किसी भी खाने में खुशबु की बाहर लानी हो तो ऐसे में सबसे ज्यादा छोटी इलायची का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। यह न केवल खाने में महक को बढ़ाने के साथ-साथ खाने के स्वाद को बढ़ा देती है बल्कि खाने में औषधीय गुणों को भी बढ़ा देती है। खीर हो या बिरयानी या फिर कोई मिठाई छोटी इलायची का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है। वैसे तो छोटी इलायची केवल एक साधारण सा मसाला ही है, लेकिन इसमें मौजूद औषधीय गुण इस आम से मसालें को खास बना देते हैं। इसका इस्तेमाल न केवल खाना बनाने बल्कि आयुर्वेद में रोगों से छुटकारा पाने के लिए औषधि के रूप में काफी बड़े स्तर पर किया जाता है। गर्मियों के मौसम में गर्मी से छुटकारा पाने और शरीर को अंदर से ठंडा रखने के लिए छोटी इलायची से बनी ठंडाई और अन्य पेय उत्पाद बनाने के लिए काफी इस्तेमाल किया किया जाता है। तो चलिए इस छोटी से इलाई से मिलने वाले बड़े फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
इलायची के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं, हरी इलायची और काली इलायची। हरी इलायची को मुख्य रूप से छोटी इलायची के नाम से जाना जाता है और कलि इलाइची को बड़ी इलायची के नाम से जाना जाता है। बड़ी इलायची का रंग गहरा भूरा होता है और यह आकार में बड़ी होती है।
छोटी इलायची का वैज्ञानिक नाम एलेट्टेरिया कार्डामोमम (Elettaria cardamomum) है। यह हर तरह के खाने में बड़ी आसानी से प्रयोग की जा सकती है। इससे मीठे और नमकीन पकवान बड़ी आसानी से बनाएं जा सकते हैं। यह मुख्य रूप से तरीदार चीजों, चावल से बनने वाले पकवान और सबसे ज्यादा दूध आधारित पकवानों में काफी ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। इसलिए इसे ठंडे मसालों के श्रेणी में भी रखा जाता है।
बात करें अगर बड़ी इलायची यानि काली इलायची कि तो यह मुख्य रूप से गर्म मसाले के रूप में इस्तेमाल की जाती है। यह ज्यादा तरीदार, मांस, पुलाव और चावल से बनने वाले अन्य व्यंजनों में खास इस्तेमाल की जाती है। इसकी खेती ज्यादातर सिक्किम, पूर्वी नेपाल और भारत के पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में की जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम एमोमम सुबुलाटम (Amomum subulatum) है।
इलायची में कई विटामिन और खनिज होते हैं, साथ ही कुछ फाइबर भी होते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी भी बहुत कम होती है। भारतीय कृषि विभाग के अनुसार, एक चम्मच पिसी हुई इलायची में निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं :
कैलोरी : 18
कुल वसा : 0.4 ग्राम (जी)
कार्बोहाइड्रेट : 4.0 ग्राम
फाइबर : 1.6 ग्राम
प्रोटीन : 0.6 ग्राम
इसमें निम्नलिखित मात्रा में विटामिन और खनिज भी होते हैं:
पोटेशियम: 64.9 मिलीग्राम (मिलीग्राम)
कैल्शियम: 22.2 मिलीग्राम
लोहा: 0.81 मिलीग्राम
मैग्नीशियम: 13.3 मिलीग्राम
फास्फोरस: 10.3 मिलीग्राम
शरीर को डिटॉक्स करने में मददगार Helpful in detoxifying the body
गरमियों के मौसम में अक्सर शरीर में विषैले और हानिकारक पदार्थों की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ जाती है और शरीर अंदर से काफी गर्म होना शुरू हो जाता है। ऐसे में इलायची की मदद से न केवल शरीर को अंदर से ठंडा किया जा सकता है बल्कि शरीर को बड़ी आसानी से डिटॉक्स भी किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इलायची में पानी के सहारे शरीर में मौजूद अशुद्धी निकालने की प्राकृतिक क्रिया को बढ़ावा देने की क्षमता मौजूद होती है। इसी क्षमता के कारण हरी और बड़ी इलायची के फायदे शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त रखने में मदद कर सकते हैं।
अल्सर की रोकथाम करने में मददगार Helpful in the prevention of ulcers
अदरक की तरह, इसकी चचेरी बहन, इलायची पाचन संबंधी बीमारियों में मदद कर सकती है। कुछ लोग इस मसाले का इस्तेमाल पेट को सुकून देने वाली चाय बनाने के लिए करते हैं। यह पेट को अल्सर से बचाने में भी उपयोगी हो सकता है।
हाल के एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने चूहों में एस्पिरिन की उच्च खुराक देकर पेट के अल्सर को प्रेरित किया। फिर उन्होंने चूहों को इलायची का कुछ अर्क दिया, यह देखने के लिए कि यह उनके अल्सर को कैसे प्रभावित करता है। जिन चूहों ने इलायची का अर्क खाया, उन चूहों की तुलना में छोटे और कम अल्सर थे जिन्हें यह नहीं मिला।
एक अन्य अध्ययन ने इसी तरह के निष्कर्ष निकाले। शोधकर्ताओं ने पाया कि इलायची का अर्क, हल्दी और सेंबंग की पत्ती के साथ, चूहों में पेट के अल्सर से बचाने में मदद करता है। कुछ चूहों ने अकेले एस्पिरिन प्राप्त किया, जबकि अन्य ने हर्बल अर्क और फिर एस्पिरिन प्राप्त किया। जिन चूहों ने अर्क प्राप्त किया, उनमें जड़ी-बूटियों को प्राप्त करने वाले चूहों की तुलना में कम और छोटे अल्सर थे।
कैंसर रोधी गुणों से भरपूर Rich in anticancer properties
इलायची में प्राकृतिक फाइटोकेमिकल्स (natural phytochemicals) होते हैं जो कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो सकते हैं। यह कैंसर के इलाज की जगह नहीं ले सकता है, लेकिन कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि मसाले में कैंसर से लड़ने वाले गुण हो सकते हैं।
लीवर को स्वस्थ रखने में मददगार Helpful in keeping liver healthy
आयुर्वेदिक चिकित्सा में लोग इलायची का उपयोग इसके विषहरण गुणों (detoxification properties) के लिए करते हैं, जिस बारे में अभी आपने ऊपर जाना भी। यद्यपि इस लाभ की पुष्टि करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाणों की कमी है, इलायची का लीवर पर कुछ सहायक प्रभाव पड़ता है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
एक अध्ययन में गैर-मादक वसायुक्त लीवर रोग (non-alcoholic fatty liver disease) वाले लोग शामिल थे जो अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त थे। जिन प्रतिभागियों ने हरी इलायची की खुराक ली, उनमें प्लेसबो (placebo) लेने वालों की तुलना में लीवर के स्वास्थ्य के बिन्दुओं में सुधार हुआ।
एक अन्य पशु अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने चूहों को एक उच्च वसा, उच्च कार्बोहाइड्रेट आहार खिलाया और कुछ लीवर स्वास्थ्य बिन्दुओं को मापा। 8 सप्ताह के बाद, इलायची प्राप्त करने वाले चूहों में उन चूहों की तुलना में लीवर के तनाव का स्तर कम था, जिन्होंने पूरक आहार नहीं खाया था। इस खोज से पता चलता है कि इलायची लीवर को कुछ प्रकार के नुकसान से बचाने में मदद कर सकती है। उदाहरण के लिए, एक अध्ययन में पाया गया कि चूहों को इलायची की खुराक 15 दिनों तक देने से उनकी त्वचा के ट्यूमर के आकार और वजन में कमी आई है।
पाचन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा दिलाए Get rid of digestive problems
आजकल के खराब खानपान और लगातार खराब होती जीवनशैली के कारण पाचन से जुड़ी समस्याएँ बहुत ही आम बात हो चली है। इन पाचन समस्याओं में अपच, गैस, एसिडिटी और कब्ज़ जैसी समस्याएँ बहुत ही समस्याएँ हैं, लेकिन यह व्यक्ति को कई अन्य स्वास्थ्य विकार दे सकती है। ऐसे में इलायची की मदद से इन पाचन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। इलायची में ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं और पेट की जलन को कम करते हैं। जिससे एसिडिटी, अपच जैसी समस्याओं से आराम मिलता है।
मुंह की दुर्गंध दूर करने में सहायक Aids in getting rid of bad breath
हरी इलायची खाने के फायदे की बात की जाए तो इसकी लिस्ट काफी लंबी है क्योंकि यह न केवल बड़ी बल्कि छोटी से छोटी समस्या से राहत दिलाने में मददगार है। मुह से बदबू आना भी एक ऐसी समस्या है जिससे तरिबन हर कोई व्यक्ति परेशान रहता है। ऐसे में अगर आप इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको छोटी इलायची खानी चाहिए यह एक प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर के रूप में काम करती है। इससे न केवल आपके मुह से आने वाली बदबू दूर होगी बल्कि आपको इलायची से मिलने वाले भी अन्य फायदे मिलेंगे।
अस्थमा में मददगार Helpful in asthma
इलायची में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो फेफड़ों में खून के प्रवाह को ठीक रखते हैं जिससे फेफड़े स्वस्थ रहते हैं और खांसी या अस्थमा जैसी बीमारियों से बचाव होता है। अगर आप अस्थमा से जूझ रहे हैं तो आप डॉक्टर की सलाह से इसका सेवन कर सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर कम करने में मदद करे Help reduce high blood pressure
एक अध्ययन के अनुसार, इलायची का रोजाना सेवन करने से ब्लड प्रेशर में कमी आती है। इस लिहाज से देखें तो जो लोग हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन के मरीज हैं उन्हें इलायची का नियमित सेवन करना चाहिए। दरअसल, यह शरीर को अंदर से ठंडक देने का काम करती है और इसमें मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज पदार्थ ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
दिल का स्वास्थ्य बनाए रखने में मददगार Helpful in maintaining heart health
कुछ पशु अनुसंधान ने इलायची को हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ जोड़ा है, हालांकि शोधकर्ताओं को यह जानने से पहले कि मसाला मानव हृदय स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है, कई और अध्ययन आवश्यक हैं।
चूहों पर एक अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि इलायची दिल के दौरे से बचाने में मदद कर सकती है। लेखकों का सुझाव है कि इसकी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधियां हृदय समारोह में सुधार करने में मदद कर सकती हैं, लेकिन वे इन निष्कर्षों की पुष्टि के लिए मनुष्यों में अध्ययन की आवश्यकता पर ध्यान देते हैं।
चूहों में एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि इलायची का तेल चूहों में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सुधारने में मदद कर सकता है। शोधकर्ताओं ने चूहों को 8 सप्ताह तक उच्च कोलेस्ट्रॉल वाला आहार दिया। इलायची प्राप्त करने वाले चूहों में अध्ययन के अंत में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर काफी कम था।
मेटाबोलिक सिंड्रोम और मधुमेह में मददगार Helpful in metabolic syndrome and diabetes
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि इलायची मेटाबोलिक सिंड्रोम के कुछ पहलुओं में मदद कर सकती है। मेटाबोलिक सिंड्रोम स्वास्थ्य स्थितियों का एक समूह है जो हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह का कारण बन सकता है। इसमें शामिल है:
मोटापा
उच्च रक्त शर्करा
उच्च रक्तचाप
उच्च ट्राइग्लिसराइड्स
उच्च कोलेस्ट्रॉल
अच्छे कोलेस्ट्रॉल का निम्न स्तर
एक पशु अध्ययन में, जिसमें शोधकर्ताओं ने चूहों को कार्बोहाइड्रेट और वसा में उच्च आहार खिलाया, इलायची पाउडर का सेवन करने वाले कृन्तकों का वजन कम था और उन लोगों की तुलना में बेहतर कोलेस्ट्रॉल था जिन्हें यह पूरक नहीं मिला था। एक डबल-ब्लाइंड ट्रायल में पाया गया कि इलायची कुछ बायोमार्कर को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है जो सूजन और बीमारी का कारण बन सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने उन महिलाओं को भर्ती किया जिनका वजन अधिक था या जिन्हें मोटापा था और जिन्हें प्रीडायबिटीज और उच्च कोलेस्ट्रॉल भी था। उनके निष्कर्षों से पता चला कि जिन महिलाओं ने 8 सप्ताह तक इलायची का सेवन किया उनमें सी-रिएक्टिव प्रोटीन, इंफ्लेमेटरी प्रोटीन और अन्य मार्करों का स्तर कम था जो स्वास्थ्य समस्याओं में योगदान कर सकते हैं। एक अन्य अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने टाइप 2 मधुमेह वाले 83 लोगों को हरी इलायची या एक प्लेसबो दिया। इलायची लेने वालों ने 10 सप्ताह के बाद बेहतर हीमोग्लोबिन A1c और इंसुलिन के स्तर सहित स्वास्थ्य लाभ देखा।
नपुंसकता दूर करने में मददगार Helpful in removing impotence
नपुंसकता सेक्स से जुड़ी एक ऐसी समस्या है जो कि सेक्स लाइफ को बर्बाद कर देती है, ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए हर संभव उपाय को अपनाना चाहिए। बहुत कम लोग यह जानते हैं कि छोटी इलायची खाने से नपुंसकता दूर करने में मदद मिलती है। इलायची में कामोत्तेजक गुण होते हैं और यह पुरुषों और महिलाओं दोनों की सेक्स की इच्छा बढ़ाने में मदद करती है। अगर आपकी सेक्स लाइफ नीरस हो गई है तो आप भी इलायची (Cardamom) का सेवन शुरु करें और अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाएं।
आपने अभी ऊपर जाना कि छोटी इलायची की मदद से कितने सारे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि इससे केवल फायदे ही मिले। अगर आप छोटी इलायची का ज्यादा सेवन करते हैं या गलत इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपको कुछ स्वास्थ्य नुकसानों का भी सामना करना पड़ सकता हैं। हरी इलायची की वजह से अक्सर निम्नलिखित स्वास्थ्य नुकसान हो सकते हैं :-
डायरिया
त्वचा में जलन
जीभ में सूजन
कब्ज
किसी भी चीज़ का हमेशा सिमित मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आप इलायची को औषधि के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बिना डॉक्टर की सलाह से इस्ला प्रयोग न करें। डॉक्टर आपको आपके स्वास्थ्य विकार के हिसाब से इलायची का प्रयोग और मात्रा के बारे में बेहतर जानकारी दे सकते हैं।
Mr. Ravi Nirwal is a Medical Content Writer at IJCP Group with over 6 years of experience. He specializes in creating engaging content for the healthcare industry, with a focus on Ayurveda and clinical studies. Ravi has worked with prestigious organizations such as Karma Ayurveda and the IJCP, where he has honed his skills in translating complex medical concepts into accessible content. His commitment to accuracy and his ability to craft compelling narratives make him a sought-after writer in the field.
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