24 घंटे मे 185 नए कोरोना केस, और 4 करोड़, 41 लाख 42 हजार 432 रिकवरी केस दर्ज हुए
चीन में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों ने दुनिया भर में एक बार फिर से ख़ौफ़ का माहोल बना दिया है। कोविड-19 की सूनामी जो पूरे चीन में जोर पकड़ रही है, चिंता पैदा कर रही है कि एक साल से अधिक समय में पहली बार एक खतरनाक नया वायरस संस्करण उभर सकता है, जैसे कि इस तरह के खतरे को पकड़ने के लिए आनुवंशिक अनुक्रमण घट रहा है।
महामारी के दौरान चीन जिस रास्ते पर चल रहा है, उसके कारण चीन की स्थिति अद्वितीय है। जबकि दुनिया के लगभग हर दूसरे हिस्से ने संक्रमणों से जूझ लिया है और शक्तिशाली mRNA शॉट्स के साथ अलग-अलग डिग्री के टीकाकरण को अपना लिया है, चीन ने बड़े पैमाने पर दोनों को दरकिनार कर दिया है। नतीजा यह है कि कम स्तर की प्रतिरक्षा वाली आबादी वायरस के सबसे संक्रामक तनाव के कारण होने वाली बीमारी की लहर का सामना कर रही है जो अभी तक प्रसारित नहीं हुई है।
चीन में बढ़ते मामलों का असर अब बाकी देशों में भी दिखाई दे रहा है, जिससे भारत भी अछूता नहीं रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में बुधवार को ओमिक्रॉन सबवैरिएंट BF.7 (Omicron Sub variant BF.7) के चार मामले सामने आए हैं। आपको बता दें कि ये वही कोरोना का वही रूप है जिसने चीन में आतंक मचाया हुआ है। गुजरात जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र द्वारा अक्टूबर में भारत में BF.7 के पहले मामले का पता चला था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी शहर वर्तमान में अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन स्ट्रेन की चपेट में हैं, ज्यादातर BF.7 जो बीजिंग में फैलने वाला मुख्य प्रकार है और उस देश में कोविड संक्रमण के व्यापक उछाल में योगदान दे रहा है। एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से मीडिया ने बताया कि "चीन में BF.7 की उच्च संप्रेषणीयता को पिछले संक्रमण से चीनी आबादी में प्रतिरक्षा के निम्न स्तर और संभवतः टीकाकरण के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।"
एक नए विश्लेषण में आशंका जताई गई है कि चीन में हर दिन संभवतः 10 लाख लोग संक्रमित हो रहे हैं और 5 हजार लोगों की प्रति दिन वहां मौत हो रही है। विश्लेषणकर्ताओं का कहना है कि आने वाले दिनों में चीन में स्थितियां और भी बिगड़ सकती हैं। लंदन के ऐनालिटिक्स फर्म एयरफिनिटी लिमिटेड के मुताबिक, चीन में जनवरी में हर दिन 37 लाख नए कोरोना केस मिल सकते हैं। इस फर्म का कहना है कि अगर इसी रफ्तार से चीन में कोरोना का संक्रमण बढ़ता रहा तो मार्च में वहां हर दिन 42 लाख लोग संक्रमण के शिकार हो सकते हैं।
भारत में कोरोना के हाल
फिलहाल भारत में कोरोना के मामले बहुत कम है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आकड़ों के अनुसार में देश भर में कोरोना वायरस संक्रमण के 185 नए मामले सामने आए हैं। जिसके बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4,46,76,515 पर पहुंच गई है, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 3,402 रह गई है।
वहीं, जारी आकड़ों के अनुसार, राजधानी दिल्ली में संक्रमण से एक और मरीज की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,30,681 हो गई है। कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 3,402 रह गई है, जो कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में छह मामलों की कमी दर्ज की गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आकड़ों के मुताबिक, भारत में मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98।80 प्रतिशत है। देश में अभी तक कुल 4,41,42,432 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोरोना वायरस रोधी टीकों की 2,20 करोड़ 02 लाख 12 हज़ार 178 लोगों को कोरोना कि खुराक दी जा चुकी हैं। वहीं बीते 24 घंटे में 66 हजार 197 लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज़ दी गई। मौजूदा आकड़ों में पहली और दूसरी डोज दोनों शामिल है, कोरोना टीकों के यह आकड़ें केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किये गये हैं। अगर कल हुई कोरोना जांचों के बारे में बात करें तो 15,11,321 कोरोना जांच की गई जिसके बाद कुल जांचों का आकड़ा बढ़कर 74,61,96,071 तक पहुँच गया है।
गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
कैसे करें घर पर कोविड 19 के इलाज की तैयारी ?
कोविड-19 के लक्षण-
ओमिक्रोन के लक्षण
सबसे के आम लक्षण
· दस्त
· सिरदर्द
· बदन दर्द
· गले में खराश
· लाल आँखें होना
· त्वचा पर दाने या त्वचा फटना
· हाथ-पैरों की उंगलियों का रंग बदलना।
ओमिक्रोन के गंभीर लक्षण
· सांस लेने में तकलीफ होना
· सांस उखड़ कर आना
· बोलने या चलने में दिक्कत
· भ्रम होना या सीने में दर्द।
कोविड के शुरुआती लक्षण है -
·
· हल्का बुखार
· सर दर्द
· सर्दी
· खांसी
कोविड के गम्भीर लक्षण है -
· सांस लेने मे दिक्कत या सांस फलना
· ओक्सिजन का कम होना
· स्वाद ना आना
· सीने मे दर्द होना
· कमजोरी महसूस होना
कम दिखने वाले लक्षण/नए लक्षण -
· आंखो का लाल या गुलाबी होना
· सुनने मे परेशानी
· जीभ पर जलन / कोविड टंग
· पेट या आंत मे परेशानी होना
कोविड का गम्भीर कोम्प्लिकेसन -
बाल झड़ने की समस्या
कोरोना से ठीक हुए लोगो मे बाल झड़ने की समस्या सामने आयी है। डॉक्टर के मुताबिक, 100 मे से 25 मरीजो मे यह समस्या हो रही है। बाल झड़ने की परेशानी मध्यम या गंभीर मरीजो मे पायी जा रही है।डॉक्टर के अनुसार बायोटिन विटामिन कम होने के कारण यह हो रहा है। यह समस्या के कारण छतीसगढ के सरकारी एवं निजी अस्पतालों मरीज आ रहे और रायपुर मे ऐसे केस सामने आए है।
कमर और पैर दर्द
कोरोना से ठीक हुए लोगो मे कई साइड इफेक्ट देखे जा रहे, जिसमे सबसे आम कमर दर्द और पैरों मे खिचाव है। डॉक्टर ऐसे मरीजो को विटामिन डी और सी खाने की सलाह दे रहे।
टयूबरकुलोसिस (टी ।बी)
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को सभी कोरोना सकारात्मक मरीजो के लिए टी।बी जांच और सभी टीबी मरीजो के लिए कोरोना जांच की सिफारिश की।कोरोना किसी भी संक्रमित व्यक्ति को टयूबरकुलोसिस के लिए सवेदंशील बना सकता है, हालांकि अभी इसका कोई पक्का सबूत नही है की ये वायरल बिमारी से फैलता है।
एवस्कुलर नेक्रोसिस
एवस्कुलर नेक्रोसिस, या हड्डी के टीसु की मृत्यु, दो महीने पहले म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फन्गस के प्रकोप के बाद अब पोस्ट कोविड रोगियों में अगली दुर्बल करने वाली स्थिति हो सकती है।अब तक इसके 3 मरीज मुंबई मे मिल चुके है और डॉक्टर को डर है की ब्लैक फन्गस के तरह इसका भी आउटब्रेक ना हो। ये भी स्टेरॉईड का साइड इफेक्ट के कारण हो रहा है।
रेस्पाईरेटरी प्रॉब्लम
रेस्पाईरेटरी प्रॉब्लम ज्यादतर कोविड मरीज को हो रही है जिसमे ठीक से सांस ना आना, सीने मे दर्द रहना शामिल है।कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव रेस्पाईरेटरी पार्ट पर ही पड़ता है, जिसके कारण कई परेशानी भी हो रही है जैसे ऐक्यूट रेस्पाईरेटरी फेलियर, ऐक्यूट कर्डिक इन्जूरी, इत्यादी।
फ्लारेसीस
फ्लारेसीस भी कोरोना का कोम्प्लिकेसन है जिसमे पैर काफी हद तक फुल जाते है।इसे हाथी पैर भी कहते है। इसमे चलने मे परेशानी होता है क्योंकि पैर भारी हो जाता है।
ब्लैक फंगस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा, देश में अब तक म्यूकोर्मिकोसिस या 'ब्लैक फंगस' के 45,374 मामले सामने आए हैं। जबकि देशभर में इस बीमारी से अब तक 4,332 मरीजों की मौत हो चुकी है।ब्लैक फंगस को विज्ञान भाषा में म्यूकोरमीकोसिस कहते है, इस बीमारी से मरीज़ो की तकलीफे बढ़ गयी थी। ये स्टेरॉइड का साइड इफेक्ट के करण हो रहा है। हालाकि अब तो इसके केस देश मे काफी हद तक कम हो गए है।ये फंगस मिटटी, खाद, सड़े फल या सब्जियों में पनपता है जो की हवा और इंसान के बलगम में भी पाया जा सकता है।ये नाक से, मिटटी के संपर्क या खून के ज़रिये शरीर में दाखिल हो सकता है और त्वचा, दिमाग, और फेफड़ो को निशाना बना सकता है , इसमें मृत्यु दर 50 प्रतिशत तक हो सकती है। इसके इलाज में मरीज़ो के आँख तक निकलने की नवबत आ सकती है।
ICMR ने सुझाव दिया है की जिन कोविद पेशेंट को डायबिटीज है और जिन्होंने स्टेरॉयड के ओवरडोज़ लिए है वो अपना खास ख्याल रखे और किसी भी तरह की परेशानी पर डॉक्टर से संपर्क करे।
ब्लैक फंगस को ठीक करने वाली दवा लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन बी, जो की एंटीफंगल ड्रग है। इसके आलावा येलो फंगस, एस्परगिलोसिस फंगस, और वाइट फंगस भी स्टेरॉइड का साइड इफेक्ट है, जो दो से तीन महिने पहले काफी ऐक्टिव था।अब राहत की बात है इन फंगस के मामले काफी हद तक कण्ट्रोल मे आ गए है। कोरोना के खतरे के बावजूद देश मे अभी भी लापरवाही की कई तस्वीर सामने आ रही जिसमे लोग न मास्क पहने नजर आ रहे और न ही सोशल डिस्टन्स का पालन कर रहे, एक्सपर्ट और डॉक्टर का कहना है की अगर ऐसा ही रहा तो तीसरी लहर का सामना जल्द करना पड़ेगा ।
रेफरेंस लिंक -
1। https://bit।ly/2VJHgeH
2। https://bit।ly/3xH6Vlo
3। https://bit।ly/2XfTyMx
Recipient of Padma Shri, Vishwa Hindi Samman, National Science Communication Award and Dr B C Roy National Award, Dr Aggarwal is a physician, cardiologist, spiritual writer and motivational speaker. He was the Past President of the Indian Medical Association and President of Heart Care Foundation of India. He was also the Editor in Chief of the IJCP Group, Medtalks and eMediNexus
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