घुटने इंसानी शरीर में वह अंग होते हैं जो शरीर के लिए वेटलिफ्टर का काम करते हैं यानि मनुष्य के लिए उसके शरीर का भार उठाते हैं ।घुटने की हड्डी को जोड़ने वाले सिरे में कार्टिलेज होती है जो चिकनी और रबर जैसे मुलायम टिश्यू का एक समूह होती है और यह घुटनों के जोड़ों को सही तरीके से मोड़ने और घुमाने में सहायता करती है ।
चोट लगने से इस कार्टिलेज को नुकसान होता है, जिससे यह कार्टिलेज धीरे-धीरे घिसने लगता है और घुटने के दर्द या सूजन की शिकायत व्यक्ति को होना शुरु हो जाती है । परंतु ऐसा कईं बार देखा गया है कि किसी प्रकार की चोट न लगने के बावजूद भी लोग अर्थराइटिस और न जाने घुटनों से संबंधित कईं तरह के रोगों से पीड़ित हो रहे हैं । ऐसा इसलिए हैं क्योंकि इसके और भी कारण हैं, आइए जानते हैं :
मोटापा या अधिक वजन:इस बात का आप अवश्य ध्यान रखिए कि यदि आपका वजन अधिक है या आप किसी प्रकार के मोटापे के शिकार हैं तो भविष्य में पूरी उम्मीद है कि आपको घुटनों या जोड़ों में दर्द हो सकता है । ऐसा इसीलिए है क्योंकि अगर शरीर का वज़न ज़्यादा है तो शरीर का सारा वज़न घुटनों पर होगा और इसी वजह से घुटनों में दर्द होना स्वाभाविक है ।
पैरों की कमज़ोरी के कारण:कुछ लोगोंके पैरों में कुछ कमज़ोरी होती है, जैसे उनके पैर सीधे न होकर थोड़े टेड़े यामुड़े हुए होते हैं तो ऐसेमें शरीर का वजन एक ही घुटने पर आ जाता है, जिससे घुटनों में दर्द और गठिया होने की संभावना बढ़ जाती है । पैर की ऐसी कमज़ोरियां सर्जरी द्वारा ठीक हो सकती है।
कुछ कामों के कारण : कुछ ऐसे काम या धंधे होते हैं जिसमें घुटनों के सहारे या पैरों को मोड़कर पूरे दिन बैठना पड़ता है, जैसे कारपेंटर, इलेक्ट्रीशियन, दुकानदार आदि । पूरे दिन घुटनों को मोड़कर रखने से ऐसे लोगों में घुटनों के दर्द की संभावना अधिक हो जाती है, परंतु फिज़ियोथैरेपी और नियमित व्यायाम की सहायता से इस समस्या से राहत मिल सकती है ।
संक्रमण के कारण: कभी-कभी टीबी और बैक्टीरियल संक्रमणकी वजह से भी घुटनों से जुड़ी दिक्कतें आ सकती हैं । इंन्फेक्शन की वजह से घुटनों में दर्द, सूजन या फिर अकड़न आने की शिकायतहो सकती है ।ऐसे में दर्द का कारण जानने के लिएखून की जांच, एक्स-रे, एमआरआई स्कैन आदि कराना ही पड़ता है ।
ट्यूमर:घुटनों में दर्द या सूजन आना कभी-कभी कैंसर के लक्षण भी हो सकते हैं । यदि शरीर में कैंसर या ट्यूमर जन्म ले चुका है तब भी यह होता हैं, परंतु ऐसे में लोग इसे पहचान नहीं पाते । कैंसर या ट्यूमर की वजह से हो रहे घुटनों के दर्द से छुटकारा एक्स-रे, एमआरआई स्कैन, बायोप्सी या सर्जरी द्वारा संभव है ।
खेलकूद: यूं तो खेलकूद स्वस्थ बने रहने के लिए सबसे उत्तम है परंतुकईं बार खेलकूद करने में घुटने के कार्टिलेज पर अधिक दबाव पड़ जाता है, जिससे घुटनों में दर्द शुरु हो जाता है । इसी तरह कभी-कभी शरीर की क्षमता से अधिक दौड़ने पर भी यह दिक्कत हो सकती है । ऐसे केसों में फिज़ियोथैरेपी या शारीरिक व्यायाम फायदा देते हैं ।
अधिक जिम या कसरत के कारण:हर व्यक्ति अपने पूरे जीवन में फीट रहना चाहता है और बढ़ती उम्र के साथ फिट रहना एक चुनौती है, लेकिन कभी-कभी कुछ लोग फिट रहने के चलते अपनी उम्र और शारीरिक क्षमता से अधिक उछल-कूद जिम में कर देते हैं, जिनसे उन्हें घुटनों की समस्या होनी शुरु हो जाती है ।
ओस्टियोअर्थराइटिस
कुछ केसों में कार्टिलेज पूरी तरह डैमेज हो जाती है और घुटनों में अकड़न के साथ पीड़ा का अनुभव होता है, इसे ही ओस्टियो अर्थराइटिस कहते हैं, यह बहुत पीड़ादायक क्षण है, परंतु यदि भार को नियंत्रित किया जाए,फिज़ियोथैरेपी की जाए और सही दवाइयां ले ली जाए तो, इससे बचा जा सकता है ।
दिनचर्या को बदलें
घुटनों में दर्द होना कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह हमारी खराब हो चुकी जीवनशैली का ही एक परिणाम है ।इससे पूरी तरह बचा जा सकता है, बस शर्त इतनी है कि लोगों को अपनी लाइफस्टाइल को बदलकर हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करना होगा :
डाइट में जितना हो सके कैल्शियम को शामिल करें और इसके अलावा बादाम, सोया और हरी सब्ज़ियों का सेवन करें । याद रखिए फैट बढ़ाने वाली डाइट ग्रहण न करें ।
विटामिन-डी का भोजन में भरपूर प्रयोग करें, इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में धूप लें । विटामिन- डी की कमी को पूरा करने के लिए अंडों का भी भरपूर सेवन करें ।
मोटापा या अधिक वज़न हैं तो उसे नियंत्रित करें । योग करें, व्यायाम करें, पानी अधिक पीएं और जितना हो सके फैट बढ़ाने वाले भोजन से दूर रहें ।
ध्यान रहें कि अगर दौड़ लगा रहे हैं तो घास, रेत या बालू वाली सतह पर ही दौड़ें, किसी सीमेंट वाली या ठोस जगह पर न दौड़ें, घुटनों पर दबाव आता है, जिससे तकलीफ हो सकती है ।
घुटनों में दर्द, सूजन यदि लंबे समय तक रहती है तो इसे हल्के में न लें, फौरन किसी ऑर्थोपेडिक सर्जन से कंसल्ट करें ।
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I am a Certified fitness professional, also giving my services as an Fitness & Rehab Trainer in Sports Injury Centre at Safdarjung Hospital, New Delhi.
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