लेता है । लेकिन अगर हम बात रुमाल की करें तो उसमें हाइड्रोफोबिक और हाइड्रोफिलिक जैसे कोई गुण नहीं हैं ।लेकिन हम एक काम कर सकते हैं कि हम कार्बन फिल्टर की एक लेयर सर्जिकल मासक में लगा सकते हैं ।
अगर बात एन 95 मास्क की करें तो इसमें तीन लेयर होती हैं और इसकी अंदर की लेयर हाई इफीशेंसी फिल्टर है यानि इसमेम एन 95 का फिल्टर लगा हुआ है । तो यह समझ लीजिए कि सर्जिकल मास्क और एन 95 मास्क में फील्टर बिल्कुल अलग-अलग हैं लेकिन किसी भी मास्क मंह बाहरी कपड़े का हाइड्रोफोबिक और भीतरी कपड़े का हाइड्रोफिलिक होना ज़रुरी है।
जो भी लोग घर पर कॉटन कपड़े का मास्क बना रहे हैं, चाहे वो सिंगल लेयर हो या डबल, उसके अंदर आपको हाइड्रोफोबिक और हाइड्रोफिलिक गुण नहीं मिलेगा, जो ऐसी परिस्थिति में बहुत आवश्यक है । यह बात याद रखिए कि अगर आप मास्क ले रहे हैं तो उसकी कीमत तय करेगी कि आपका मास्क फिल्टर है, कार्बन फिल्टर है, एंटी-वायरस फिल्टर है, फिल्टर किस प्रकार का है और किस क्वालिटी का है, परंतु अगर आप घर पर ही मास्क बना रहे हैं तो कॉटन के कपड़े का प्रयोग करें, जिसको डबल लेयर में रखें ।
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