कोरोना वायरस ने पूरे देश को लॉकडाउन की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है, बावजूद इसके यह थमने का नाम नहीं रहा । लगभग एक महीने के लॉकडाउन के बाद दिल्ली की सबसे बड़ी आज़ादपुर मंडी खोली गयी, लेकिन उसे फिर से तब बंद कर दिया गया जब वहां कोरोना पॉजीटिव केस पाया गया । इसी के चलते अभी तीन मौतें आज़ादपुर, महरौली और गाज़ियाबाद में हुईऔर यह संक्रमण आज़ादपुर मंडी के एक सब्जी बेचने वाले के द्वारा फैला ।
इस घटना के बाद लोगों में दहशत का माहौल है और उनके कईं सवाल हैं, जैसे –
क्या कोरोना वायरस सब्जी और फलों के द्वारा फैल सकता है ?
जी हां, बिल्कुल फैल सकता है और फल सब्जी ही नहीं, किसी भी संक्रमित सतह के संपर्क में आने से फैल सकता है । जब भी आप बाज़ार जाएं, पेपरबैग लेकर जाएं और सब्जी वाले से उसी में सब्जी डलवाएं ।
बाज़ार जाते वक्त क्या मास्क के अलावा और भी कुछ सुरक्षा करें ?
इस समय मास्क तो अनिवार्य है ही, परंतु जब भी आप बज़ार या ऐसी किसी जगह पर जाएं जहां लोगों के संपर्क की स्थिति बनती है, दस्ताने ज़रुर पहनें और इसके बाद दस्तानों को अलग निकालकर हाथों और सब्जियों को अच्छी तरह धो लें ।
फल और सब्जियों को साफ करने के लिए आप कुछ कदम उठा सकते हैं –
ब्लीचिंग पाउडर
ध्यान रहे जब भी आप बाज़ार से फल-सब्जी लेकर आएं उन्हें पानी से भरे एक ऐसे बरतन में डाल दें, जिसमें 7 ग्राम ब्लिचिंग पाउडर डला हुआ है । यदि आप इसे एक मिनट फस और सब्जियों को रख देंगे, तो वायरस मर जाएगा ।
ब्लीचिंग के बाद सफाई ज़रुरी
ध्यान रहे, जब भी आप ब्लीचिंग पाउडर में भिगोने के बाद सब्जी को बाहर निकालें तो उसे पानी से अच्छी तरह रगड़कर 20 सेंकेंड तक धोएं । इसके बाद फल सब्जियों को अलग रखकर सूखने के लिए छोड़ दें ।
अंत में हाथ अवश्य धोएं
फल और सब्जियों को वायरस मुक्त करने के बाद अपने हाथों को भी अच्छी तरह धोएं, क्योंकि अगर हात कीटाणु मुक्त नहीं है तो आपकी सारी मेहनत बेकार है । हाथ धोने के लिए किसी भी साबुन या हैंडवॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं ।
इसके अलावा भारत सरकार और डब्लूएचओ(WHO) ने जो निर्देश जारी किए हैं –
फल-सब्जी धोने से पहले, अपने हाथों को धो लें
कोविड -19 को फैलने से रोकने के लिए हाथ धोने की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए, यहां तक कि जब आप सब्जियों को धोने जा रहे हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके हाथ साफ हों। फलों और सब्जियों को घर लाने के बाद कम से कम 20 सेकंड तक धोएं। एफडीए के अनुसार, बाद में उन्हें धोना भी एक अच्छा विचार है।
साबुन या डिटर्जेंट का उपयोग न करें
एफडीए का कहना है कि यह एक मिथ है कि साबुन, डिटर्जेंट से फल-सब्जियों को साफ किया जाए । आप पानी को धीमे चलाकर उसके नीचे फल, सब्जी को अच्छी तरह रगड़कर धो सकते हैं । फल सब्जियों को धोने के लिए साबुन या किसी और वस्तु का उपयोग घातक भी सिद्द हो सकता है । हां, फल-सब्जी के अलावा दूसरे पैकेट बंद उत्पादों को आप इनसे धो सकते हैं ।
यदि ज़रुरत हो तो ब्रश या स्पंज का उपयोग करें
आलू या गाजर जैसी जड़ वाली सब्जियों की सफाई करते समय, गंदगी और कीटाणुओं को हटाने के लिए वेजिटेबल ब्रश या स्पंज का उपयोग किया जा सकता है । एक साफ़ वेजिटेबल ब्रश का उपयोग करें जैसे खरबूजे और खीरे में इसका उपयोग करें, "एफडीए द्वारा इसकी सिफारिश की गई है।
कुछ सब्जियों और फलों को अधिक देखभाल की ज़रुरत होती है
सफाई करने के दौरान बैरी संबंधी फल-सब्जियों पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होती है।उन्हें एक कोलंडर में रखें और कीटाणुओं को हटाने के लिए उन्हें बहते पानी में छोड़ दें।इसी तरह, लेट्यूस और पत्तेदार साग को ठंडे पानी के कटोरे में रखा जाना चाहिए । एफडीए लेट्यूस या गोभी के बाहरी पत्तों को हटाने का सुझाव देता है ।
कुछ दिशा-निर्देश हैं, जिनको एफडीए निर्धारित करता है, जैसे - हमें हमेशा ऐसी फल-सब्जियों का चयन करना चाहिए जिसमें कोई घाव या निशान न हों। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि तरबूज जैसे स्लाइस वाले फल पहले से कटे हुए न हों । एफएसएसएआई ने खाद्य सुरक्षा के लिए इन सिफारिशों का समर्थन किया है ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि फल और सब्जियां स्वस्थ आहार के महत्वपूर्ण घटक हैं। उन्हें उसी तरह से धोएं जैसा आपको किसी ज़रुरी परिस्थिति में धोना चाहिए । उन्हें पकड़ने से पहले, अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएंफिर, फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से साफ पानी से धोएं, खासकर तब यदि आप उन्हें कच्चा खाते हैं।
Recipient of Padma Shri, Vishwa Hindi Samman, National Science Communication Award and Dr B C Roy National Award, Dr Aggarwal is a physician, cardiologist, spiritual writer and motivational speaker. He was the Past President of the Indian Medical Association and President of Heart Care Foundation of India. He was also the Editor in Chief of the IJCP Group, Medtalks and eMediNexus
Please login to comment on this article