डायबिटीज (मधुमेह या शुगर) एक स्थाई रोग (chronic disease) है। आज ये गंभीर होते हुए भी बहुत आम सी बीमारी हो गयी है क्योकि आज हर दूसरा या तीसरा इंसान डायबिटीक होता है, पहले ये बीमारी ज्यादातर बुजर्गो में होता था लेकिन अब तो बच्चों से लेकर युवा वर्ग भी इसके चपेट में आ रहे है। WHO के अनुसार भारत में लगभग 8.7 फीसदी आबादी 20 और 70 वर्ष की आयु वर्ग में डायबिटीज से पीड़ित है।
मुश्किल बात यह है की कोरोना काल में डायबिटीज मरीज़ो को पहले से ज्यादा खतरा है, और ये दूसरी और बीमारी को आमंत्रित कर सकता है अगर खान-पान का बेहतर ख्याल न रखा जाये तो, इसमें इंसान को अपने खाने पीने के नियम का सख्ती से पालन करना पड़ता है, यही एक मात्र उपाय है डायबिटीज को नियंत्रित करने का, डायबिटीज का कोई पक्का इलाज नहीं होता।
बैलेंस डाइट हमारी खाने में सही पोषण को शामिल करता है जिसे हमारा शरीर सही तरीके से काम करें। ऐसे ही डायबिटीज़ मे भी हमे बैलेंस डाइट फॉलो करने की जरूरत है ताकि डाइबिटीज़ नियंत्रण मे रहे, लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है की आप अपना पसंदीदा खाना पीना छोड़ दे, हर खाने में कुछ ज़रूरी पोषण तत्व होते है जिसकी शरीर को ज़रूरत होती है इसलिए डायबिटीज में जो चीज़े इसको बढ़ा सकती है उसकी मात्रा कम सकते है।
डॉक्टर के अनुसार, भारत में डायबिटीज के मरीज़ को 60 फीसदी कार्बोहायड्रेट, 20 फीसदी फैट, और 20 फीसदी प्रोटीन भोजन में शामिल करना चाहिए।
कार्बोहाइड्रेट एनर्जी का अच्छा स्रोत माना जाता है, लेकिन यहा आपको कार्बोहाइड्रेट सीमित मात्रा में खाना है और । कार्बोहाइड्रेट के तीन प्रकार होते है -
शरीर स्टार्च और शुगर को ग्लूकोस मे तोड़ देता जो की ब्लड स्ट्रीम मे फैल जाता है जिसके कारण शुगर लेवल बढ़ जाता है।
फाइबर शरीर मे जाने के बाद टूटता नहीं है, बल्कि बिना डिजेस्ट हुए शरीर मे पास हो जाता, यही कारण है की ये खून मे शुगर लेवल को जल्दी नहीं बढ़ाता। फाइबर को स्वस्थ्य और अच्छा कार्बोहाइड्रट माना जाता है ।
जिस खाने के चीजों में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा हो उसे बहुत कम मात्रा में खाना चाहिए या पूरी तरह से नजरअंदाज करना चाहिए जैसे -
ये शरीर में जल्दी अवशोषित हो जाता है जिसके कारण भूख जल्दी लगती है और यही चीज़े मोटापा का कारण बनती है।
कुछ कम मात्रा वाले कार्बोहाइड्रेट खाना जैसे-
सभी तरह के साबुत अनाज स्टार्च कार्बोहाइड्रेट में आ जाते है।
आम (आम में तीनो तरह के कार्बोहाइड्रेट पाए जाते है, हालांकि इसमें शुगर लेवल ज्यादा होता है पर उसके साथ कई तरह के विटामिन, डाइटरी फाइबर (4.7 gm) और मिनरल्स होते है, तो इसे बहुत सिमित मात्रा में खा सकते, एक दिन आधा)।
साबुत अनाज (स्टार्च) और फाइबर युक्त खाना डायबिटीज के खतरे को कम कर देता है शुगर के तुलना में।
प्रोटीन हमारे शरीर के बनाये रखने के लिए बहुत ज़रूरी है। प्रोटीन मांसपेशी, इम्युनिटी सिस्टम, और बॉडी के बढ़ने के लिए काम करता है।
शरीर प्रोटीन को भी तोड़ता है शुगर में लेकिन कार्बोहायड्रेट के तुलना में थोड़ा कम प्रभावी होता है यानी कम नुकशानदेह।
डायबिटीज मरीज़ को खाने में कौन सा प्रोटीन स्रोत शामिल करना चाहिए -
इसमें सब्जियां खाना फायदेमंद होगा क्योंकि इसमें किसी तरह शुगर मौजूद नहीं होता जिस के कारण ये डाइट खून में ग्लूकोस नहीं बढ़ता। सब्जियों की मदद से हम डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते है, ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है।
डायबिटीज मरीज़ को क्या नहीं खाना है प्रोटीन में -
डायबिटीज के लोगों को इन सब का नहीं में सेवन करना चाहिए, इसमें फैट के कारण आपके सेहत को नुकसान हो सकता है और आपके शरीर में डायबिटीज को बहुत बढ़ा सकते है।
डायबिटीज के मरीज़ को हमेशा कहा जाता है की फैट नहीं खाना चाहिए क्योकि इस से वजन बढ़ने का डर रहता है। लेकिन हेल्दी फैट भी होते है जो की डायबिटीज में अच्छा बैलेंस डाइट को बनाये रखने में मदद करते है जैसे फैटी एसिड ओमेगा-3 .
अनसैचुरेटेड फैट खाना चाहिए सैचुरेटेड फैट के बजाए -
सैचुरेटेड को कम मात्रा में खाएं या न खाएं -
डेयरी प्रोडक्ट-
बहुत से डेयरी प्रोडक्ट में फैट होता है जो डायबिटीज मरीज़ के लिए घातक हो सकता है इसके लिए आप लो फैट दूध, दही, या फैट फ्री चीज़े खा सकते।
फुल फैट चीज़े खाने और गाय का दूध भी पीने में कोई हर्ज़ नहीं अगर आप सीमित मात्रा में लेते है तो, 1 कप दूध में 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है, एक दिन में इतना ले सकते है; हलाकि इंसान और उसके डायबिटीज टाइप के अनुसार मात्रा में अंतर आ सकता है।
फल (जो डायबिटीज में खाने चाहिए)
सब्जियां (डायबिटीज में खाने चाहिए )
जब किसी को शुरुआत में पता चलता है की उसे डायबिटीज है तो, डाइट को कंट्रोल करना या सीमित करना मुश्किल हो जाता है। आप डाइट प्लान अपना सकते हैं जो आपको डाइट फॉलो करने के लिए मदद करेगा क्योकि अगर डायबिटीज मरीज़ एक प्लान को फॉलो करेगा तो उसे याद रहेगा की कैसे डायबिटीज डाइट को फॉलो करना है।
‘डायबिटीज डाइट प्लान’ नामक किताब में कुछ डाइट प्लान को लिखा गया है, यहाँ कुछ डायबिटीज डाइट प्लान बता रहे जो आपको मदद करेगा -:
बड़ा लूज़र डाइट प्लान - ये डाइट प्लान मुख्यतः वजन कम करने पर ध्यान केंद्रित करता है, ज्यादा वजन भी डायबिटीज का एक कारण है। डायबिटीज में वजन कम करने का मतलब ये नहीं की आप जीरो फिगर या बिल्कुल पतले हो जाये; बल्कि आपके शरीर के अनुसार आपका वजन सही होना चाहिए जिससे आपको वजन के कारण परेशानी न हो।
सही खाना खा के और ज्यादा फैट खाने को नजरअंदाज कर के आप अपने वजन को सही रख सकते हो। इस डाइट प्लान में सही खाने अलावा एक्सरसाइज और योग भी करना है जिसका सबसे अच्छा वक़्त सुबह का होता है, कम से कम रोज़ 30 मिनट भी।
इस डाइट प्लान में एक्सरसाइज के बाद कितना कैलोरी बर्न हुआ ये भी रोज़ ट्रैक करना है।
द डैश डाइट - ये डाइट प्लान मुख्यतः ह्यपरटेंसीव मरीज़ के लिए है पर क्योकि इसमें फल और सब्जियों से कितना कैलोरी ले सकते है और कितना ग्लूकोस ज़रूरी है हमारे बॉडी के लिए ये भी ट्रैक करना होता है जो की डायबिटीज मरीज़ के लिए भी फायदेमंद है।
इसमें नमक का इस्तेमाल भी काफी कम मात्रा में होता है। इसलिए इस डाइट प्लान को भी मरीज़ अपना सकते है।
ट्रेडिशनल एशियन डाइट - ये एक सामान्य डाइट प्लान है जो वजन कम करने, बीमारी से बचने, और डायबिटीज नियंत्रण में भी मदद करता है।
इसमें ज्यादातर एशियाई खाने (नूडल्स, फल, सब्जी, मछली, कॉर्न, आदि)का इस्तेमाल करते है और एशियाई तरीके से ही मसाले, सोयाबीन, आदि के साथ बनता है।
इसमें आप ऐसा खाना खा सकते है जो शुगर या ग्लूकोज को कम या ना मात्र के बराबर हो, जो डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहयोग देगा।
वेगन डाइट - ये नाम से ही पता चल रहा होगा की इसमें बहुत सी सब्जियां शामिल होती है। इस डाइट प्लान में फल और सब्जी को खाया जाता है और मीट को बिल्कुल शामिल नहीं किया जाता। सब्जी में ऐसे पोषक तत्व नहीं होते जो खून में ग्लूकोज़ की मात्रा को बढ़ाये और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते है, जो की डायबिटीज के मरीज़ के लिए अच्छा है।
ओर्निश डाइट - ये एक ऐसा डाइट प्लान है जो खाने को ज्यादा स्वास्थ्य से कम स्वास्थ्य की श्रेणी में बाटता है। आपके फ्रिज में अलग श्रेणियों में खाने का चीज़े रखी हो।
ये डाइट प्लान खाने में सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल को नजरअंदाज करता है और ज्यादा ध्यान साबुत अनाज पर देता है।
इस डाइट का फायदा है की आप अपने खाने पर नियंत्रण रख सकते है की आपको एक टाइम में कितना खाना है।
इस डाइट के में डायबिटीज की बहुत सारी मुश्किलें कम कर देता है।
ये सारा डाइट प्लान आप अपने डाइटीशियन या नूट्रिशनिस्ट से सलाह कर सकते है की आपके लिए बेहतर कौन रहेगा।
कुछ चीज़ो का नियमित ध्यान रखे -
कई केसेस में देखा गया है की कुछ लोग मीठा या वो हर चीज़ खूब मजे से खाते हैं जो डायबिटीज को बढ़ा सकता है क्योकि कई लोगो में उस वक़्त असर नहीं दीखता तो उन्हें लगता है की वो बिलकुल ठीक है लेकिन असल में एक ही बार इसका साइड इफ़ेक्ट हावी हो जाता है जिसके कारण ब्रेन हैमरेज, हार्ट फेलियर की अचानक स्थिति के कारण मौत हो जाती है।
ये स्थिति स्लो पोइज़न (जहर) की तरह काम करता है इसलिए खान पान का ध्यान रखे, मीठा खाने में सावधानी बरते और एक नूट्रिनिस्ट के संपर्क में रहे।
Miss Shruti has over two years of experience in content writing. Having worked as a content writer and content marketing manager in a media house and also in an IT Company, she is an expert in lifestyle and health blogging.
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