बल्ड कैंसर एक ऐसा रोग है, जो किसी उम्र या वर्ग का मोहताज नहीं है यानि यह स्त्री और पुरुषों को किसी भी उम्र में हो सकता है । कुछ केसों में तो यह जेनेटिक भी होता है । इसलिए अगर लक्षण दिखने लगे या शंका हो तो फौरन चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए ।
यूं तो कैंसर कईं तरह के होते हैं लेकिन बल्ड कैंसर सबसे अलग है क्योंकि यह खून से संबंधित रोग है और खून मानव शरीर के हर भाग में होता है, इसीलिए अगर बात हाथ से निकल जाए तो इसे कंट्रोल कर पाना मुश्किल है ।
ब्लड कैंसर में कैंसर की कोशिकाएं यानि सैल्स व्यक्ति के शरीर में खून को बनने ही नहीं देते, जिस वजह से व्यक्ति में खून की कमी होने लगती है । शरीर में खून की कमी के साथ यह कैंसर व्यक्ति की बोन मैरो पर भी चोट करता है।
ब्लड कैंसर एक लाईलाज रोग है । मानव शरीर में खून 2 तरह कीकोशिकाओं यानि सेल्स से मिलकर बना होता है, जिन्हें रेड ब्लड सैल्स और व्हाइट ब्लड सैल्स कहते हैं । हमारे शरीर में खून की पर्याप्त मात्रा होना बेहद जरूरी है क्योंकि शरीर के दूसरे अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व खून के ज़रिए ही पहुंचते हैं।
रोगी में ब्लड कैंसर का आरंभ उसकी बोन मैरो से होता है क्योंकि खून वहीं बनता है ।ब्लड कैंसर के लक्षण बहुत अलग नहीं होते बल्कि सामान्य ही होते हैं और इसी वजह से लोग इन्हें पहचान नहीं पाते और गंभीरता से नहीं लेते ।
आइए जानते हैं ब्लड कैंसर के लक्षण -
1 शरीर में इंफेक्शन का बार-बार होना
यदि किसी व्यक्ति के शरीर में ब्लड कैंसर की शुरुआत हो गई है तो उसे बार-बार इंफेक्शन होगा । इसकी वजह यह है कि ब्लड कैंसर से पीड़ित व्यक्ति के खून में ऐसे सैल्स पैदा हो जाते हैं, जो शरीर के बाकि बचे दूसरे हेल्दी सैल्स को हानि पहुंचाते हैं। हमारे शरीर में ऐसा कोई भाग नहीं जहां खून नहीं होता और इसीलिए ब्लड कैंसर के लक्षण शरीर के दूसरे अंगों में दिखने शुरु हो जाते हैं।
2 खून का न रुकना
ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसे जीवन में किसी प्रकार की चोट या घाव न लगा हो । जब चोट लगती है तो कुछ समय की मरहम पट्टी के बाद खूनअपने आप बंद हो जाता हैऔर यह इसीलिए होता है क्योंकि बाहरी वातावरण में आने के बाद खून जमने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, परंतु अगर कोई व्यक्ति ब्लड कैंसर से पीड़ित है तो उसके केस में ऐसा नहीं होता । उस व्यक्ति का खून बहता रहता है और चोट ठीक होने में अधिक समय लेती है ।
3. थकान और आलस
थकान और दिनभर आलस रहना कोई नई बात नहीं है यह मौसम और शरीर की गतिविधि के हिसाब से व्यक्ति में रहती है । लेकिन अगर थकान या आलस का स्तर ऐसा है कि आपको अपने दैनिक काम करने में भी दिक्कत आ रही है या आप ऐसा करने में असमर्थ हो रहे हैं तो एक बार अपनी जांच ज़रुर करवा लें । यह ब्लड कैंसर का ही एक लक्षण है।
4. वजन में कमी आना
अगर आपको अचानक अपने वजन में कमी लग रही है, तो सबसे पहले अपना वजन चेक करें। अगर महीने भर के भीतर ही बिना किसी प्रयास के आपका वजन 2.5 किलो से ज्यादा कम हो गया है, तो ये शरीर में किसी समस्या का संकेत हो सकता है। ब्लड कैंसर होने पर भी व्यक्ति का वजन बिना कारण कम होने लगता है।
5. मांसपेशियों और जोडों में पीड़ा
मांसपेशियों और शरीर के जोड़ों में होने वाला दर्द वैसे तो सामान्य माना जाता है और इसके दूसरे कईं कारण होते हैं जैसे - थकान, चोट का लगना, हड्डियों की कमजोरी आदि । परंतु अगर कोई व्यक्ति ब्लड कैंसर से पीड़ित हो चुका है, उस स्थिति में भी जोड़ों और हड्डियों में दर्द होना कैंसर का लक्षण है।
संदर्भ –https://bit.ly/3aMlt8a
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