सुनाई कम देना या बहरापन
जब किसी व्यक्ति को शुरूआत में कम सुनाई देता है या किसी अन्य व्यक्ति की आवाज कम सुनाई देती है तो यह सम्स्या कुछ समय बाद बहरापन का रूप ले लेती है जिससे व्यक्ति बहरा हो जाता है। बहरेपन में व्यक्ति को सुनाई नहीं देता है वह किसी अन्य व्यक्ति की आवाज, ध्वनि को सुनने में असमर्थ रहता है। बहरेपन के कई लक्ष्ण औऱ कारण होते है जिन्हे समय रहते पहचाना जा सकता है और उपचार किया जा सकता है।
बहरापन के कई कारण हो सकते है जिससे व्यक्ति की सुनने की क्षमता कम हो जाती है या खत्म हो जाती है यह सभी कारण निम्नलिखित है।
1. कोक्लिया में क्षति
कोक्लिया कान के भीतर एक अंग होता है जो व्यक्ति के मस्तिष्क में ध्वनि संकेत भेजता है लेकिन जब व्यक्ति लगातार शोर के संपर्क में आता है तो इसकी कोशिकाओं को क्षति पहुंचती है औऱ मस्तिषक तक संकेत भेजने में रूकावट होती है जिससे व्यक्ति को कम सुनाई या बहरापन की सम्स्या होने लगती है।
2. कान में संक्रमण
कान में संक्रमण होने के कारण या कान की हड्डी के बढने के कारण कान में दर्द व सुनने की क्षमता प्रभावित होती है जिससे व्यक्ति को बहरापन की सम्स्या होने लगती है।
3. कान के पर्दे में परेशानी
यदि कान में किसी कारण जैसे कान में संक्रमण, अचानक से दवाब बनना, कान में कुछ ऐसा चला जाना जिसकी वजह से कान के पर्दे में छेद हो जाता है इसके कारण व्यक्ति बहरा हो जाता है और कुछ सुनाई नहीं देता है।
बहरापन के कई लक्ष्ण है जिससे कान से संबंधित अनेक समस्याओं औऱ बहरापन की समस्या को पहचाना जा सकता है।
1. सुनाई ना दे पाना जब व्यक्ति को किसी अन्य की आवाज कम सुनाई देती है, टीवी पर चल रहे कार्यक्रम को तेज आवाज में सुनना आदि यह सभी लक्ष्ण सामने आते है तो यह बहरापन के लक्ष्ण है।
2. कान में दर्द होना या भीड में पिछे की आवाज को सुनने में असमर्थ साबित होना बहरापन के लक्ष्ण है।
3. किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा बोले गए शब्दो को समझ ना पाना और बार बार दोहराने के लिए बोलना यह सभी बहरापन के लक्ष्ण है।
बहरापन को कम करने व बचने के लिए अनेक बचाव है जिसकी मदद से इसे कम किया जा सकता है यह सभी बचाव निम्नलिखित है।
1. कानों को सुरक्षित रखना
कानों को शोर, तेज ध्वनि से बचाने के लिए कानों को सुरक्षित रखना जरूरी है। कानों को सुरक्षित रखने के लिए इयरमफ का प्रयोग किया जा सकता है।
2. कानों की नियमित रूप से जाँच
यदि किसी व्यक्ति के कान में दर्द रहता है या वह शोर के संपर्क में अधिक रहता है तो उन्हे कानों की नियमित रूप से जाँच करवानी चाहिए जिससे कोई भी परेशानी या सम्स्या का जल्द ही उपचार किया जा सके।
3. तेज ध्वनि औऱ संगीत से दूर रहना
तेज ध्वनि औऱ संगीत से दूर रहना चाहिए क्योकि ऐसे माहौल में रहना औऱ लंबे समय तक तेज आवाज में संगीत सुनने के कारण कान के पर्दे प्रभावित होते है।
जिन व्यक्तियों को कानो से संबंधित बिमारी या बहरापन की स्मस्या है तो वह डाक्टर की सलाह पर बहरापन की जाँच करवा सकते है। डाक्टर द्वारा अलग अलग कानों की जाँच की जाती है।
1. कानों की जाँच
डाक्टर की सलाह पर कानों की जाँच की जाती है जिसमें डाक्टर कानों की सूजन, कान में संक्रमण औऱ मैल की जाँच करते है औऱ परेशानियों को ढूंढते है।
2. स्क्रिनींग टेस्ट
डाक्टर द्वारा एक कान को बंद करके दूसरे कान से सुनने की क्षमता को जाँचते है एक कान से ध्वनि को सुनने की क्षमता औऱ प्रतिक्रिया को भी जाँचा जाता है।
3. ओडियोमिटर द्वारा जाँच
डाक्टर की सलाह पर ओडियोमिटर द्वारा जाँच की जाती है जिसमे डाक्टर अनेक प्रकार के शब्दों का प्रयोग करके सुनने की क्षमता को जाँचते है।
बहरेपन को ठीक करने के लिए अनेक उपचार उपलब्ध है डाक्टर की सलाह पर कान से संबंधित अलग अलग बिमारियों के लिए अलग अलग उपचार किये जाते है यह सभी उपचार निम्नलिखित है।
1. कानों की सफाई
बहरापन को ठीक करने के लिए डाक्टर की सलाह पर कानों की सफाई व मैल को हटाया जाता है यह सुनने की क्षमता पर प्रभाव डालता है |
2. सर्जरी द्वारा उपचार
डाक्टर की सलाह पर सर्जरी के द्वारा उपचार किया जाता है सर्जरी सिर्फ उन्ही व्यक्तियों की जाती है जिन्हे कान में चोट लगी हो या कान में संक्रमण की वजह से बहरापन हुआ हो।
3. कान की मशीन का प्रयोग
जब व्यक्ति की सुनने की क्षमता खत्म हो जाती है तो डाक्टर की सलाह पर कान की मशीन का प्रयोग किय़ा जाता है जिसे हियरिंग एड्स भी कहते है। इस मशीन को कान में लगाकर व्यक्ति ध्वनि या आवाज को सुन सकता है।
निष्कर्ष
आज के समय में कई लोग बहरेपन से पिडित है क्योंकि बढते ध्वनि प्रदूषण के कारण कानों से संबंधित अनेक परेशानी सामने आती है इसलिए कानों का समय पर उपचार, नियमित जाँच कराना जरूरी है। कानों के बचाव के लिए संगीत कम आवाज में सुनना चाहिए औऱ शोर के संपर्क में कम आना चाहिए।
1. कान से कम सुनाई देने के दौरन क्या किया जाना चाहिए?
कान से कम सुनाई देने पर कानों की देखभाल करनी चाहिए जैसे शोर के संम्पर्क में आने से बचना, ईयर पफ का प्रयोग करना आदि। अगर कान से कम सुनाई देने की सम्स्या लगातार बढ रही है तो डाक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
2. बहरापन को ठीक करने के लिए क्या करना चाहिए?
बहरापन को ठीक करने के लिए सबसे पहले इसके कारण को जानना आवश्यक है औऱ डाक्टर की सलाह लेनी जरूरी है। डाक्टर कानो की जाँच करके उपचार को शुरू करेंगे औऱ बहरापन को ठीक करने की कोशिश करेंगे।
3. कान के पर्दे को कैसे ठीक किया जाता है
कान के पर्दे में छेद या फटने को ठीक करने के लिए डाक्टर की सलाह पर दवाओ द्वारा इसे ठीक किया जाता है लेकिन जब संक्रमण अधिक हो जाता है तो डाक्टर द्वारा सर्जरी की जाती है।
संदर्भ में https://www.webmd.com/connect-to-care/hearing-loss/default.htm
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