‘कैंसर’ यह नाम सुनते ही दिल और दिमाग में डर का माहौल बन जाता है क्योंकि एक समय पर आकर कोरोना वायरस का इलाज मिल सकता है लेकिन कैंसर का इलाज आज तक नहीं बन पाया है और अब शायद ही कभी बन पाए, लेकिन अगर जानकारी और सही उपचार हो इसे पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है
मानव शरीर कईं अनगिनत कोशिकाओं यानी सैल्स से बना हुआ है और इन कोशिकाओं में निरंतर ही विभाजन होता रहता है । यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इसपर शरीर का पूरा नियंत्रण होता है। लेकिन कभी-कभी जब शरीर के किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है और कोशिकाएं बेहिसाब तरीकेसे बढ़ने लगती हैं, उसे कैंसर कहा जाता हैं।
मानव शरीर में जब कोशिकाओं के जीन में परिवर्तन होने लगता है, तब कैंसर की शुरुआत होती है। ऐसा नहीं है कि किसी विशेष कारण से ही जीन में बदलाव होते हैं, यह स्वंय भी बदल सकते हैं या फिर दूसरे कारणों की वजह से ऐसा हो सकता है, जैसे- गुटका-तंबाकू जैसी नशीली चीजें खाने से, अल्ट्रावॉलेट रे या फिर रेडिएशन आदि इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं ।
ज्यादातर यह देखा गया है कि कैंसर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को समाप्त कर देता है, परंतु कभी-कभी कैंसर की कोशिकाएं को इम्यून सिस्टम झेल नहीं पाता और व्यक्ति को कैंसरजैसी लाइलाज बिमारी हो जाती है ।
जैसे-जैसे शरीर में कैंसर वाली कोशिकाएं बढ़ती रहती हैं, वैसे-वैसे ट्यूमर यानि एक प्रकार की गांठ उभरती रहती है। यदि इसका उपचारसही समय पर न किया जाए तो यह पूरे शरीर में फैल जाता है।
डॉक्टर्स और शोधकर्ता मानते हैं कि कैंसर 200 से भी अधिक तरह का होता है औरइसीलिए इनके लक्षण भी विभिन्न होते हैं। लेकिन इस लेख में सिर्फ उन्हीं कैंसर के बारे में बताएंगेजिन्होंने लोगों को बहुत तेजी से अपना शिकार बनाया है । चलिए जानते हैं कि वो कैंसर के कौन से प्रकार हैं –
ब्लड कैंसर
लोगों में सबसे तेजी से बढ़ने वाले कैंसर में ब्लड कैंसर सबसे आगे है। इस कैंसर में व्यक्ति के शरीर की रक्त कोशिकाओं में कैंसर पैदा होने लगता हैऔर इसी के चलते शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और कैंसर बहुत तेजी से शरीर में संक्रमित होना शुरू हो जाता है।
फेफड़ों का कैंसर
फेफड़ों के कैंसर में व्यक्ति की स्थिति बहुत दयनीय और खराब हो जाती है। सांस लेने में परेशानी, बलगम जमने की दिक्कत, हड्डियों-जोड़ों में बेहिसाब दर्द और भूख ना लगना इसके प्रमुख लक्षण हैं । शरीर में भारी कमजोरी का आभास होता है । हर समय बेवजह ही थकान लगी रहती है । फेफड़ों के कैंसर के बढ़ने की वजह धुम्रपान है।
ब्रेन कैंसर
ब्रेन कैंसर व्यक्ति के सिर वाले भाग में पनपता है । ब्रेन कैंसर का ही दूसरा नाम ब्रेन ट्यूमर भी है । इस कैंसर वाले रोगी के दिमाग वाले भाग में एक ट्यूमर यानि गांठ बन जाती है और यह गांठ समय के साथ-साथ बड़ी होने लगती है और धीरे-धीरे पूरे मस्तिष्क में फैल जाती है ।
स्तन कैंसर
स्तन कैंसर या जिसे ब्रैस्ट कैंसर भी कहते हैं, यह विशेषकर महिलाओं को होता है, परंतु ऐसा नहीं है कि यह पुरुषों को नहीं हो सकता । इस कैंसर से ग्रसित औरतों के स्तन में एक प्रकार की गांठ बननी शुरु हो जाती है, जो धीरे-धीरे समयानुसार बढ़ने लगती है । यदि इससे बचाव करना है तो नियमित रूप से स्तन की जांच करवाते रहें।
चर्म यानि स्किन कैंसर
चर्म कैंसर यानि स्किन कैंसर के मामले भी देश में बहुत तेजी से सामने आए हैं । डॉक्टर्स का कहना है कि स्किन कैंसर बहुत अधिक गर्मी में रहने, उचित भोजन न करने और शून्य शारीरिक गतिविधि न करने से शरीर में पनपता है । स्किन कैंसर हर उम्र के व्यक्ति को हो सकता है ।
कैंसर होने की स्थिति में क्या करें और क्या न करें, यह एक समस्या है, परंतु सबसे पहले क्या करना चाहिए, यह हम आपको बताते हैं । अपने नज़दीकी अस्पताल जाकर डॉक्टर से कंसल्ट करें । कैंसर और उसकी स्टेज जानने के लिए कुछ टेस्ट आवश्यक होते हैं और उन्हीं के दम पर डॉक्टर रोगी का आगे का इलाज करता है –
सीबीसी और ड्ब्लूबीसी
सीबीसी टेस्ट से कैंसर की पक्की जानकारी नहीं मिलती परंतु आगे उपचार को किस दिशा में ले जाना है, यह पता चल जाता है। इस टेस्ट का खर्चा मात्र 400 रुपये है।
ड्ब्लूबीसी यानि श्वेत रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर में किसी रक्षक की तरह काम करती हैं ।यह शरीर को रोगों से बचाए रखती है । सामान्य और स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 1क्यूबिक एमएल ब्लड में इनकी संख्या 4 हजार से लेकर 11 हजार होती है।
सीटी स्कैन और एमआरआई
सही और सटीक सीबीसी टेस्ट के बाद उपचार कराने के बाद भी अगर रिपोर्ट बेहतर नहीं आ रही तो डॉक्टर रोगी को सीटी स्कैन और एमआरआई करवाने का परामर्श देता है। सीटी स्कैन और एमआरआई का खर्चा लगभग5 हज़ार से शुरु होकर 7 हज़ार तक होता है।
हीमोग्लोबिन टेस्ट
इंसान के शरीर में ऑक्सिज़न को संभालने वालावाले को हिमोग्लोबिन कहते हैं । यदि किसी की आयु60 से अधिक है तो उसके शरीर में हीमोगलोबिन की मात्रा10 से नीचे नहीं रहनी चाहिएऔर अगर आयु 60 साल से कम है तो ऐसे में हीमोग्लोबिन की पुरुषों में मात्रा 14 से 17 और महिलाओं में 12 से 15 के बीच होनी चाहिए। यदि हीमोग्लोबिन इससे पैमाने से कम या बहुत ज्यादा है तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें ।
बायोप्सी
यह कैंसर की संभावना को पक्का करने के लिए एक उपयुक्त टेस्ट है। बायोप्सी में रोगी के शरीर से एक सैंपल लिया जाता है। वैसे अधिकतर यह ट्यूमर हो सकता है लेकिन सैंपल इस बात को कन्फर्म कर देता है कि ट्यूमर में जो कोशिकाएं हैं वह कैंसर की हैं या नहीं। बायोप्सी का खर्चा 5 हजार से 7 हजार के बीच होता है ।
कैंसर एक ऐसा रोग है, जो धीरे-धीरे हमारे शरीर में पनपता है और समय के साथ-साथ भयंकर रुप ले लेता है परंतु यदि समय पर इसके लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो इसपर काबू पाया जा सकता है
कैंसर के उपचार और कैंसर से लड़ने वाले आहार
फेफड़े का कैंसर क्या है? कारण, लक्षण और उपचार
फेफड़ों के कैंसर और टीबी के बीच अंतर
ब्लड कैंसर क्या है? ब्लड कैंसर के कारण और प्रकार
Please login to comment on this article