चीन के वुहान शहर से शुरु हुए कोरोना वायरस का प्रकोप पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत पर भी बरसा है। चीन में तबाही मचाने के बाद कोरोना वायरस अमेरिका, इटली, स्पेन समेत दुनिया के अलग-अलग देशों में तबाही मचा रहा है।
भारत में इस वायरस पर काबू पाने के लिए पूरे भारत को लॉकडाउन कर दिया गया है । सरकार, प्रशासन और मीडिया बार-बार इस वायरस के खिलाफ जागरूकता चाहिए और क्या नहीं, इसे लेकर भी लोगों में भ्रम की स्थिति है। इसलिए इस घातक वायरस से बचाव के लिए कौन से कदम उठाने चाहिए, यह आपके लिए जानना बहुत आवश्यक है ।
कोरोना वायरस यानी COVID 19 एक ऐसा वायरस है जो व्यक्ति से व्यक्ति में स्पर्श द्वारा, सांसों से निकली बूंदों के द्वारा, समीपता के द्वारा फैलता है । यह वायरस मुख्य रुप से स्वास नली और फेफड़ों को निष्क्रिय करता है । इस वायरस के संक्रमण से तेज़ बुखार और सांस लेने में परेशानी होती है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन(WHO) की मानें तो, कोरोना वायरस का संबंध सी-फूड यानि समुद्री भोजनसे है और इसकी शुरुआत चीन के हुवेई प्रांत के वुहान शहर के एक सी-फूड बाजार से हुई है। चिंता की बात यह है कि यह वायरस व्यक्ति में व्यक्ति द्वारा बड़ी आसानी से फैल जाता है ।
कोरोना वायरस एक फैलने वाला वायरस है जो व्यक्ति से व्यक्ति में फैलता है और आज इसी वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है । कोरोना वायरस के इतनी बड़ी तादाद में फैलने की वजह है लोगों का आवागमन । जो लोग कोरोना के इस वायरस से संक्रमित हुए, तो वह जिस किसी के भी संपर्क में आए, उन सभी में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला गया और दूसरा यह कि कोरोना वायरस सतहों पर घंटों तक जीवित रह सकता है और इसी कारण संक्रमित लोगों ने जब भी किसी वस्तु को कहीं पर स्पर्श किया और उसी जगह को किसी दूसरे ने भी स्पर्श कर दिया तो वह भी अपने आप कोरोना संक्रमित हो गया । इसी प्रकार यह वायरस एक से दूसरे में दूसरे से तीसरे में फैलता चला गया और धीरे-धीरे करके पूरी दुनिया में फैल गया ।
कोरोना वायरस का जन्म चीन में हुआ है । दिसंबर 2019 में चीन के शहर वुहान में कोरोना वायरस के संक्रमण से 3 लोगों की मौत हो गई और धीरे-धीरे यह वायरस दुनिया के सभी देशों में फैल गया । कोरोनावायरस के मामले सबसे पहले चीन से ही देखने को मिले थे । दरअसल, चीन के हुवेई प्रांत के वुहान शहर में कोरोना वायरस का असर सबसे पहले और सबसे बड़े रूप में देखने को मिला। चीन के अलावा इसके पड़ोसी देशोंजैसे - थाईलैंड, सिंगापुर और जापान में भी कोरोना वायरस के रोगी लगातार मिल रहे हैं।
नहीं, अभी फिलहाल भारत या किसी और देश में इस वायरस की दवा उपलब्ध नहीं है । हालांकि कुछ वैकल्पिक दवाएं अवश्य हैं जो मरीजों को दी जा रही हैं जैसे लोपिनविर-रिटोनविर और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन । लोपिनविर-रोटिनविर दवा सामान्य स्तर के मामलों के लिए दी जा रही है जबकि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन गंभीर मामलों में इस्तेमाल की जाती रही है और कोरोना वायरस के गंभीर और जोखिम मामलों में इसका प्रयोग अब भी जारी है ।
लोपिनविर-रोटिनविर दवा क्या करती है ?
लोपिनविर-रोटिनविर दवा शरीर के तापमान को सामान्य करने पर काम करती है और शरीर में चल रहे परिवर्तन को होने से रोकती है ।
हाइड्रोक्सीक्लोक्वीन दवा क्या करती है ?
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा ऐसे कोरोना संक्रमित मरीजों को दी जाती है जो गंभीर होते हैं विशेषकर व्यस्क यानि बड़े-बूढ़े लोग । यह दवा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का काम करती है और रोग से ल़ड़ने में सहायक होती है ।
हां, यह संभव है और वैज्ञानिक इसके इलाज पर पूरी तरह शोध भी कर रहे हैं । परंतु अभी जो स्थिति बनी हुई है, उतने बड़े स्तर पर इलाज कर पाना संभव नहीं है । वैज्ञानिक लगातार कोरोना के इलाजढ़ूंढ रहे हैं लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है । हालांकि वर्तमान स्थिति को देखते हुए घर पर रहना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, हाथों को बार-बार धोना और स्वच्छ रहना इस वायरस से बचाव का उत्तम समाधान हैं । मुख्य रुप से यह वायरस स्वास नली और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाकर निष्क्रिय कर देता है इसीलिए यह आवश्यक है कि कोरोना से बचा जाए ।
कोरोना वायरस से बचने के कुछ विशेष उपाय हैं जिन्हें भारत सरकार लगातार लोगों तक पहुंचा रही है :
हाथों को बार-बार धोना बहुत आवश्यक है
ऐसी स्थिति में जब कोरोना वायरस भारी तादाद में फैल गया है, उसे रोकना बहुत आवश्यक है और इसके लिए ज़रुरी है कि स्वच्छता का विशेष तौर पर ध्यान रखें । अपने हाथों को बार बार किसी साबुन या हैंड वॉश से अच्छी तरह धोएं और खासकर तब जब आप बाहर से अंदर आएं ।
ऐसा करना क्यों ज़रुरी है ?
हम अपने हाथों का प्रयोग हर वस्तु को छूने और हर स्थान पर जाने के बाद करते हैं और इसी वजह से हाथों पर तरह-तरह के कीटाणु मौजूद रहते हैं, लेकिन यदि हाथों को बार-बार धोया जाता है तो हाथों में किसी प्रकार का कोई कीटाणु जमा नहीं होता ।
सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दें
सोशल डिस्टेंसिंग या सामाजिक दूरी इस वक्त समय की मांग है । कोरोना का वायरस व्यक्ति में व्यक्ति के द्वारा फैलता है और यदि इस समय लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रख लिया तो कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में जीता जा सकता है । सोशल डिस्टेंसिंग करने के तीन विशेष आयाम हैं –
हाथ न मिलाना
दूसरे व्यक्ति से 1 मीटर की दूरी बनाए रखना
जितना हो सके घर पर ही रहना
ऐसा करना क्यों ज़रुरी है ?
चूंकि यह एक सक्रामक वायरस है जिसने अब एक बहुत बड़ा रुप ले लिया है तो ऐसी स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग करना ही एकमात्र उपाय बचता है और यह इसीलिए ज़रुरी है कि न तो लोग एक दूसरे से मिलेगें और न ही कोरोना वायरस और फैलेगा । यदि लोग सोशल डिस्टेंसिंग करेंगे तो संक्रमण की यह चेन टूट जाएगी ।
आंख, नाक और मुंह को न छुएं
ध्यान रहे कि अपने मुंह को न छुएं । व्यक्ति की आदत और स्वभाव है कि वो एक दिन में कम से कम 10 और अधिक से अधिक 30 बार अपने चेहरे को छूता है । लेकिन कोरोना वायरस से जंग जीतने के लिए यह आवश्यक है कि आप अपने चेहरे को छूने से बचें ।
ऐसा करना क्यों ज़रुरी है ?
हमारे चेहरे के अंदर ऐसे कुछ छेद मौजूद हैं जो सीधे हमारे अंदरुनी शरीर में जाते हैं, जैसे नाक के छेद, आंखें और मुंह, और इन तीनों का हमेशा साफ रहना बहुत ज़रुरी हैं क्योंकि यह तीनों बहुत कोमल हैं । लेकिन हम अपने हाथों से हर वस्तु, हर स्थान को छुते हैं और फिर उन्हीं हाथों से आंख, नाक और मुंह तक को स्पर्श करते हैं, इसीलिए बहुत अधिक संभावना बन जाती है कि वायरस सीधे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाए, इसीलिए जितना हो सके चेहरे को छुने से बचें ।
ध्यान रखिए कि आपके आस-पास लोग स्वस्थ हों
सबसे पहले इस बात को पक्का कर लीजिए कि जो लोग आपके आस-पास हैं या जिन लोगों के साथ आप रह रहे हैं क्या उनमें किसी प्रकार की बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं ? क्या जो लोग आपके साथ हैं वह स्वच्छता का पूरा ध्यान रखते हैं, जैसे कि छींक या खांसी आने पर अपने मुंह को किसी रुमाल या नैपकिन से ढक देना और इस्तेमाल हो जाने पर उसे कूड़े में डाल देना ।
ऐसा करना क्यों ज़रुरी है ?
यह इसीलिए आवश्यक है क्योंकि अगर आप सोशल डिस्टेंसिंग कर भी रहे हैं लेकिन यदि घर के भीतर रहने वाले लोग ही इसे फॉलो नहीं कर रहे तो आपको नुकसान होगा । यदि घर में किसी को छींके या खांसी आ रही है तो यह पक्का है कि उसके मुंह से या नाक द्वारा निकलने वाली बूंदे घर के अंदर ही रहेंगी और घर का कोई दूसरा सदस्य उसे संपर्क में आएगा । सबसे पहले उस व्यक्ति को अलग करें, हालांकि यह कोरोना नहीं है, इसलिए चिंतित न हो और नज़र रखें यदि किसी में कोरोना संबंधित लक्षण दिख रहे हैं तो फौरन अस्पताल को सूचित करें ।
यदि बुखार, खांसी और सांस लेने में परेशानी हो रही है तो फौरन अस्पताल से संपर्क करें
यदि आप ठीक महसूस नहीं कर रहे तो घर पर एकल कमरे में रहिए । यदि आपको बुखार, खांसी और सांस लेने में परेशानी हो रही है तो सचेत हो जाइए और फौरन निजी अस्पताल से संपर्क करिए ।
ऐसा करना क्यों ज़रुरी है ?
आप जहां भी रहते हैं आपके आसपास मौजूद स्वास्थ्य पदाधिकारियों ने आपके लिए स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई हैं । यदि आप इनका इस्तेमाल करेंगे तो आप संक्रमण को और अधिक फैलने से बचा सकते हैं । इसके अलावा उन्होंने आपको वो सभी आवश्यक जानकारियां मुहैया कराई हैं जो आपके काम आएंगी । इसीलिए जागरुक रहिए और लक्षण दिखने पर संपर्क किजिए ।
जब भी कहीं बाहर से आएं तो फौरन हाथों को हैंड वॉश, साबुन से धोएं ।
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