किसी भी फिजियोथेरेपिस्ट के पास सबसे अधिक लोग कमर और पीठ दर्द की परेशानी को लेकर आते हैं, जिसमें रीढ़ की डिस्क, जोड़, मांसपेशियों का खिंचाव और टिश्यू पर चोट के कारण दर्द शामिल है । किसी भी प्रकार की पीड़ा से निजात पाने के लिए सबसे ज़रुरी है – पर्याप्त आराम । इसी के साथ यह भी आवश्यक है कि व्यायाम द्वारा पीठ, कमर और कूल्हों की मांसपेशियों को पहले से अधिक मज़बूत बनाएं।
पीठ में किसी तरह की चोट या घाव लगने और लंबे वक्त तक एक ही पॉश्चर में रहने से पीठ में दर्द होना शुरु हो जाता हैं। ऐसे में पूरी तरह आराम किया जाना चाहिए । ऐसे में कोशिश यही होनी चाहिए कि पीठ में रीढ़ की हड्डी में आई अकड़न और मांसपेशियों का लचीलापन बना रहे । इसके अलावा पीठ को सहारा देने वाली मांसपेशियों पर भी विशेष ध्यान दें ।
फ्लेक्सर स्ट्रेच: अपने घुटनों के दम पर सीधे खड़े हों और इसके बाद सीधे पैर को आगे लेकर आए। अपने शरीर का भार आगे किए हुए पैर पर कर दें, ध्यान रखें कि कमर सीधी रहे । अब ऐसी स्थिति में बाएं पैर के कूल्हे पर खिंचाव करें । कम से कम 30 सेकंड तक इसी मुद्रा मेंबने रहें। अब यही प्रक्रिया अपने दूसरे पैर से करें । आगे वाला पैर ऐसे रखें कि आपका घुटना आपके पैर के पंजे के बराबर रहें, न कि आगे-पीछे हो ।
डबल लेग ब्रिज:अपनी पीठ को जमीन पर सीधा रखकर लेट जाएं । अब दोनों घुटनों को मोड़ दें, इसके बाद अपने पंजे जमीन पर बिल्कुल सीधा रखें। अब अपने पेट को नाभि के पास से सीधा रीढ़ की हड्डी की तरफ ले जाएं और कूल्हों की साइड से शरीर को धीरे-धीरे ऊंचा उठा लें । अब अपनी पीठ की मांसपेशियों को अंदर की तरफ खीचें । आपको यह प्रक्रिया लगभग 2 महीने तक सुबह और शाम करनी है ।
लंबर ट्विस्ट:अपनी कमर को जमीन पर रखकर सीधा लेटें, अब दोनों बाजुओं को पूरी तरहह खोल कर बगल में फैला दें । अब अपने बांए पैर को घुटनों से मोड़े और इसर तर रखें कि आपके बाएं पैर का पंजा दाएं घुटने के पास हो । फिर घुटने और उंगलियों को सीधे पैर के पास ले जाएं और ज़मीन को छूने की कोशिस करें । अपने कंधों को जमीन पर सीधा रखें और इस खिंचाव को कम से कम 2 मिनट तक बनाए रखें ।
व्यायाम के अलावा योग के भी कुछ आसन भी हैं, जो आपको पीठ दर्द में राहत दे सकते हैं:
भुजंगासन
इस आसन को करने की मुद्रा बिल्कुल सर्प जैसी है और वहइसलिए इसमें सबसे पहले पेट के बल लेटना पड़ता है, फिर उसके बाद दोनों पैरों को पूरी चौड़ाई के साथ खोल दिया जाता है । इसके बाद अपने दोनों हाथकंधों के बराबर छाती के पास रखें । अपने हाथों की दोनों कोहनियों को छत की तरफ और अपनी ठुड्डी को उसपर लगाना होगा । इसके बाद सांस भरते हुए ठुड्डी और फिर उसके बाद छाती और आखिर में पेट और नाभि को भी उठाने की कोशिश करनी चाहिए ।
अपनी नज़र ऊपर की ओर रखें और अपनी आंखें बंद कर लें। इसी मुद्रा में 30 सेकंड तक रहना है । इसके बाद वापस आने के लिए नाभि, पेट, छाती और फिर अपनी ठुड्डी आसन पर लगाएं। बारी-बारी से सामान्य रुप से सांस लेते रहें । भुजंगासन ना केवल आपको पीठ के दर्द बल्कि गर्दन दर्द से भी राहत दिलाएगा ।
त्रिकोणासन
त्रिकोणासन में अपने दोनों पैरों को 2 फीट तक खोल कर खड़े हो जाएं और अपनी दोनों भुजाओं को कन्धों के बराबर खोल कर रख लें । इसके बाद धीरे—धीरे दाहिनी और झुकें और अंत में अपनी दाहिने हाथ से अपने दाहिने पैर को स्पर्श करने की कोशिश करें । इसके बाद अपने सिर को घुमाते हुए बाएं हाथ के अंगूठे की तरफ देखना है । अब एक गहरी सांस लेनी है और अपने हाथों को सीधा करते हुए पहले जैसे खड़े हो जाएं। अब लंबी-लंबीऔर गहरी सांस लेनी है । इसी तरह यही प्रक्रिया दूसरी तरफ भी दोहराएं ।दोनों तरफ की प्रक्रिया जब पूरी हो जाए तो यह आसन पूरा होता है । इस तरह यह आसन आप 3 या 4 बार दोहरा सकते हैं। इस आसन को करने से पैरों और घुटनों के अलावा गर्दन, पीठ में रीढ़ की हड्डी और घुटनों की कटोरियों की मांसपेशियों को ताकत मिलती है ।
पीठ में दर्द होना कोई रोग नहीं है, इसलिए इससे घबराएं नहीं । डॉक्टर से परामर्श लें और व्यायाम या फ़िजियोथेरेपी का सहारा लेकर पीठ दर्द से छुटकारा पाएं ।
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