कोवैक्सिन भारत का पहला स्वदेशी और निष्क्रिय कोविड-19 वैक्सीन है, जिसे भारत बायोटेक ने ICMR के साथ मिलकर बनाया है। जब से वैक्सीन की आने की चर्चा भारत में हुई तो दो ही नाम सुनाई दिए पहला कोवैक्सीन और दूसरा कोविशील्ड।
कोवैक्सीन ने जुलाई 2020 में ही DCGI का अप्रूवल फेज 1 और 2 ह्यूमन ट्रायल के लिए ले लिया था।
फिर इसे मार्च में DCGI द्वारा इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए जारी कर दिया गया, तब कोवैक्सीन का तीसरा फेज पूरा नहीं हुआ था।
लेकिन अब इसके फेज 3 का प्रभाविता दर मार्च में आ चुका है जो की 81 फीसदी है और सुरक्षित है।
13 मई 2021, DCGI ने कोवैक्सीन के फेज 2 और 3 से बच्चे 2 से 18 तक में अप्रूवल दे दिया।
वैक्सीन की कमी लगातार देश में देखी जा रही है, इसी बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया की कोवैक्सीन का उत्पादन जुलाई - अगस्त में बढ़कर 6-7 करोड़ खुराक प्रति महीने होगा, और मई-जून तक दोगुनी हो जाएगी।
वैक्सीन के कमी के बीच, कोवैक्सीन लगातार अपनी भूमिका जिम्मेदारी के साथ निभा रही है, हाल ही में भारत बायोटेक ने बताया की पिछले 30 दिनों में 30 शहरों कोवैक्सीन को पहुंचाया गया।
आप कोवैक्सीन के दोनों डोज़ लेने के बाद भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा नहीं कर पाएंगे क्योकि WHO द्वारा इसे इमरजेंसी यूज़ लिस्ट (EUL) में नहीं डाला गया है।
WHO कोवैक्सीन को लेकर अभी भी संशय में है, डब्ल्यूएचओ का कहना है कोवैक्सीन को EUL में डालने के लिए अभी बातचीत, और दस्तावेज की ज़रूरत है।
हालांकि भारत बायोटेक ने सरकार को सूचित किया की उसने वैक्सीन से जुड़े 90 फीसदी दस्तावेज पहले ही WHO में जमा करा दिए है, कंपनी को उम्मीद है की जल्द ही उसे WHO के तरफ से आपातकाल इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाएगी।
सूत्रों ने बताया है की कोवैक्सीन को 11 देशों में नियम के अनुसार मंजूरी मिल चुकी है।
कोवैक्सीन वैक्सीन का सप्लाई बहुत से देशों में कर चुका है जैसे - मंगोलिया, म्यांमार, श्रीलंका, फिलीपींस, ओमान, मालदीव,आदि। और कुछ देशों में इसके क्लिनिकल ट्रायल चल रहे जैसे अमेरिका में यूएएफडीए इसके अंतिम है।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ विरोलॉजी के विश्लेषण से पता चला की कोवैक्सीन UK वैरिएंट स्ट्रेन और दूसरे हेटेरोलोगोस स्ट्रेन के खिलाफ भी प्रभावी है।
भारत बायोटेक ने अपनी साइट पर फैक्ट शीट निकला है की किसे वैक्सीन नहीं लेना चाहिए जैसे प्रेग्नेंट औरत, जिसे बुखार है, ब्लीडिंग डिसऑर्डर, एलर्जिक रिएक्शन, 18 से कम बच्चे, ब्रेस्टफीडिंग महिलाये, या हेल्थ समस्या हो।
इसकी सबसे अच्छी बात है की कोई गंभीर साइड इफ़ेक्ट नहीं देखे गए, अगर कुछ हलके और माध्यम साइड इफ़ेक्ट को छोर दे जैसे बुखार, चाकर आना, थकान।
कोवैक्सीन को इसलिए भी सुरक्षित माना जा रहा क्योकि ये मृत कोरोना वायरस से बना है, जो शरीर अंदर जाकर किसी तरह का गंभीर रिएक्शन नहीं करेगा और इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने में मदद भी करेगा।
सरकार ने भारत बायोटेक को 50 मिलियन वैक्सीन के खुराक का आर्डर दिया है।
कोवाक्सीन का दाम - 600 रुपये राज्यों के लिए और 1200 रूपए प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए। इसका दूसरे देशों में एक्सपोर्ट दाम $15 - $20 होगा, भारतीय करेंसी में ₹1,123 to ₹1,498 है।
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