भारत में बीते कई हज़ार सालों से गंभीर से गंभीर रोग या शारीरिक समस्या से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार के तहर कई जड़ी बूटियों का और पेट पौधों का इस्तेमाल किया जा रहा है जो कि एक बेहतरीन औषधि के रूप में काम करती है। वैसे तो आयुर्वेद में बहुत सी औषधियों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन उन सभी में सबसे खास है गोखरू या गोक्षुर जिसे ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस के नाम से भी जाना है। यह एक खास पौधा है जो कि मानव शरीर को गंभीर से गंभीर रोगों से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो चूका है। यह पौधा भले ही दिखने में छोटा होता है लेकिन इसमें मिलने वाले फायदे जबर्दस्त होते हैं। इस पौधे का हर हिस्सा अलग-अलग रोगों में अलग-अलग तरीके इसे इस्तेमाल किया जाता है। चलिए इस लेख के जरिये गोखरू यानि गोक्षुर से मिलने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।
गोखरू से मिलने वाले फायदे | Benefits of Gokhru
अगर आप गोखरू का इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपको निम्न वर्णित बीमारियों में फायदा मिलता है :-
पथरी से राहत दिलाए Give relief from stones –
अगर आप किडनी में पथरी की बीमारी से जूझ रहें हैं, तो आपको गोखरू का सेवन जरूर करना चाहिए। इसके लिए आप गोखरू के फल को धुप थोड़ा अलग छाव में अच्छे से सुखा लेना चाहिए और जब गोखरू सूख जाए तो उसके बाद इसका चूर्ण बना लें। सूखे गोखरू से तैयार चूर्ण को शहद में मिलाकर सुबह और शाम इसका सेवन करना शुरू करें। अगर आप चूर्ण का सेवन करने में समर्थ नहीं है तो आप इससे काढ़ा बना कर भी इसका सेवन कर सकते हैं। गोखरू के नियमित सेवन से पथरी जल्द ही टूटकर पेशाब के साथ शरीर से बाहर निकल जायगी। आप गोखरू के चूर्ण का सेवन दूध में उबालकर मिश्री के साथ भी कर सकते हैं, अगर आप मधुमेह रोगी हैं तो आप मिश्री को कम मात्रा में लें।
सूजन में राहत दिलाए relieve inflammation –
अक्सर शरीर में कई कारणों से सूजन आ जाती है और उसकी वजह से व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। वैसे तो सूजन को दूर करने के लिए कई तरह की क्रीम और तेल भी मौजूद है लेकिन इनसे कुछ समय के लिए ही सूजन की समस्या से राहत मिलती है। अगर आप सूजन की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो इसके लिए आप गोखरू के चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप गोखरू के चूर्ण का काढ़ा बनाए और फिर इसका सेवन करें।
पेशाब से जुड़ी समस्या में राहत दिलाए Provide relief in urinary problems –
अगर आप पेशाब से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं और दवाओं से भी फायदा नहीं मिल रहा है तो ऐसे में आपको गोखरू का इस्तेमाल करना चाहिए। पेशाब से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए गोखरू सबसे ज्यादा फायदेमंद होती है। गोखरू के अंदर एंटिलिथियेटिक गुण पायें जाते हैं, जिसके चलते यह स्वस्थ मूत्र प्रवाह (Healthy urine flow) को बनाएं रखता है, जिससे मूत्र पथ (urinary tract) संबंधित परेशानियों से छुटकारा मिलता है। यह मूत्राशय (urinary bladder) और किडनी की सफाई कर सारें विकारों को दूर भगाता है, साथ ही गोखरू मुत्रबाधक (obstruction) को दूर करता है, जिससे मूत्र के प्रवाह नियमित होता है। गोखरू का सेवन करी पत्ता के साथ 12 सप्ताह करने से यह पुरुषों में यूरेनरी ट्रेक्ट की कार्यप्रणाली को सुधारता है और पेशाब संबंधी समस्याएं दूर करता है।
गठिया की समस्या में राहत दिलाए Give relief in Arthritis –
एक उम्र के बाद अक्सर गठिया की समस्या होना बहुत ही आम बात है, जिसकी वजह से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे छुटकारा पाने के लिए गोखरू का इस्तेमाल कर सकते हैं यह गठिया रोग को जड़ से खत्म करने में काफी मददगार है। गोखरू का उपयोग जोड़ो के दर्द और मांसपेशी के दर्द को कम करने के लिए किया जाता है। यह जोड़ों और मांसपेशियों में सूजन को कम करने के लिए भी जाना जाता है। गठिया, घुटने और पीठ दर्द से आराम पाने के लिए गोखुरा फल का पाउडर, सूखा अदरक और पानी को बराबर मात्रा में उबाल लें फिर इसे उबलने के बाद रोज सुबह में 50 से 100 मिलीलीटर खाली पेट इसका सेवन करें।
क्रिएटिनिन और यूरिया स्तर सुधारे Improve creatinine and urea levels –
जब किसी व्यक्ति की किडनी खराब हो जाती है तो उस दौरान उसके शरीर में क्रिएटिनिन और यूरिया का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है जिसकी वजह से किडनी रोगी को कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन दोनों के स्तर को कम करना काफी जरूरी हो जाता है और इसे कम करने के लिए डायलिसिस करवाया जाता है। लेकिन आप इसे कम करने के लिए गोखरू का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। किडनी रोगी गोखरू के काढ़े का सेवन करे तो जल्द ही उसका क्रिएटिएन और यूरिया स्तर कम हो जायगा। इसके सेवन से पहले आप अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें। क्रिएटिएन और यूरिया का स्तर बढ़ना किडनी खराब होने का आम संकेत है आप रक्त जांच से इसकी पहचान कर सकते हैं।
एक्जिमा में राहत दिलाए provide relief from eczema –
अगर आप काफी लने समय से एक्जिमा की समस्या से जूझ रहे हैं तो ऐसे में आपको गोखरू का सेवन करना चाहिए। एक्जिमा एक इंफ्लेमेटरी त्वचा समस्या की श्रेणी में आता है, जबकि गोखरू के फल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो एक्जिमा के खतरे को कम कर सकता है।
लो स्पर्म काउन्ट में फायदेमंद गोखरू Beneficial bunions in low sperm count –
पुरुषों को अक्सर कई सेक्स समस्याएँ हो जाती है जिसमें सबसे आम है स्पर्म काउन्ट का कम हो जाता है। स्पर्म काउन्ट कम होने की वजह से पिता बनने में काफी दिक्कत हो सकती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप गोखरू का इस्तेमाल कर सकते हैं। स्पर्म काउन्ट बढ़ाने के लिए आप गोखरू के 20 ग्राम फलों (ताज़ा या सूखे हुए) को 250 मिली दूध में उबालकर सुबह शाम पिलाने से स्पर्म या वीर्य संबंधी समस्याएं कम होती है। इसके अलावा 10 ग्राम गोखरू एवं 10 ग्राम शतावर को 250 मिली दूध के साथ उबालकर पिलाने से स्पर्म का काउन्ट और क्वालिटी बढ़ती है तथा शरीर को शक्ति मिलती है।
पीसीओडी में मददगार है गोखरू Buckwheat is helpful in PCOD –
गोखरू महिलाओं में पीसीओडी को ठीक करने में फायदेमंद माना जाता है। यह बाझपन का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इतना ही नहीं गोखरू रीरियड्स में होने वाले दर्द को कम करने में भी फायदेमंद माना जाता है। गोखरू महिलाओं में उम्र से पहले ही होने वाले मेनोपॉज के खतरे को भी कम कर सकता है।
गोखरू से क्या कोई नुकसान भी हो सकते हैं? What are the disadvantages of gokhru?
हां, भलें ही गोखरू के कई फायदें हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि इससे केवल और केवल फायदे ही मिलेंगे। यह एक औषधि है इससे भी नुकसान हो सकते हैं। गोखरू से आमतौर पर निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं :-
अगर ज्यादा लंबे समय तक गोखरू का सेवन किया जाए तो इसकी वजह से पौरुष ग्रंथि (Prostate gland) से जुड़ी समस्याएँ हो सकती है। साथ ही जो लोग स्तन व पौरुष ग्रंथि कैंसर रोगी (breast and prostate cancer patients) से जूझ रहे हैं उन्हें गोखरू का किसी भी रूप से सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर आप गर्भवती है या बच्चे को दूध पिलाती है तो ऐसे में आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है जिससे समस्याएँ होने की आशंका बनी रहती है।
जो बच्चे डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए।
अगर आप इसका अधिक सेवन करते हैं तो इसकी वजह से पीलिया या किडनी से जुड़ी समस्याएँ हो सकती है। इसकी वजह से किडनी सामान्य से ज्यादा पेशाब बनाती है जिससे किडनी पर काम का बोझ पड़ता है। पीलिया ग्रस्त रोगी को गोक्षुर केवल थोड़ी सी मात्रा में ही खाना चाहिए।
अगर गोखरू का ज्यादा सेवन कर लिए जाए तो इसकी वजह से नींद से जुड़ी समस्याएँ होने की आशंका बनी रहती है।
अगर आप पाचन से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गोखरू का इस्तेमाल बहुत कम मात्रा में या नहीं करना चाहिए।
यह मासिक धर्म चक्र (menstrual cycles) पर भी असर डाल सकता है। इसलिए गोखरू का उपयोग सावधानी से और डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। गोखरू को गोक्षुर चूर्ण और कैप्सूल के रूप में भी ले सकते हैं।
अगर आपका हाल ही में ऑपरेशन हुआ है या किसी अन्य मेडिकल ट्रीटमेंट से गुजर रहे हैं तो गोखरू का सेवन नहीं करना चाहिए। यह रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ा देता है, जोकि ऑपरेशन के दौरान हानिकारक साबित हो सकता है। इसके साथ ही यह रक्तचाप को भी निम्न कर देता है। इसलिए ऐसे में इसके सेवन से बचना चाहिए।
अधिक मात्रा में गोखरू का सेवन करने से पेट दर्द, ऐंठन जैसी समस्या पैदा हो सकती है। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से जी-मिचलाने, उल्टी, नींद आने में परेशानी होने जैसी समस्या भी पैदा हो जाती है।
गोखरू का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है? How can gokhru be used?
गोखरू का इस्तेमाल करने से पहले इस बात को अच्छे से समझ लें कि यह एक औषधि यानि दवा है इसलिए इसका इस्तेमाल करने से पहले किसी डॉक्टर की सलाह जरूर लें। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। गोखरू का इस्तेमाल कब और कितनी मात्रा में करना है और किस रूप में करना है इस बारे में डॉक्टर ही बता सकते हैं, क्योंकि हर रोग में गोखरू को अलग तरह से इस्तेमाल किया जाता है।
गोखरू का इस्तेमाल कभी भी 90 दिनों से ज्यादा समय के लिए नहीं करना चाहिए। अगर आप ज्यादा लंबे समय तक इसका सेवन करते हैं तो इसकी वजह से आपको कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हमने ऊपर इस संबंध में ऊपर बात भी की है।
गोखरू को इस्तेमाल करने के लिए उसे सामान्यतः निम्न प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकता है :-
गोखरू के अर्क का सेवन भी किया जा सकता है।
गोखरू के पाउडर को पानी के साथ उबालकर पी सकते हैं।
गोखरू का अर्क त्वचा पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
गोखरु के तने से काढ़ा बनाकर, उसे पिया जा सकता है।
गोखरू से बने तेल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
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