एक दम सुंदर काले, घने, लंबे और मजबूत बाल पाना भला किसकी इच्छा नहीं होगी। हर कोई ऐसा सपना देखता है कि उसके बाल कभी न गिरे और हमेशा काले बने रहे। लेकिन बालों से जुड़ी सबकी यह इच्छा पूरी नहीं होती। अगर बाल लंबे हैं तो मजबूत नहीं होते, घने है तो लंबे नहीं होते, और अगर सब सही है तो काले नहीं होते। लेकिन बालों से जुड़ी इन सभी समस्याओं में सबसे गंभीर समस्या है बाल झड़ने की। वर्तमान समय में हर दूसरा व्यक्ति बाल झड़ने की समस्या से जूझ रहा है। लोग इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के शैम्पू, तेल और इनके अलावा कई तरह के उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन फिर भी इस समस्या का कोई खास उपाय नहीं मिलता। सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि लोगो को इस बारे में मूल जानकारी ही नहीं है कि बाल झड़ने के कारण और लक्षण क्या है। अगर आप भी इस विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़ें।
इस लेख में जाने :-
बाल झड़ने के लक्षण क्या है?
बाल झड़ने के कारण क्या है?
बाल झड़ने की समस्या कितने प्रकार की होती है?
किन स्वास्थ्य स्थितियों में बाल झड़ने की समस्या हो सकती है?
बाल झड़ने की समस्या से बचाव कैसे किया जाए?
बाल झड़ने की समस्या को पकड पाना काफी आसान होता है, हर कोई इसके लक्षणों की पहचान कर सकता है। लेकिन खाली बालों का टूटना ही बाल झड़ने के लक्षण नहीं है, इसके इतर भी बाल झड़ने के कई लक्षण होते हैं जिन्हें हमने निचे वर्णित किया है :-
सिर के ऊपर धीरे-धीरे पतला होना – यह बालों के झड़ने का सबसे आम प्रकार है, बाल झड़ने की यह समस्या बढ़ती उम्र के साथ लोगों को प्रभावित करता है। पुरुषों में अक्सर माथे पर बालों की रेखा पर बाल झड़ने लगते हैं। आमतौर पर महिलाओं के बालों का हिस्सा चौड़ा होता है। वृद्ध महिलाओं में बालों के झड़ने का एक आम पैटर्न एक घटती हेयरलाइन (फ्रंटल फाइब्रोसिंग एलोपेसिया) है यह "क्रिसमस ट्री" से काफी मेल खाता है।
चकत्तों में बालों का झड़ना – अक्सर कई लोगो में गोलाकार में बाल झड़ने की समस्या होती है। इसमें लोग अपने सिर पर सिक्के के आकार के गंजेपन के चकत्ते महसूस करते हैं। बाल झड़ने की यह सर के बालों के अलावा भवों, बरोनियों, दाढ़ी, छाती, हाथ परों तथा जननांगों के आसपास भी देखे जा सकते हैं। कुछ मामलें में प्रभावित त्वचा बालों के झड़ने से पहले चिपचिपी या दर्दनाक हो सकती है। इसके आलवा ऐसे में लालिमा, सूजन और पस रिसने की समस्या भी होने लगती है।
हल्के से छूने से गुच्छों में बालों का झड़ना – काफी बार देखा जाता है कि कुछ लोगों को एक साथ काफी बाल टूटने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बाल गुच्छे में टूटते हैं, जिसकी वजह से गंजापन तेजी से होता है, लेकिन यह समस्या जल्द ही ठीक भी हो जाती है। बालों से जुड़ी यह समस्या तब होती है जब कोई व्यक्ति किसी गंभीर और लंबे समय तक किसी शारीरिक समस्या से जूझता है तो उस दौरान बालों से जुड़ी यह समस्या दिखाई दे सकती है, मूलतः इसके पीछे अचानक से आई कमजोरी होती है।
पूरे शरीर में बाल झड़ना – काफी बार कई लोगों को पुरे शरीर में बाल झड़ने की समस्या होती है। ऐसे में अचानक से पुरे शरीर में बाल झड़ने लग जाते हैं, ऐसी समस्या को एलोपेशिया टोटानिस के रूप में जाना जाता है। कुछ चिकित्सीय उपचारों में, जैसे कि केन्सर के लिए केमोथेरेपी से भी पूरे शरीर के बाल झड़ सकते हैं। बाद में आमतौर पर बाल फिर से उग आते हैं।
कोई भी समस्या होने के पीछे कोई न कोई कारण जरूर जरूर होती है, ठीक इसी प्रकार बाल झड़ने की समस्या होने के पीछे भी कई कारण होते हैं, जिनकी पहचान कर आप बाल झड़ने की समस्या को होने से बच सकते हैं। बाल झड़ने के कुछ खास कारण निम्न वर्णित किये गये हैं :-
रक्तचाप की समस्या के कारण – रक्तचाप की समस्या होने से न केवल किडनी और दिल से जुड़ी समस्याएँ ही नहीं होती बल्कि इसकी वजह से बाल झड़ने की समस्या भी होती है। जब कोई व्यक्ति ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहा होता है तो ऐसे में ब्लड का प्रेशर बाधित हो जाता है। साथ ही ब्लड में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, इसकी वजह से ब्लड बालों तक ठीक से पोषण नहीं पहुंचा पाते, इससे व्यक्ति के बाल तेजी से गिरने लगते हैं। यह समस्या वैसे तो हाई और लो दोनों ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है, लेकिन मूलतः यह समस्या हाई ब्लड र्प्रेशर की समस्या होने पर होती है।
सिर पर रूसी या पपड़ी पड़ने या फंगल इंफेक्शन के कारण बालों का झड़ना – टिनिया बारबेई जो कि सलून में किसी रेजर के इस्तेमाल के कारण पनप कर दाढ़ी या सिर की त्वचा को प्रभावित करता है, उन हिस्सों पर बालों की क्षति पैदा कर सकता है, क्रेडल केप एक अन्य फंगल इंफेक्शन है जो शिशुओं को प्रभावित करता है और जिसके कारण उनके बाल ठीक से नहीं उग पाते हैं या टूट जाते हैं।
तनाव या डिप्रेशन के कारण – जब कोई व्यक्ति लगातार काफी लंबे समय से डिप्रेशन की समस्या जूझता है तो उस दौरान उसे बाल झड़ने की समस्या का समाना करना पड़ सकता है। वैसे तो डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी समझती जाती है, लेकिन समय पर उपचार न मिलने पर यह एक शारीरिक समस्या के रूप में भी समाने आने लगती है। डिप्रेशन के कारण बालों से जुड़ी समस्या के होने का मतलब है कि अब डिप्रेशन की समस्या काफी आगे बढ़ चुकी है और इस मानसिक रोग का तीसरा चरण शुरू हो चूका है। ऐसे में केवल बाल ही नहीं झड़ते बल्कि बाल सफ़ेद भी होने लगते हैं।
कैंसर रोग के कारण – कैंसर रोग होने के कारण रोगी को बाल झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस गंभीर रोग के दौरान रोगी को अक्सर काफी गंभीर और जटिल उपचारों से गुजरना पड़ता है और साथ ही काफी दवाएं भी लेनी पडती है, जिसकी वजह से रोगी के पुरे शरीर से बाल झड़ने लगते हैं।
पारिवारिक इतिहास – बाल झड़ने की समस्या पारिवारिक भी हो सकती है। बाल झड़ने की समस्या अक्सर पुरुषों में दिखाई देती हैं, अक्सर यह देखा गया है अगर किसी पुरुष को बाल झड़ने की समस्या है तो उसकी आनी वाली पीढ़ी में भी यह समस्या होती है।
लूपुस डिसऑर्डर – ऑटोइम्यून डिसऑर्डर की वजह से भी अक्सर लोगो को बाल झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिसमे लूपुस भी एक है। लूपुस ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होने पर शरीर के कई हिस्सों में लंबे समय तक सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से उस हिस्से में ब्लड ठीक से नहीं पहुँच पाता और फिर बाल झड़ने की समस्या हो जाती है। लूपुस डिसऑर्डर के शिकार लोगों में केवल सिर के बाल गिरने में ही तेजी नहीं आती है बल्कि स्थिति गंभीर हो जाए तो आइब्रो, आइलिड के बाल भी गिरने लगते हैं। वहीं पुरुषों में यह समस्या होने पर उन्हें मूंछ और दाड़ी के बाल झड़ने की दिक्कत भी हो जाती है।
हार्मोन बदलने के कारण – अगर शरीर में हार्मोन अचानक से बदलने लग जाए या हार्मोन असंतुलित हो जाए तो इसकी वजह से भी बाल झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह समस्या अक्सर महिलाओं में मासिक धर्म और गर्भवस्था के दौरान देखि जाती है। पुरूषो में इसकी वजह से सिर के बीच सतह पर बाल झडने लगते है औऱ गंजापन आने लगता है।
डायलिसिस के कारण – किडनी खराब होने की वजह से रोगी को डायलिसिस करवाना पड़ता है, जिसकी वजह से किडनी रोगी को बाल झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है।
दवाओ के कारण – मधुमेह, खून पतला करने की दवाएं, थायरॉइड , आर्थराइटिस, ब्लड प्रेशर और दिल की दवाएं लेने की वजह से व्यक्ति को बाल झड़ने की समस्या का समाना करना पड़ सकता है।
पोषण की कमी – बाल झड़ने के अन्य कारणों को अगर दरकिनार कर दिया जाए तो शरीर में पोषण की कमी बाल झड़ने का सबसे मूल कारण है। अगर आप संतुलित आहार नहीं लेते तो आपको बाल झड़ने की समस्या संभावित रूप से हो सकती है। इसलिए अपने खाने में हमेशा विटमिन ई, आयरन, जिंक और सबसे जरूर प्रोटीन को जरूर शामिल करना चाहिए।
हेयर स्टाइलिंग या हेयर स्टाइल – जरूरत से ज्यादा हेयर स्टाइलिंग या हेयर स्टाइल करने की वजह से भी बाल झड़ने की समस्या का करना पड़ सकता है। जब आप ज्यादा हेयर स्टाइलिंग या हेयर स्टाइल करवाते हैं तो इसकी वजह से आपके बालों को कस कर खींचते हैं, जैसे कि पिगटेल या कॉर्नरो, एक प्रकार के बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं जिन्हें ट्रैक्शन एलोपेसिया कहा जाता है। गर्म तेल के बाल उपचार और स्थायी भी बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं। यदि निशान पड़ जाते हैं, तो बालों का झड़ना स्थायी हो सकता है।
थायरॉइड की वजह से – अगर आप काफी लंबे समय से थायरॉइड से जूझ रहें हैं तो आपको बाल झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
एनॉरेक्सिया और बुलिमिया – बाल झड़ने की यह समस्या अक्सर किशोरों में दिखाई देती है क्योंकि खाने से की वजह से होती है। अक्सर किशोर स्लिम फिट बॉडी की चाहत में अक्सर डाइटिंग करते हैं जिसकी वजह से अक्सर उन्हें एनॉरेक्सिया और बुलिमिया जैसे ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या हो जाती है। इन डिसऑर्डर्स से ग्रसित युवा बहुत सीमित मात्रा में और बेहद चुनिंदा फूड्स खाना पसंद करते हैं। जबकि कुछ लोग तो जो खाते हैं, उसे बाद में उल्टी के जरिए निकाल भी देते हैं। ताकि भूख भी मिट जाए और शरीर में फैट भी जमा ना हो। इसकी वजह से व्यक्ति को कुपोषण का भी सामना करना पड़ता है, जिसकी वजह से बाल झड़ने की समस्या होने लगती है।
पॉलिसिस्टिक ओविरियन सिंड्रोम – ये एक प्रकार का एंडोक्राइन डिसऑर्डर है जो महिलाओं के हार्मोन को प्रभावित करता है। इस सिंड्रोम के कारण एंड्रोजेन और डिहाइड्रोटेस्टास्टेरॉन हार्मोन का स्तर शरीर में बढ़ जाता है। जो महिलाओं में बाल झड़ने के कारण बन जाता है। इसके लिए इस हार्मोन को दवा के मदद से सही स्तर में लाना बहुत जरूरी होता है तभी बालों का गिरना नियंत्रण में किया जा सकता है।
जी हाँ, बाल झड़ने की समस्या भी कई प्रकार की होती है जिन्हें निचे वर्णित किया गया है :-
इनवोल्यूशनल एलोपेसिया – बाल झड़ने का प्रकार सबसे आम और प्राकृतिक है। इनवोल्यूशनल एलोपेसिया होने पर बाल उम्र के साथ धीरे-धीरे पतले होते जाते हैं। अधिक बालों के रोम आराम के चरण में चले जाते हैं, और शेष बाल छोटे और कम संख्या में हो जाते हैं।
एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया – बाल झड़ने की यह समस्या अनुवांशिक है जो कि महिलाओं और पुरुषों दोनों में होती है। एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया आमतौर पर 12 से 40 साल की उम्र के बीच शुरू होता है, लेकिन महिलाओं में विशेष रूप से यह समस्या 40 की उम्र के पास में यह समस्या दिखाई देती है। पुरुषों में बालों की यह समस्या होने पर माथे और सर के ऊपरी हिस्से में बाल कम होने लगते हैं, वहीं महिलाओं में इन दोनों समस्याओं के साथ-साथ बाल कमजोर भी होने लगते हैं।
एलोपेशिया एरियाटा – बाल झड़ने कि यह समस्या अचानक से शुरू होती है जो की बच्चों और किशोरों में ज्यादा दिखाई देती है। एलोपेशिया एरियाटा होने पर बाल अचानक से झड़ने लगते हैं, ऐसा शरीर में होने बदलावों की वजह से होता है। इस स्थिति के परिणामस्वरूप पूर्ण गंजापन हो सकता है। लेकिन इस स्थिति वाले लगभग 90% लोगों में बाल कुछ ही वर्षों में वापस आ जाते हैं।
एलोपेसिया युनिवर्सलिस – बाल झड़ने की इस समस्या में शरीर के सभी बाल झड़ने लगते हैं, जिसमें भौहें, पलकें और प्यूबिक बाल भी शामिल हैं।
टेलोजन एफ्लुवियम – बाल झड़ने के इस प्रकार में सर के ऊपर के बाल पतले होने लग जाते हैं और बाल गोलाकार में गिरने लग जाते हैं।
स्कारिंग एलोपेसिया – बाल झड़ने की यह समस्या त्वचा संबंधित रोग होने की वजह से होती है। अगर कोई व्यक्ति सेल्युलाइटिस, फॉलिकुलिटिस, मुँहासे और अन्य त्वचा विकार, जैसे ल्यूपस और लाइकेन प्लेनस से जूझता है तो उन्हें स्कारिंग एलोपेसिया होने की आशंका बनी रहती है। बाल झड़ने की यह समस्या गर्म कंघी और बालों को बहुत कसकर बुने और खींचे जाने से भी हो सकती है।
बाल झड़ने की समस्या होने के पीछे केवल उपरोक्त बताए गये कारण ही नहीं है, उनके अतिरिक्त कुछ स्वास्थ्य स्थितियां भी बाल झड़ने की समस्या को पैदा कर सकती है। निम्नलिखित कुछ ऐसी स्वास्थ्य स्थितियां है जिनकी वजह से बाल झड़ने की समस्या होती है :-
दाद
एडिसन के रोग
सीलिएक रोग
लाइकेन प्लानस
त्वग्काठिन्य
अतिगलग्रंथिता
हॉजकिन का रोग
सिस्टमिक लूपुस
हाइपोपिट्यूटेरिज्म
हाशिमोटो रोग
ट्राइकोर्रहेक्सिस इनवगिनाटा
अगर आप बाल झड़ने की समस्या से जूझ रहे हैं या आप इस समस्या से बचना चाहते हैं तो आप निम्नलिखित उपायों को अपना कर इससे बच सकते हैं :-
आप अपने बालों को हमेशा प्यार से संभाले। आप कंघी करते हुए बारीक़ कंघी की जगह चौड़ी कंघी का इस्तेमाल करें और बालों को खींचे नहीं। अगर बाल गीलें हैं तो उन्हें भी प्यार से ही संभालें।
बालों में अलग-लग कलर, शम्पू, हेयर मास्क आदि हेयर ट्रीटमेंट उत्पादों का कम से कम प्रयोग करें और कोशिश करें कि एक भी ब्रांड के उत्पादों का प्रयोग करें।
अगर आप कोई खास रोग की दवाएं ले रहे हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह से दवाओं से बचने के उपायों के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। उदहारण के लिए उच्च रक्तचाप की दवाओं की जगह आप खाने में बदलाव कर सकते हैं।
धूम्रपान बंद करें, कुछ अध्ययन पुरुषों में धूम्रपान और गंजेपन के बीच संबंध दिखाते हैं।
यदि आपका कीमोथेरेपी से इलाज किया जा रहा है, तो अपने डॉक्टर से कूलिंग कैप के बारे में बात करें। कूलिंग कैप कीमोथेरेपी के दौरान आपके बालों के झड़ने के जोखिम को कम कर सकती है।
अपने आहार में विटामिन बी को शामिल करें। विटामिन बी की कमी की वजह से बाल झडने की समस्या तेजी से बढती है।
आहार में आयरन और प्रोटीन को जरूर शामिल करें। इन दोनों की वजह से बाल झड़ने की समस्या सबसे ज्यादा होती है और बाल सफ़ेद भी होते हैं।
अपने बालों की सप्ताह में तीन से चार बार तेल से मालिश करके भी आप बाल झडने की समस्या से बच सकते हैं। बालों की मालिश करने के दौरान आप ध्यान रखे कि आप हल्के हाथों से भी मालिश करें।
बाल झड़ने की समस्या होने पर आप डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं, ताकि आपको पता चल सके की आपको बाल झड़ने की कौन सी समस्या हुई है?
तनाव मुक्त रहकर भी आप बाल झड़ने की समस्या से दूर रह सकते हैं।
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