एक व्यक्ति को हृदय से जुड़ी कई समस्याएँ और बीमारियाँ हो सकती है जो कि उम्र के किसी भी दौर में और व्यक्ति का जन्म भी दिल से जुड़ी बीमारियों के साथ हो सकता है। दिल से जुडी एक ऐसी ही बीमारी है जिसे महाधमनी विच्छेदन (aortic dissection) कहा जाता है। महाधमनी वाल्व रोग (aortic valve disease) एक प्रकार का हृदय वाल्व रोग है। महाधमनी वाल्व रोग में, निचले बाएं हृदय कक्ष (बाएं वेंट्रिकल - left ventricle) और शरीर की मुख्य धमनी (महाधमनी) के बीच का वाल्व ठीक से काम नहीं करता है। महाधमनी वाल्व हृदय के माध्यम से रक्त को सही दिशा में बहने में मदद करता है।
महाधमनी एक मुख्य धमनी (main artery) है जो आपके हृदय से रक्त को शरीर के बाकी हिस्सों में ले जाती है। महाधमनी जिस रक्त को हमारे हृदय तक पहुंचाती है वह ऑक्सीजन से भरपूर होता है जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। हमारा शरीर इसी ऑक्सीजन युक्त रक्त के कारण जीवित है और इसी की वजह से हमारे शरीर का विकास होता है।
महाधमनी लगभग एक इंच चौड़ी होती है और इसमें एक आंतरिक, मध्य और बाहरी परत होती है। महाधमनी का विच्छेदन (dissection of the aorta) तब होता है जब महाधमनी के अंदर दबाव या कमजोरी के कारण परतें विभाजित हो जाती हैं और महाधमनी की दीवार टूट जाती है। इस क्षति से शरीर में रक्त का रिसाव हो सकता है। परिणामस्वरूप शरीर के अंगों को आवश्यकता से कम रक्त प्राप्त होने लगता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें जान का खतरा होता है और इस स्थिति में व्यक्ति को जल्द से जल्द तत्काल आपातकालीन चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है। अगर इसका जल्द से जल्द उपचार न किया जाए तो इसकी वजह से गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। महाधमनी विच्छेदन के लक्षणों की पहचान कर पाना काफी बार मुश्किल हो सकता है और यह कभी भी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है।
महाधमनी विच्छेदन के लक्षणों की पहचान कर पाना काफी मुश्किल होता है, क्योंकि इसके लक्षण दिल के दौरे के दौरान दिखाई देने वाले लक्षणों के भांति दिखाई देते हैं। जिस प्रकार दिल का दौरा पड़ने पर सीने में दर्द और पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द महसूस होता है ठीक उसी प्रकार महाधमनी विच्छेदन होने पर इसके लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यह लक्षण काफी गंभीर होते हैं, इस दौरान रोगी को ऐसा महसूस होता है जैसे कि छाती में कुछ चल रहा है ता छाती में कुछ फट रहा है।
महाधमनी विच्छेदन के लक्षण तब दिखाई देते हैं जब जब धमनी में विच्छेदन यानि धमनी फटनी शुरू हो जाती है। जैसे-जैसे इसकी स्थिति बढ़ती है वैसे-वैसे इसके लक्षण बढ़ने लगते हैं जो कि निम्नलिखित प्रकार से दिखाई दे सकते हैं :-
जबड़े में दर्द होना।
गर्दन दर्द शुरू होना – यह लगातार हो सकता है या रुक-रुक कर हो सकता है।
पेट में दर्द – यह सामान्य से गंभीर तक हो सकता है।
कंधे में दर्द होना।
बेहोशी या चक्कर आने की समस्या।
सांस लेने मे तकलीफ महसूस होना।
अचानक कमजोरी महसूस होना।
त्वचा चिपचिपी लगना।
जी मिचलाना।
उल्टी आना। ज्यादा उल्टियाँ आने की वजह से शरीर में पानी की कमी होने लगती है।
झटके महसूस होना।
यदि आप निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो तुरंत आपातकालीन चिकित्सा देखभाल की जरूरत है। ऐसे में जल्द से जल्द नजदीकी अस्पातल में संपर्क करें :-
छाती, गर्दन, जबड़े, पेट या कंधे में अचानक दर्द होना।
बेहोशी होना। इस स्थिति में ब्लड प्रेशर भी हाई हो सकता है।
सांस लेने मे तकलीफ होना।
अचानक कमजोरी महसूस होना।
इन स्थितियों का अनुभव होने पर तुरंत एम्बुलेंस को फोन करें।
एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम क्या है
फिलाहल इस महाधमनी विच्छेदन होने के का कारण अभी तक अज्ञात है। हां, लेकिन इसके कुछ जोखिम कारक है जो कि आपको उच्च जोखिम में डाल सकते हैं।
कुछ तर्कों की माने तो अगर व्यक्ति की महाधमनी की दीवार को कमजोर करने वाली कोई भी चीज विच्छेदन का कारण बन सकती है। इसमें विरासत में मिली स्थितियां शामिल हैं जिनमें आपके शरीर के ऊतक (tissue) असामान्य रूप से विकसित होते हैं, जैसे कि मार्फन सिंड्रोम (Marfan syndrome), एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis), और अनुपचारित उच्च रक्तचाप (Untreated Hypertension), साथ ही छाती में आकस्मिक चोटें (accidental injuries to the chest) और कुछ अन्य ऐसी कोई भी स्थिति जिससे महाधमनी को नुकसान पहुंचे।
अगर आप निम्न वर्णित समस्याओं से जूझ रहे हैं तो आपको महाधमनी विच्छेदन की समस्या होने की आशंका बनी रहती है :-
आयु और लिंग Age and Gender :-
महाधमनी विच्छेदन के ज्यादातर मामले 50 से 65 वर्ष की आयु के पुरुषों में होते हैं, लेकिन यह किसी भी उम्र के पुरुष और महिला दोनों को यह समस्या उम्र के किसी भी दौर में हो सकती हैं। महाधमनी विच्छेदन का अनुभव करने वाले लगभग दो-तिहाई लोग पुरुष हैं। हालांकि, महिलाओं को जब यह समस्या होती है तो उनकी हालत पुरुषों के मुकाबले ज्यादा खराब होती है।
उच्च रक्त चाप High Blood Pressure :-
लंबे समय तक उच्च रक्तचाप की समस्या धमनी की दीवारों पर अधिक दबाव डालती है, जिससे उनके फटने की संभावना बढ़ जाती है।
कुछ आनुवंशिक विकार Certain Genetic Disorders :-
विशिष्ट आनुवंशिक स्थितियों वाले लोगों में महाधमनी विच्छेदन का अधिक जोखिम होता है। इन आनुवंशिक स्थितयों में निम्नलिखित विशेष हैं :-
टर्नर सिंड्रोम Turner Syndrome
मार्फन सिन्ड्रोम Marfan Syndrome
एहलर्स-डानलोस सिंड्रोम Ehlers-Danlos Syndrome
एक संक्रामक या संक्रामक स्थिति An infectious or inflammatory condition :-
एक उपदंश संक्रमण या धमनियों की सूजन (inflammation of the arteries), जो विशाल कोशिका धमनीशोथ या ताकायासु (Takayasu) की धमनीशोथ के परिणामस्वरूप हो सकती है, महाधमनी विच्छेदन के जोखिम को बढ़ा सकती है।
अन्य धमनी समस्याएं Other Arterial Problems :-
पहले से मौजूद महाधमनी समस्या होने से धमनी के अलग होने का खतरा बढ़ सकता है। इनमें निम्नलिखित स्थितियां शामिल हैं :-
धमनियों का सख्त होना, या एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis)
वाल्व दोष (valve defect), जैसे कि बाइसीपिड महाधमनी वाल्व (bicuspid aortic valve)
एक संकीर्ण महाधमनी (narrow aorta), या महाधमनी का संकुचन (aortic stenosis)
एक कमजोर और उभरी हुई धमनी, या एक महाधमनी धमनीविस्फार (aortic aneurysm)
छाती में आघात Chest Trauma :-
अगर किसी व्यक्ति के छाती में गंभीर चोट लग जाए जिसकी वजह से महाधमनी को नुकसान पहुंचने लगे तो इसकी वजह से महाधमनी विच्छेदन की समस्या हो सकती है।
गर्भावस्था Pregnancy :-
दुर्लभ मामलों में गर्भावस्था के दौरान महाधमनी विच्छेदन हो सकता है।
कोकीन का उपयोग cocaine use :-
कोकीन रक्तचाप बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति के महाधमनी विच्छेदन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में न केवल इस कारण से कोकीन के इस्तेमाल से दूर रहना चाहिए, बल्कि इससे होने वाली अन्य समस्याओं को देखते हुए भी इससे दूर रहना चाहिए।
उच्च तीव्रता भारोत्तोलन High Intensity Lifting :-
तीव्र प्रतिरोध प्रशिक्षण रक्तचाप को बढ़ाता है, जिसके परिणामस्वरूप महाधमनी में दरार आ सकती हैं।
महाधमनी जब रक्त को आपके दिल तक पहुंचाती है तो यह निचे से ऊपर की ओर यात्रा करती है। इस पोत (vessel) को आरोही महाधमनी (ascending aorta) कहा जाता है। लेकिन जब महाधमनी रक्त को दिल तक छोड़ कर आती है तो उसके बाद वह ऊपर से निचे की ओर झुकती है और यह छाती से पेट की ओर आती है। जब ऐसा होता है तो इसे अवरोही महाधमनी (descending aorta) कहा जाता है।
विच्छेदन आपके महाधमनी के आरोही या अवरोही भाग या दोनों भागों में हो सकता है। महाधमनी विच्छेदन दो प्रकार के होते हैं। उन्हें प्रभावित महाधमनी के हिस्से द्वारा वर्गीकृत किया गया है। एक विच्छेदन में आरोही और अवरोही महाधमनी शामिल हो सकती है।
टाइप ए Type A :-
टाइप ए विच्छेदन का मतलब है कि दरार में आपके आरोही महाधमनी (ascending aorta) शामिल है, भले ही प्रारंभिक दरार कहीं भी हो।
टाइप बी Type B :-
अवरोही महाधमनी (descending aorta) में शुरू होने वाले विच्छेदन को टाइप बी माना जाता है। यदि वह आरोही महाधमनी को शामिल नहीं करते हैं तो वह टाइप ए विच्छेदन की तुलना में कम जीवन के लिए खतरा होते हैं।
महाधमनी विच्छेदन का निदान करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण अन्य हृदय रोगों से काफी मिलते हैं। वहीं दूसरी तरफ महाधमनी विच्छेदन बहुत थोड़े समय में ही गंभीर क्षति का कारण बन सकती है, इसलिए इसका उपचार लेने और निदाम लेने में भी काफी कम समय है। इन सभी स्थितियों की वजह से रोगी को काफी जटिलताओं का सामना करना पड़ता है, जिसमें से कुछ निम्नलिखित हैं :-
महाधमनी का टूटना Rupture of the aorta
हृदय तीव्रसम्पीड़न Cardiac Tamponade
दिल का दौरा पड़ना Heart attack
कार्डिएक अरेस्ट या हार्ट स्टॉपिंग Cardiac arrest or heart stopping
महाधमनी अपर्याप्तता Aortic regurgitation
अंग विफलता Organ failure
दिल की धड़कन रुकना Stop heart beating
अगर आपके परिवार में उच्च रक्त चाप या महाधमनी विच्छेदन का इतिहास रहा है तो इस समस्या के जोखिम में जी रहे हैं। साथ ही अगर आप ऊपर बताएं गये जोखिम कारकों की श्रेणी में आते हैं तो आपको समय-समय पर डॉक्टर से इसकी जांच करवाते रहना चाहिए, ताकि इस खतरे को टाला जा सके या गंभीर स्थिति का सामना न करना पड़े। ऐसे में डॉक्टर आपका निम्नलिखित प्रकार से निदान कर सकता है :-
एक असामान्य दिल की धड़कन
बाएँ और दाएँ हाथ के बीच रक्तचाप में अंतर
छाती, पीठ या पेट में अचानक, तीव्र दर्द
उपरोक्त जांच महाधमनी होने पर भी करवाई जा सकती है। इनके अलावा यदि व्यक्ति अपने अंदर महाधमनी विच्छेदन के लक्षण महसूस कर रहा है तो ऐसे में डॉक्टर आपको तत्काल प्रभाव से निम्नलिखित जांच करवाने के लिए कह सकते हैं ताकि इस गंभीर समस्या की पुष्टि की जा सके :-
छाती का एक्स-रे Chest X-ray :-
छाती का एक्स-रे महाधमनी के विस्तार को प्रकट कर सकता है। हालांकि, महाधमनी विच्छेदन वाले अनुमानित 10 से 20 प्रतिशत लोगों में छवियां सामान्य दिखाई दे सकती हैं, इसलिए अतिरिक्त परीक्षण आवश्यक हो सकते हैं।
ट्रांससोफेजियल इकोकार्डियोग्राम (टीईई) Transesophageal echocardiogram (TEE) :-
एक ट्रांससोफेजियल इकोकार्डियोग्राम (टीईई) में महाधमनी के करीब भोजन नली के नीचे एक जांच की जाती है। इस जांच में ध्वनि तरंगें हृदय की एक छवि उत्पन्न करती हैं, जिसे चिकित्सक अनियमितताओं (irregularities) की जांच कर सकता है।
महाधमनी एंजियोग्राम Aortic angiogram :-
इस प्रक्रिया के दौरान, डॉक्टर धमनियों में एक कंट्रास्ट तरल इंजेक्ट (Contrast Liquid Injected) करेंगे। फिर वह एक्स-रे लेंगे जो महाधमनी में कोई असामान्यता (irregularities) दिखा सकते हैं।
चुंबकीय अनुनाद एंजियोग्राम (MRA) Magnetic resonance angiogram (MRA) :-
चुंबकीय अनुनाद एंजियोग्राम परीक्षण रक्त वाहिकाओं की जांच के लिए चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों (radio waves) का उपयोग करता है।
इन सभी जांचों के अलावा डॉक्टर स्थिति के अनुसार अन्य कई जांच करवाने की सलाह दे सकते हैं। इस दौरान डॉक्टर रोगी को रक्त जांच करवाने का आदेश दे सकता है, जिससे दिल के दौरे की आशंकाओं के बारे में स्पष्टीकरण मिल सकता है।
यदि, महाधमनी विच्छेदन होने के बाद इसका जल्द से जल्द उपचार न किया जाए तो इसकी वजह से रोगी की जांच पहले 48 घंटों में जा सकती है। महाधमनी विच्छेदन होने पर पहले 48 घंटों में जान जाने का जोखिम प्रतिशत 76 से 90 प्रतिशत तक होता है।
जैसे ही महाधमनी विच्छेदन होने की पुष्टि होती है तो जल्द से जल्द इसका उपचार निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है :-
शल्य चिकित्सा Surgery :-
टाइप ए महाधमनी विच्छेदन (type a aortic dissection) के इलाज के लिए सर्जरी का उपयोग किया जाता है।
रक्त प्रवाह (blood flow) में सुधार करते हुए विच्छेदन और क्षति की मरम्मत के लिए ओपन-हार्ट सर्जरी (open heart surgery) की जा सकती है। महाधमनी की मरम्मत के लिए सर्जन छाती या पेट में एक सर्जिकल चीरा लगा सकता है। कुछ मामलों में, टाइप ए महाधमनी विच्छेदन वाले लोग कृत्रिम वाल्व (prosthetic valve) या कृत्रिम आरोही महाधमनी (artificial ascending aorta) लगाया जा सकता है।
टाइप बी महाधमनी विच्छेदन (type b aortic dissection) के लिए, महाधमनी की मरम्मत (aortic repair) या एक स्टेंट (a stent) लगाने के लिए एंडोवास्कुलर सर्जरी (endovascular surgery) भी की जा सकती है, जो एक अवरुद्ध मार्ग (blocked pathway) का समर्थन करने के लिए आपके शरीर में रखी गई एक खोखली ट्यूब है। इस प्रकार की सर्जरी ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में कम जोखिम वाली होती है। यह एक जटिल टाइप बी महाधमनी विच्छेदन वाले लोगों के लिए भी किया जा सकता है।
इन दोनों ऑपरेशन के बाद डॉक्टर आपको कुछ दिनों के लिए हॉस्पिटल में रख सकते हैं। क्योंकि इसके बाद आपको स्ट्रोक और एक्यूट किडनी इंजरी का खतरा बना रहता है।
दवाई Medications
अगर रोगी की महाधमनी में विच्छेदन (dissection of the aorta) हो गया है तो ऐसी स्थिति में बढ़ते रक्तचाप को काबू करने के लिए डॉक्टर रोगी को रक्तचाप काबू करने के लिए दवाएं दे सकते हैं। चाहे विच्छेदन का प्रकार कुछ भी हो। उदाहरण के लिए, बीटा-ब्लॉकर्स दवाएं (beta-blockers drugs) हैं जो कि आपके हृदय गति और रक्तचाप दोनों को कम कर सकती है। रोगी अपने दर्द को दूर करने के लिए मॉर्फिन की तरह दवा भी प्राप्त कर सकते हैं।
जिन लोगों को महाधमनी विच्छेदन विकसित होने का खतरा है, जिनमें हालत के पारिवारिक इतिहास वाले लोग भी शामिल हैं, वे अपने जोखिम को कम करने के लिए जीवन शैली के तरीकों का उपयोग कर सकते हैं। इसमें शामिल है:
महाधमनी विच्छेदन से बचाव कैसे किया जा सकता है? How can aortic dissection be prevented?
जिन लोगों को महाधमनी विच्छेदन विकसित होने का खतरा है, खासकर जो लोग उच्च रक्तचाप से जूझ रहे हैं या महाधमनी विच्छेदन का पहले पारिवारिक इतिहास रहा हो उन्हें डॉक्टर से नियमित सलाह लेते रहना चाहिए। इसके साथ ही वह अपनी जीवनशैली में बदलाव करें, जिसके लिए वह निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं :-
नियमित हृदय जांच करवाते रहें, यह देखे कि कहीं कोई समस्या तो उत्पन्न नहीं हो रही है।
अपने रक्तचाप की नियमित रूप से निगरानी करना और उच्च रक्तचाप का उपचार प्राप्त करें।
अपने रक्तचाप को काबू करने के लिए घरलू उपाय अपनाएं।
एक स्वस्थ आहार खाना जो साबुत अनाज, फलों और सब्जियों में उच्च और नमक में कम हो।
तेज मसालेदार और ज्यादा तेल वाले खाने से दूर रहने की कोशिश करें।
नियमित रूप से व्यायाम करें, इससे रक्तचाप काबू में रहता है और दिल भी स्वस्थ बना रहता है।
स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखने की कोशिश करें।
धूम्रपान से परहेज करें।
महाधमनी विच्छेदन के जोखिम को बढ़ाने वाली किसी भी मौजूदा चिकित्सा स्थितियों के लिए उपचार योजना का पालन करना चाहिए।
छाती की चोटों के जोखिम को कम करने के लिए कार में सीट बेल्ट पहने।
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