भारत में लगाई जा रही कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट

Published On: 25 Jan, 2021 12:03 PM | Updated On: 23 Nov, 2024 1:47 PM

भारत में लगाई जा रही कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट

कोरोना के दूसरी लहर आने के साथ ही वैक्सीन की इमरजेंसी लॉन्च सरकार द्वारा कर दी गयी जिसमे देश के बनाये दो प्रमुख वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड थे। लोगो को वैक्सीन लगने के कुछ समय बाद इसके साइड इफ़ेक्ट को लेकर चर्चा होने लगी।

WHO और CDC ने स्पष्ट किया की वैक्सीन के बाद माइल्ड साइड इफ़ेक्ट हो सकते है जैसे बुखार, थकान, सरदर्द, बॉडी पेन, या घबराहट जो की घातक नहीं है, ये एक तरीके का इशारा होता है की वैक्सीन अपना काम कर रही है, और अगर किसी में साइड इफ़ेक्ट न हो तो इसका मतलब ये नहीं वैक्सीन अपना काम नहीं कर रहा; ज़रूरी नहीं सब में साइड इफ़ेक्ट हो।

क्या परिणाम होंगे -

वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट सामने आने के बाद लोग डर गए थे हलाकि डॉक्टर्स और हेल्थ आर्गेनाईजेशन द्वारा इसका स्पष्टीकरण देने के बाद लोगो में जागरूकता बढ़ी की इस इस बीमारी का एक मात्रा इलाज टीकाकरण ही है पर आज भी बहुत से लोग है जिन्हे लग रहा की उन्हें वैक्सीन से कुछ हो जाएगा जैसे आदिवासी, गांव के लोग। इसके लिए हमे दोनों वैक्सीन के रिजल्ट को समझने की ज़रूरत है -  

कोवैक्सीन- इस वैक्सीन के हलके साइड इफ़ेक्ट है जैसे हल्का बुखार, सिरदर्द, घबराहट, कमजोरी, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, लाल चकते, सूजन। अगर गंभीर इफ़ेक्ट का बात करे तो, अभी तक इस वैक्सीन का कोई गंभीर साइड इफ़ेक्ट नहीं देखा गया है। लेकिन कंपनी ने कहा है बहुत मुश्किल है की वैक्सीन के कोई गंभीर साइड इफ़ेक्ट दिखे, लेकिन अगर दिखेंगे तो वो सांस लेने में तकलीफ, चेहरे और गले में सूजन, पुरे बॉडी में रेसेस हो सकते और अगर ऐसा हो तो डॉक्टर को संपर्क करे।

कोवैक्सीन इनएक्टिवेटेड वैक्सीन है यानी मृत कोरोना वायरस का बना है इसलिए इसे सुरक्षित माना जाता है क्योकि ये हमारे शरीर में जाकर किसी तरह बिना नुकसान पहुचाये एंटीबॉडी का निर्माण करता है।   

कोविशील्ड- इस वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट की बात करे तो बुखार, शरीर में दर्द, लाल निशान, चकते, ठण्ड लगना, इंजेक्शन साइट पर दर्द , सूजन, खुजली, और जॉइंट पैन। 

सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा है की समान्य साइड इफ़ेक्ट दस में से एक को हो सकता जैसे बुखार, उल्टी और गंभीर साइड इफ़ेक्ट सौ में से एक को होने की आशंका है जैसे भूख की कमी या बेहोशी, ज्यादा पसीना।

ऑक्सफ़ोर्ड-अस्ट्रज़ेनेका जो की भारत में कोविशील्ड के नाम से सीरम इंस्टिट्यूट ने बनाया है कई जगह ब्लड क्लॉट की खबर आयी थी डेनमार्क, नॉर्वे, जर्मनी, और फ्रांस में अस्ट्रेजेनेका पर रोक लगा दी गयी थी, हलाकि इसकी भारत में कोई गंभीर केस नहीं आया। इसकी प्रभावित दर 81.3 है।  

ये दोनों ही वैक्सीन प्रेगनेंसी की हालत में नहीं लगवाना इस बात का ध्यान रखे और अपने डॉक्टर से इस बारे में राय ज़रूर ले। 

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जी ने कहा है की भारत की दोनों ही वैक्सीन बिलकुल सेफ है कुछ मामूली साइड इफ़ेक्ट के साथ।                                           


user
Miss. Shruti Dubey

Miss Shruti has over two years of experience in content writing. Having worked as a content writer and content marketing manager in a media house and also in an IT Company, she is an expert in lifestyle and health blogging.

 More FAQs by Miss. Shruti Dubey
Logo

Medtalks is India's fastest growing Healthcare Learning and Patient Education Platform designed and developed to help doctors and other medical professionals to cater educational and training needs and to discover, discuss and learn the latest and best practices across 100+ medical specialties. Also find India Healthcare Latest Health News & Updates on the India Healthcare at Medtalks