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कंडोम के उपयोग, लाभ व जानकारी। Condom in Hindi

Published On: 08 Jul, 2021 11:33 AM | Updated On: 25 Dec, 2024 8:04 AM

कंडोम के उपयोग, लाभ व जानकारी। Condom in Hindi

कंडोम | Condom Meaning in Hindi

कंडोम रबड़ और प्लास्टिक के मटेरियल का बना हुआ छोटा और पतला पाउच होता है, जो यौन संबंध के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। कान्डम कई प्रकार और फ्लेवर के होते है और किसी भी फार्मेसी पर आसानी से उपलब्ध होता है। कंडोम कई तरह के सेक्सुअल ट्रांसमिशन रोग से बचाने मे फायदेमंद होता है जैसे HIV/AIDS, सिफिलिस, और इत्यादि। अनचाहे प्रेग्नन्सी, फैमिली प्लैनिंग और जनसंख्या नियंत्रण मे भी मदद करता है।  भारत का “नैशनल फैमिली प्लैनिंग प्रोग्राम” के तहत कन्डोम को फैमिली प्लैनिंग मेथड के तौर पर 1960 मे लाया गया था।   शत-प्रतिशत सुरक्षित रहने की गारंटी के लिए संयम ही एकमात्र तरीका है। फिर भी, यौन रूप से सक्रिय किसी भी व्यक्ति के लिए कंडोम अब तक की सबसे अच्छी सुरक्षा है। इसके बारे मे अक्सर लोग खुली तौर पर बात नहीं करते इसलिए लोगों को इसकी सही जानकारी और फायदे के बारे मे नहीं पता है जैसे कंडोम सिर्फ आदमी द्वारा इस्तेमाल होता है पर ऐसा नहीं है महिलाये भी कान्डम (फीमेल कंडोम) का इस्तेमाल कर सकती है।


कंडोम यूज करने के 8 फायदे : -


कंडोम सेक्सुअल ट्रांसमिटेड रोग (SID) मे कारगर -:
एचआईवी/एड्स, सिफिलिस, गोनोरिया जैसे सेक्सुअल ट्रांसमिटेड रोग यौन संबंध के कारण फैलते है और कंडोम का इस्तेमाल इन SID रोगो से बचाने मे पूरी तरह सक्षम है। यौन संबंध के दौरान दोनों पार्टनर के द्वारा कान्डम या महिला कान्डम का यूज उन्हे कई तरह के इन्फेक्शन, बीमारी से पहले ही बचा सकता है और एक सुरक्षित जिंदगी देता है। आज एक वजह ये भी है की एड्स पहले से काफी कम हो रहा, इन बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए सरकार ने भी कई प्रोग्राम चलाए कंडोम के बारे मे लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए ।  कंडोम का उपयोग सर्वाइकल कैंसर की कम दर से भी जुड़ा है, जो एचपीवी (Human papillomavirus) से जुड़ी बीमारी है। यह जरूरी है कि यौन रूप से सक्रिय युवाओं के पास अपने स्वास्थ्य और अपने जीवन की रक्षा के लिए कंडोम तक पहुंच हो।

कंडोम अनचाहे प्रेग्नन्सी को रोक सकता है -:
कंडोम का इस्तेमाल आपके अनचाहे प्रेग्नन्सी को रोकने मे कारगर साबित हो सकता है। प्रेग्नन्सी रोकने मे भले ये 100 फीसदी सक्षम नहीं है लेकिन ऐसा नहीं की ये बिल्कुल प्रभावी नहीं है, आज भी कान्डम अनचाहे प्रेग्नन्सी को रोकने के लिए बेस्ट मेथड मे से एक है। एक अध्ययन के मुताबिक कान्डम से अगर प्रेग्नन्सी न रुकने के कारण इसकी ज्यादातर वजह कान्डम का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करना है, इसलिए जरूरी है की यौन संबंध के दौरान कान्डम का साइज़ सही ले और इसका यूज सही तरीके से करे । ज्यादा बचाव के लिए लोग दो कंडोम का इस्तेमाल करते है, लेकिन ये और भी गंभीर साबित होगा क्योंकि दो कान्डम के घरसन के कारण कान्डम पहले ही डैमेज होके बाहर निकल सकता है। 

कान्डम के यूज के लिए तैयारी की जरूरत नहीं –
कंडोम यूज करने का एक फायेदा यह भी है की इसमे पहले से कोई तैयारी की जरूरत नहीं होती। इसे सीधे यौन संबंध के समय इस्तेमाल कर सकते है। इसका इस्तेमाल करना असान, और सुरक्षित होता है। इसका समान्यतः कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है और महिलाये अपने पीरीअड के दौरान भी फीमेल कान्डम का इस्तेमाल कर सकती है।  


कंडोम जनसंख्या नियंत्रण मे कारगर -  
कंडोम जनसंख्या के नियंत्रण मे भी प्रभावित है। यही वजह है की नेशनल लेवल पर कई प्रोग्राम के तहत कंडोम के बारे मे जागरूकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। कान्डम के जरिये फॅमिली प्लैनिंग के साथ जनसंख्या नियंत्रण मे योगदान दे सकते है। आज भी कान्डम के इस्तेमाल को लेकर ज़्यादतर लोगों के मन हिचक रहती है, कोंडम शब्द का जिक्र करने मे भी लोगों को शर्म आती है। एक वजह ये भी है की कान्डम का इस्तेमाल आज भी देश मे कम है खासकर ग्रामीण इलाके मे। 

कंडोम का कीमत भी सस्ता है-: 
कान्डम का एक और फायेदा है की इसे कोई भी आसानी से यूज कर सकता है क्योंकि इसका दाम कम है, और कोई भी इसे अफोर्ड कर सकता है। ये आसानी से किसी भी मेडिकल स्टोर मे मिल जाएगा।   1968 मे कंडोम के प्रति लोगों मे जागरूकता फैलाने के लिए, भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) की टीम ने सरकार को कंडोम आयात करने और उन्हें 5 पैसे प्रति कंडोम के हिसाब से बेचने का सुझाव दिया, जो औसत भारतीय के लिए सस्ती थी।  आज के तारीख मे इसकी कीमत करीब 20 रुपए से शुरू होती है।

कंडोम शारीरिक संतुष्टि देता है -:
कंडोम का फायदा या विशेषता है की ये कई प्रकार, फ्लेवर और कई अलग-अलग बनावट का होता है जैसे रिबड कंडोम इसकी बाहरी सतह पर उभरी हुई धारिया होती है जो उत्तेजना को बढ़ाता है। ऐसे ही कई तरह के अलग प्रकार के कंडोम है जिसके अपनी-अपनी विशेषता है। कान्डम का इस्तेमाल पार्टनर के बीच दिलचस्पी बढ़ाने का काम करता है; पार्टनर को एक दूसरे के प्रति संतुष्ट करता है, और उस पल को कपल के लिए खास बनाने मे मदद करता है।   

कंडोम के साइड एफ़ेक्ट नहीं होते -:     
अधिकांश लोग बिना किसी समस्या के कंडोम का उपयोग कर सकते हैं - इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं। शायद ही कभी, लेटेक्स (रबर) कंडोम लेटेक्स एलर्जी या संवेदनशीलता वाले लोगों के लिए जलन पैदा कर सकता है। और कभी-कभी कुछ प्रकार के कंडोम पर चिकनाई परेशान कर सकती है।
यदि आपको लेटेक्स से एलर्जी है, तो ब्रांड बदलने या प्लास्टिक कंडोम का उपयोग करने की कोशिश करें। पॉलीयुरेथेन, पॉलीसोप्रीन और नाइट्राइल जैसे नरम प्लास्टिक से बने कंडोम और आंतरिक कंडोम लेटेक्स-मुक्त होते हैं। आप नॉन-लेटेक्स कंडोम उन्हीं जगहों से खरीद सकते हैं जहाँ मानक कंडोम बेचे जाते हैं।

कंडोम को लेने के लिए किसी प्रिस्क्रीप्शन की जरूरत नहीं -:
कंडोम को खरीदने के लिए किसी डॉक्टर के प्रिस्क्रीप्शन की जरूरत नहीं है, इसलिए इसे बिना किसी हिचखिचाहट से लिया जा सकता है। कई जगह तो जागरूकता प्रोग्राम के तहत मुफ़्त मे भी मिलती है ।  बहुत सी गर्भनिरोधक तरीकों के लिए डॉक्टर के प्रिस्क्रीप्शन के साथ हेल्थ केयर सलाहकार की भी सीधे तौर पर जरूरत पड़ती है। ये टीन ऐज प्रेग्नन्सी को रोकने के लिए भी बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है। कंडोम का इस्तेमाल सभी के लिए सुरक्षित है, ये सारे बताए गए फायदे पूरी तरह से मान्य है और इनको ध्यान मे रखकर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। फिर भी अगर आपको कोई सवाल या शक है कंडोम को लेकर तो आप बिना हिचक के किसी भी हेल्थ केयर कन्सल्टेन्ट से राय ले सकते है।      

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