मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र Brain and Nervous System Diseases
एक स्वस्थ स्वास्थ्य के लिए एक स्वस्थ मस्तिष्क का होना कितना जरूरी है इस बारे में हम सभी को जानकारी है। जन्म से ही माता-पिता अपने बच्चे का मस्तिष्क विकसित करने में प्रयासरत रहते हैं, जिसके लिए कई उपायों का प्रयोग किया जाता है, जिसमे बादाम का प्रयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। मानव मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र की मदद से कार्य करता है और व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक विकास में सहायता प्रदान करता है। मानव मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र इतना जटिल है कि इनके बारे में जितना जाना जाए उतना ही कम लगता है, वैसे देखा जाए तो इन दोनों के संबंध में लोगो को बहुत ही कम जानकारी है। इस लेख में हम मानव मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के बारे में जानेंगे।
मस्तिष्क क्या है? What is brain?
मस्तिष्क के कितने भाग हैं? How many parts of the brain are there?
अग्रमस्तिष्क Forebrain :- अग्रमस्तिष्क, मस्तिष्क का सबसे बड़ा और सबसे जटिल हिस्सा है। इसमें सभी सिलवटे और खांचे वाला क्षेत्र है जो आमतौर पर मस्तिष्क की तस्वीरों में आपने देखा होगा है। साथ ही इसके नीचे कुछ अन्य संरचनाएं भी होती हैं, जिसमे सेरेब्रम सबसे अहम् माना जाता है।
मस्तिष्क के सबसे अहम् हिस्से सेरेब्रम में वह जानकारी होती है जो अनिवार्य रूप से हमें हमारी पहचान दिलाती है कि हम कौन हैं: हमारी बुद्धि, स्मृति, व्यक्तित्व, भावना, भाषण, और महसूस करने और स्थानांतरित करने की क्षमता। सेरेब्रम के विशिष्ट क्षेत्र इन विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को संसाधित करने के प्रभारी हैं। इन्हें लोब कहा जाता है, जिसके चार भाग होते हैं – ललाट, पार्श्विका, लौकिक और पश्चकपाल लोब।
मध्यमस्तिष्क Midbrain :- मध्यमस्तिष्क, अग्रमस्तिष्क के मध्य के नीचे, मस्तिष्क के अंदर और बाहर जाने वाले सभी संदेशों के लिए रीढ़ की हड्डी में एक मास्टर समन्वयक (master coordinator) के रूप में कार्य करता है। मिडब्रेन के साथ पोंस और मेडुला होने के कारण इसे अक्सर ब्रेनस्टेम कहा जाता है। ब्रेनस्टेम मस्तिष्क के संदेशों को इकट्ठा करता है, भेजता है और शरीर में समन्वय बनाने का कार्य करता है। यह शरीर के कई स्वचालित कार्यों को भी नियंत्रित करता है, जैसे श्वास, हृदय गति, रक्तचाप, निगलने, पाचन और पलक झपकना आदि। यह वह सभी कार्य है जो कि शरीर में हर समय चलते रहते हैं।
पश्च मस्तिष्क Hindbrain :- पश्चमस्तिष्क प्रमस्तिष्क (cerebrum) के पिछले सिरे के नीचे होता है। इसमें सेरिबैलम, पोन्स और मेडुला शामिल होते हैं। सेरिबैलम को "छोटा मस्तिष्क" भी कहा जाता है, क्योंकि यह सेरेब्रम के एक छोटे रूप की तरह दिखता है। यह छोटा मस्तिष्क संतुलन, गति और समन्वय बनाने का कार्य करता है।
तंत्रिका तंत्र क्या है? What is nervous system?
मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र में क्या संबंध है? What is the relationship between the brain and the nervous system?
तंत्रिका तंत्र कैसे काम करता है? How does the nervous system work?
बुद्धि, शिक्षा, और स्मृति (intelligence, learning, and memory) – यह तीन वह चीज़े हैं जिसमें हम जैसे-जैसे विकास करते हैं इसे हम और अच्छे से सीखते हैं और संदेश एक न्यूरॉन से दूसरे न्यूरॉन तक यात्रा करते हैं जिससे यह मस्तिष्क में कनेक्शन या रास्ते बनाते हैं। इसलिए जब कोई पहली बार ड्राइविंग सीखता है तो उमसे ज्यादा एकाग्रता लगती है, लेकिन सिखने के बाद यह अपने आप हमारे व्यवहार में शामिल हो जाती है, जिसकी वजह से न्यूरॉन्स को बड़ी आसानी से मस्तिष्क तक सन्देश पहुंचा देते हैं। वहीं छोटे बच्चे बड़ों के मुकाबले तेजी से सीखते हैं, क्योंकि बड़े लोगों के पास सिखने कीई क्षमता कम होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक उम्र के बाद बड़े लोग मस्तिष्क से काम लेना बंद कर देते हैं और सिखने की सीमा को आगे नहीं ले जा पाते। ऐसा होने के पीछे कई कारण होते हैं, जिसमे व्यस्त जीवन और एकाग्रता की कमी के कारण होता है। इसलिए कई वैज्ञानिक मानते हैं कि नई चीजें सीखने और नए संबंध बनाने के लिए मस्तिष्क को चुनौती देते रहना महत्वपूर्ण है – यह मस्तिष्क को जीवन भर सक्रिय रखने में मदद करता है।
गति ( Motion)– प्रमस्तिष्क के विभिन्न भाग शरीर के विभिन्न भागों को गतिमान करते हैं। मस्तिष्क का बायां भाग शरीर के दाहिने हिस्से की गतिविधियों को नियंत्रित करता है, और मस्तिष्क का दाहिना भाग शरीर के बाईं ओर की गतिविधियों को नियंत्रित करता है। उदाहरण के लिए, जब आप अपनी कार के त्वरक (accelerator) को अपने दाहिने पैर से दबाते हैं, तो यह आपके मस्तिष्क का बायां भाग होता है जो आपको ऐसा करने का संदेश भेजता है।
शरीर के बुनियादी कार्य (Basic Body Function)– परिधीय तंत्रिका तंत्र का एक हिस्सा जिसे ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम कहा जाता है, शरीर की कई प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है, जिनके बारे में हमें लगभग कभी सोचने की आवश्यकता नहीं होती है, जैसे कि श्वास, पाचन, पसीना और कंपकंपी।
सहानुभूति तंत्रिका तंत्र (sympathetic nervous system)– यह शरीर को अचानक तनाव के लिए तैयार करता है, जैसे कि आप कुछ बुरा होते देखते हैं तो आपके शरीर के भाव उसी के हिसाब से बदल जाते हैं। उदाहण के लिए – जब कुछ भयावह होता है, तो सहानुभूति तंत्रिका तंत्र दिल की धड़कन को तेज कर देता है ताकि वह शरीर के विभिन्न हिस्सों में जल्दी से रक्त भेज सके, जिन्हें इसकी आवश्यकता हो सकती है।
पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र (parasympathetic nervous system)– यह तंत्रिका तंत्र सहानुभूति तंत्रिका तंत्र के ठीक विपरीत काम करता है, यह शरीर को आराम के लिए तैयार करता है।
इंद्रियां (senses) – हमारे शरीर में कुल पांच इन्द्रियां काम करती है जिसकी वजह से हम अपने जीवन में उन सभी चीजों को महसूस कर सकते हैं जिन्हें शायद शब्दों में बयाँ करना मुश्किल होता है। हमारे शरीर में निम्न वर्णित कुल पांच इन्द्रियां होती है :-
दृष्टि – यह इन्द्री हमने देखने में मदद करती है।
ध्वनी – इस इन्द्री की वजह से हमारे कान सुनने में सक्षम होते हैं।
स्वाद – यह इन्द्री जीभ द्वारा हमें स्वाद के बारे में उचित जानकारी देती हैं। इसकी वजह से हमें यह ज्ञात होता है कि हम मीठी, खट्टी, नमकीन, कड़वी और नमकीन क्या चीज़ खा रहें हैं।
गंध – यह इन्द्री नाक के जरिये काम करती है और हमें सभी गंधों के बारे में जानकारी प्रदान करती है।
स्पर्श – इस इंद्री की सहायता से हम स्पर्श, दबाव, तापमान और दर्द से संबंधित जानकारी एकत्र करते। यह इंद्री त्वचा के जरिये अपना कार्य करती है।
ऐसा नहीं है कि हमारा तंत्रिका तंत्र हमेशा ही ठीक से काम करता रहे। ऐसा काफी बार होता है कि व्यक्ति को तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्या कुछ समय के लिए भी हो सकती है और यह हमेशा के लिए भी हो सकती है, इस समस्या को आम भाषा में तंत्रिका तंत्र ब्रेकडाउन कहा जाता है।
तंत्रिका तंत्र ब्रेकडाउन क्या है और इसके क्या कारण हैं? What is nervous system breakdown and what causes it?
नर्वस ब्रेकडाउन होने के पीछे के कारणों के बारे में बात करें तो इसके मूल कारण के बारे में ठीक से नहीं बताया जा सकता, क्योंकि हर व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र ब्रेकडाउन होने के पीछे का कारण अलग होता है। नर्वस ब्रेकडाउन दिखाता है यह तनाव की वजह से हुआ है। फिर भी निम्नलिखित कुछ ऐसे कारण है जो कि नर्वस ब्रेकडाउन होने के कारण बन सकते हैं :-
चिंता
अवसाद
खराब नींद
गाली देना
वित्तीय समस्याएँ
खराब प्रेम संबंध
विश्वास की कमी
पौषक आहार न मिलना
अचानक हुई त्रासदी
अचानक से जीवन परिवर्तन
काम पर लगातार तनाव
तंत्रिका तंत्र ब्रेकडाउन के लक्षण क्या है? What are the symptoms of nervous system breakdown?
शारीरिक
मानसिक
व्यवहार में परिवर्तन
चलिए इन तीनों के बारे में जानते हैं :-
शारीरिक परिवर्तन :-
कम ऊर्जा या थकान
आत्महत्या या आत्म-नुकसान के विचार
तनावपूर्ण मांसपेशियां
चिड़चिड़ापन
चिपचिपा हाथ
सिर चकराना
पेट की ख़राबी
पैनिक अटैक
अत्यधिक भय या कयामत की भावना
सांस लेने में दिक्क्त
कांपना या हिलना
पसीना आना
एक त्वरित हृदय गति या दिल की धड़कन
मानसिक परिवर्तन :-
कम आत्म सम्मान
ज्यादा डर लगना
चिड़चिड़ापन
चिंताजनक
असहाय महसूस कर रहा है
आसानी से गुस्सा आना
परिवार और दोस्तों से पीछे हटना
अपनी पसंदीदा गतिविधियों में रुचि खोना
व्यवहार में परिवर्तन :-
खराब खाना और सोना
स्वच्छता से दूर रहना
सामाजिक कार्यों और व्यस्तताओं से बचना
अपने घर में खुद को अलग करना
समय पर खानपान न करना
तंत्रिका तंत्र ब्रेकडाउन को कैसे ठीक किया जा सकता है? How can nervous system breakdown be corrected?
टॉक थेरेपी
उचित दवाएं
जीवन शैली में परिवर्तन
उपचार के दौरान अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें और अपने प्रियों से इस बारे में जरूर बात करें।
Reference :-
Https://Www.Webmd.Com/Mental-Health/Signs-Nervous-Breakdownhttps://kidshealth.org/en/parents/brain-nervous-system.html
https://www.healthline.com/health/mental-health/nervous-breakdown
Mr. Ravi Nirwal is a Medical Content Writer at IJCP Group with over 6 years of experience. He specializes in creating engaging content for the healthcare industry, with a focus on Ayurveda and clinical studies. Ravi has worked with prestigious organizations such as Karma Ayurveda and the IJCP, where he has honed his skills in translating complex medical concepts into accessible content. His commitment to accuracy and his ability to craft compelling narratives make him a sought-after writer in the field.
Please login to comment on this article