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सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए मौखिक स्वच्छता का महत्व

Published On: 05 Jul, 2024 6:03 PM | Updated On: 31 Jul, 2024 12:03 PM

सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए मौखिक स्वच्छता का महत्व

सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अच्छा मौखिक स्वास्थ्य अत्यंत आवश्यक है।

अच्छे मौखिक स्वास्थ्य से मदद मिलती है-
  • स्पष्ट संचार:
  • स्वस्थ दांत और मसूड़े प्रभावी वार्ता में सहायता करते हैं।
  • पर्याप्त पोषण और स्वाद:
  • विभिन्न खाद्य पदार्थों का आनंद लेने के लिए सही चबाना और निगलना महत्वपूर्ण है।
  • सुखद चेहरे के भाव:
  • एक स्वस्थ मुस्कान भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करती है।

मौखिक स्वच्छता का सम्बन्ध प्रणालीगत रोगों से जुड़ा होता है

खराब मौखिक स्वच्छता संपूर्ण स्वास्थ्य पर प्रतिकूल रूप से प्रभाव डालती है-

  • हृदय रोग:
  • खराब मौखिक स्वास्थ्य हृदय संबंधी जोखिम बढ़ने से जुड़ा हुआ है।
  • मानसिक स्वास्थ्य:
  • खराब मौखिक स्वास्थ्य का अल्जाइमर, अवसाद और स्मृति हानि के साथ संबंध होता है।
  • मधुमेह:
  • मधुमेह और मसूड़ों की बीमारी के बीच एक परस्पर संबंध होता है, जिसमें मधुमेह के साथ मसूड़ों की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, जो फिर रक्त शर्करा नियंत्रण को प्रभावित करता है।
  • पुराना दर्द:
  • चेहरे के दर्द का शरीर पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।
  • रूमेटाइड गठिया: 
  • पेरियोडोंटल बीमारी का रूमेटाइड गठिया के साथ मजबूत संबंध होते हैं।
क्या आप जानते हैं कि बीटाडीन से गरारे करने से आपके मौखिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिल सकता है?

रोगाणुरोधक:

पोविडोन-आयोडीन (पीवीपी-आई) एक व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त रोगाणुरोधक है और ऊपरी वायुमार्ग संक्रमण और मौखिक जटिलताओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करता है।

कीटाणुओं को कम करता है:

पीवीपी-आई (PVP-I) कम से कम चार घंटे तक जीवाणु संख्या को कुशलता से कम करता है और मुख से संबंधित बैक्टीरिया, वायरस (सामान्य ठंड, इन्फ्लुएंजा, एचआईवी, SARS-CoV, स्वाइन इन्फ्लुएंजा) और फफुंद के खिलाफ प्रभावी है।

मसूड़ों के स्वास्थ्य में सुधार:

मसूड़ों के संक्रमण से पीड़ित लोगों के मसूड़ों को स्वस्थ बनाकर उन्हें लाभ पहुँचाता है।

उपयोग के लिए सुरक्षित:

अल्पकालिक उपयोग से मुंह के अंदर कोई जलन नहीं होती है; इस प्रकार से यह सुरक्षित और प्रभावी है।

नियमित गरारे करना:

यह ऊपरी श्वसन तंतु संक्रमण (URTI) को रोकने और इलाज करने में मदद करता है, और खांसी, गले में खराश, बहती नाक आदि जैसे लक्षणों को कम करता है।

किसी भी दंत चिकित्सा प्रक्रिया से पहले:

पीवीपी-आई को किसी भी दंत प्रक्रिया से पहले धोने की सिफारिश की जाती है क्योंकि यह मौखिक बैक्टीरिया के बोझ को कम करता है, खासकर बैक्टीरियल एंडोकारर्डीटिस (bacterial endocarditis) के जोखिम वाले रोगियों में।

Source-

1. NIH[Internet]. Oral hygiene. Cited on: 5oct 2023; available from: https://www.nidcr.nih.gov/health-info/oral-hygiene.

2. WHO[Internet]. Oral Health. Cited on: 5oct 2023; available from: https://www.who.int/health-topics/oral-health.

3. Peck CC. Putting the Mouth into Health: The Importance of Oral Health for General Health. In: Sasaki K, Suzuki O, Takahashi N. (eds) Interface Oral Health Science 2016. Springer, Singapore. https://doi.org/10.1007/978-981-10-1560-1_7

4. Kanagalingam J, Feliciano R, Hah JH, Labib H, Le TA, Lin JC. Practical use of povidone-iodine antiseptic in the maintenance of oral health and in the prevention and treatment of common oropharyngeal infections. Int J Clin Pract. 2015 Nov;69(11):1247-56. doi: 10.1111/ijcp.12707. Epub 2015 Aug 6. PMID: 26249761;PMCID: PMC6767541.

5. Amtha R, Kanagalingam J. Povidone-iodine in dental and oral health: A narrative review. J Int Oral Health 2020;12:407-12


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