उत्तर प्रदेश के झाँसी म अब काफी अब्दे स्तर पर कैंसर समेत अन्य गंभीर और सामान्य रोगों की आयुर्वेदिक दवाएं बनेगी। झाँसी स्थित केन्द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान को आयुर्वेदिक दवाएं बनाने के लिए सभी जरूरी मंजूरियां प्राप्त हो चुकी है जिसके बाद अब संस्थान में 169 आयुर्वेदिक दवाएं बनाई जाएगी। आयुर्वेदिक दवाएं बनाने के लिए सभी तय मानकों को परखने के बाद उत्तर प्रदेश के आयुष विभाग ने अनुसंधान संस्थान को यह मंजूरी दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जब से संसथान को यह मंजूरी मिली है तब से ही संस्थान के सभी वैज्ञानिक खुश है और अब इन दवाओं को बनाने की प्रक्रिया में जुट गए हैं।
इस बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए डॉ जी बाबू, केन्द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, निदेशक, झांसी ने कहा कि विभिन्न मानकों पर परखने के बाद ही संस्थान को यह मंजूरी मिली है। उन्होंने बताया कि यहां जो दवाई बनाई जायेंगी वह देश भर के आयुर्वेद संस्थानों में शोध के काम आयेगी। इसके साथ ही संस्थान में आने वाले मरीजों को भी यह दवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि साधारण बीमारियों के साथ ही अस्थमा, हार्ट, किडनी और कई गंभीर बीमारियों के इलाज में भी यह दवाएं काम आएंगी। इतनी दवाओं की मंजूरी एक साथ मिलने वाला यह देश के चुनिंदा संस्थानों में से एक है।
डॉ जी बाबू ने इस आगे बताया कि संस्थान द्वारा दवाओं के उत्पादन के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। दवा बनाने के लिए जो कच्चा माल आता है और उसकी गुणवत्ता की जांच करने के लिए एक टीम बनाई गई है। इसके बाद तीन स्तरीय जांच के बाद ही दवाओं का उत्पादन शुरू होता है। दवाएं बनने के बाद भी उनकी जांच की जाती है। इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि मरीजों को जो दवाएं पहुंचे पूरी तरह से सुरक्षित हों ।
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