शुगर की बीमारी को कई लोग डायबिटीज़ , कुछ लोग मधुमेह, कुछ शक्कर की बीमारी के नाम से जानते हैं । कुछ समय पहले तक तो सिर्फ 3 बीमारियाँ ही ऐसी थी जिसका कोई इलाज़ संभव नहीं था । पर अब यह बीमारियाँ बढ़ कर 4 हो गई है जिसमे से एक डायबिटीज़ है । डायबिटीज़ की बीमारी को लोग बहुत ही हल्के में बहुत ही सामान्य में लेले लेते हैं । जबकि यह एक जानलेवा बीमारी है । लोगों को यह तक पता ही नहीं है की यह बहुत गंभीर रोग है जिसके कारण सबसे ज्यादा जान जाने का खतरा होता है । भारत में लगभग 70% से 75 %लोग डायबिटीज़ की बीमारी से ग्रसित हैं ।
आपको जानकार हैरानी होगी की उन लोगों को जिन्हेयह डायबिटीज़ की बीमारी हैं उन्हे इस बीमारी से जुड़े गंभीर तथ्यों के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है । लोगों को यही ही पता है की डायबिटीज़ की बीमारी सिर्फ चीनी खाने से होती है या फिर चीनी खाना बंद कर देने से कम हो जाती है । शुगर की बीमारी हमारे शरीर में तब होती है जब या तो अग्नाशय हमारे शरीर में ठीक से इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या फिर हमारे शरीर की कोशिकाएं उस इंसुलिन को ठीक से स्वीकृत नहीं कर पाती है । इसका असर बहुत तरह के खानपान से भी पड़ता है । आपने यह भी देखा होगा की कई लोग खाना खाने से पहले शुगर की दवा का सेवन करते हैं और इस बीमारी में गंभीर से जुंझ रहे लोग इंसुलिन का इंजेक्शन लेते हैं । इंसुलिन का इंजेक्शन लेने वाले लोगों से यदि जरा सी भी चूक हो जाये तो वह समय पर खाना नहीं खाएं या इंजेक्शन नहीं लें तो यह उनकी मौत का कारण बन जाता है ।
क्या होते हैं डायबिटीज़ के लक्षण :- ( Diabetes Symptoms in Hindi )
• अधिक भूख एवं प्यास लगना
• अधिक पेशाब आना
• हमेशा थका महसूस करना
• वजन बढ़ना या कम होना
• मुंह का बार बार सुखना
• संक्रमण के प्रति शरीर का ज्यादा संवेदनशील होना
• आँखों से जुड़ी परेशानी होना , आँखों का धुंधला होने लगना
• शरीर पर कोई भी घाव लगने पर जल्द ठीक ना होना
• घाव का पकने लगाना
• महिलाओं में बार बार केंडिड इन्फेक्शन होना
• ब्लड में अतिरिक्त शर्करा से तंत्रिका क्षतिग्रस्त हो सकता है। व्यक्ति अपने हाथ और पैरों में झनझनाहट महसूस करता है साथ ही हाथ-पैरों में दर्द एवं जलन हो सकती है। जिसे बार बार हाथ पैरों का सुन्न भी कह सकते हैं ।
• डायबिटीज में व्यक्ति की संक्रमण से लड़ने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है जिससे कि मसूड़ों का संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और मसूड़े कमजोर होकर दाँत ढीले हो सकते है। मुंह से बदबू आने की परेशानी का भी खतरा रहता है ।
वैसे तो मधुमेह 4 प्रकार का होता है पर ज़्यादातर लोग या तो हाई ब्लड शुगर या लो ब्लड शुगर से ही ग्रसित होते हैं । इस बीमारी की कोई दवा नहीं है । जो दवा इस बीमारी में दी जाती है वह आपके इंसुलिन को नियंत्रित करने के लिए दी जाती है । आप इस बीमारी से राहत कुछ आसान घरेलू उपायों के जरिये भी पा सकते हैं । इसके लिए आपको कोई दवा का सेवन नहीं करना होगा ।
शुगर कम करने के उपाय :- ( Treatment of diabetes in hindi )
1. 6 बेलपत्र, 6 नीम के पत्ते, 6 तुलसी के पत्ते, 6 बैगनबेलिया के हरे पत्ते, 3 साबुत कालीमिर्च पीसकर खाली पेट, पानी के साथ लेने से डायबीटीज पर कन्ट्रोल किया जा सकता है। ध्यान रहे, इसे पीने के बाद कम से कम आधे घंटे तक कुछ भी न खाएं।
2. आंवला :- 10 मिलीग्राम आंवले के जूस को 2 ग्राम हल्दी के पाउडर में मिलाकर सेवन सरने से डायबीटीज पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इस घोल को दिन में दो बार लीजिए।
3. तुलसी :- तुलसी की पत्तियों में एंटी-ऑक्सीडेंट,एंटीबायोटिक , एंटीबैक्टीरियल , एंटीएजिंग,एंटीफ़ंगल गुण पाए जाते हैं। जिनसे इजिनॉल, मेथिल इजिनॉल और कैरियोफ़ैलिन बनते हैं। ये सारे तत्व मिलकर इन्सुलिन जमा करने वाली और छोड़ने वाली कोशिकाओं को ठीक से काम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स को इंसुलिन के प्रति सक्रिय बनाती हैं। ये सेल्स इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ाती हैं। सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं,या फिर आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं । इससे आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में आ जाएगा । तुलसी के सेवन के साथ में यदि आप शुगर को कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो ध्यान रखें और डॉक्टर्स से परामर्श जरूर लें । क्योंकि शुगर को तेजी से कम करने का काम करती है ।
4. अमलतास की कुछ पत्तियाँ धोकर उनका रस निकालें। इसका एक चौथाई कप प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीने से शुगर के इलाज में फायदा मिलता है।
5. ग्रीन टी में उच्च मात्रा में पॉलीफिनॉल पाया जाता है। ये एक सक्रिय एंटी-ऑक्सीडेंट है। जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार है। प्रतिदिन सुबह और शाम ग्रीन टी पीने से फायदा होगा ।
6. नियमित तौर पर भोजन के बाद सौंफ का सेवन करें । सौंफ खाने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है। शुगर के रोगियों को इन घरेलू उपायों को अपनाने के साथ साथ परहेज का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
7. जामुन :- जामुन के सीजन में जामुन को काला नमक लगा कर खाना डायबिटीज़ की बीमारी को कम करने में सहायक होता है । इसके अलावा जामुन की गुठली को सूखा कर उसको पीस कर चूर्ण बना लें और सुबह शाम हल्के गरम पानी के साथ 2 -2 चम्मच सेवन करने से आपको डायबिटीज़ की बीमारी में बहुत फायदा होगा ।
8. सहजन :- सहजन जिसको ज़्यादातर लोग ड्रमस्टिक्स के नाम से भी जानते हैं । यह दक्षिण भारत के भोजन में काम आती है और साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं में काम आती है । सहजन की फली का सेवन और या फिर सहजन की पत्तियों के रस का सेवन भी डायबिटीज़ की परेशानी को कम करने में सहयोगी होता है ।
9. शलजम को सलाद के रुप में या सब्जी बनाकर खाएँ। शुगर के इलाज के दौरान शलजम का सेवन काफी फायदेमंद होता है।
10. प्रतिदिन सुबह खाली पेट अलसी का चूर्ण गरम पानी के साथ लेने से डायबीटीज को कम किया जा सकता है। अलसी में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिसके कारण यह फैट और शुगर का उचित अवशोषण करने में सहायक होता है। अलसी के बीज डाइबीटीज़ के मरीज़ की भोजन के बाद की शुगर को लगभग 28 प्रतिशत तक कम कर देते हैं।
11. करेले का रस :- रोजाना सुबह में करेले के रस का सेवन करना या करेले की सब्जी का सेवन करना भी डायबिटीज़ की बीमारी को नियंत्रित करने का काम करता है ।
12. मेथी के दानें को रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में डालकर रख दें। सुबह उठकर खाली पेट इस पानी को पिएँ और मेथी के दानों को चबा लें। नियमित रुप से इसका सेवन करने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है।
13. एलोवीरा :- आंवले के रस में एलोवीरा का जूस मिला कर सुबह में सेवन करने से भी डायबिटीज़ की बीमारी में बहुत फायदा मिलता है ।
14. रक्त में शुगर के स्तर को कम रखने के लिए एक महीने तक अपने प्रतिदिन के आहार में एक ग्राम दालचीनी का प्रयोग करें। दालचीनी का इस्तेमाल आप शुगर की घरेलू दवा के रूप में कर सकते हैं।
15. शुगर का स्तर कम करने के लिए आम के पत्तों का भी इस्तेमाल बहुत अच्छा होता है । रात भर 10-15 आम के पत्तों को 1 ग्लास पानी में भिगो कर रख दें और सुबह उस पानी का सेवन करें । यह डायबिटीज़ को कम करने में मददगार साबित होता है ।
डॉक्टर्स के पास कब जाने की कब है जरूरत :-
डॉक्टर के पास जाने पर वह टेस्ट करने की सलाह देते है और रिपोर्ट आने पर ही इलाज निर्धारित करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह लिए शुगर की दवा का सेवन ना करें। यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है ।
डायबिटीज़ के टेस्ट दो होते हैं एक फास्टिंग यानि की खाली पेट और एक कना खाने के बाद । खाना खाने के बाद वाले किए गए शुगर टेस्ट में यदि शुगर की मात्रा बढ़ी हुई आती है तब फास्टिंग टेस्ट पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जाता है । फास्टिंग टेस्ट में यदि शुगर ज्यादा आती है तो यह गंभीर बात है ।
आपको डॉक्टर्स से परामर्श की बहुत आवश्यकता है और सेहत पर भी ध्यान देने की आवश्यकता ज्यादा है ।साथ ही खानपान को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतने की भी । पर यदि आपका फास्टिंग शुगर सामान्य या उससे कम आता है तो आपको बहुत अधिक चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। बस अपने खानपान पर थोड़ा नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी । समय समय पर अपनी स्वास्थ्य जांच करवाते रहें । खास कर प्रेग्नेंसी और 40 की उम्र के बाद अपनी स्वास्थ्य जांच करना नियमित रखें ।
नोट :- आलू , चावल , गन्ना , केला , आम , चीकू , अनार , ऑरेंज जैसे आहारों का सेवन करने से बचे । इनमे ग्लूकोज की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जाती है । यदि आप बाज़ारों में मिलने वाले शुगर फ्री लिक्विड और टेबलेट्स का उपयोग करते हैं चीजों को मीठा बनाने के लिए तो बहुत ही सीमित मात्रा में कम में लें । लंबे समय तक और ज्यादा मात्रा में इसका सेवन भी सेहत के बिगड़ने का कारण बन सकता है । इसके साथ ही आप अपने खानपान को लेकर डॉक्टर की सलाह अवश्य लें । आपकी जरा सी लापर वाही और खानपान की जरा सी चूक आपके जान जाने का कारण बन सकती है ।
Please login to comment on this article