महिला हो या पुरुष दोनों में ही सेक्स ड्राइव अलग होती है। महिलाओं और पुरुषों के इतर हर व्यक्ति की अपनी अलग-अलग सेक्स की इच्छा होती है। कोई व्यक्ति सेक्स के लिए अक्सर उत्तेजित रहता है वहीं कुछ सामान्य और कुछ लोगों को सेक्स की इच्छा बिलकुल ही नहीं होती। समाज में सेक्स को लेकर अक्सर खुले रूप में बात नहीं की जाती, महिलाओं के मुकाबले पुरुष फिर भी इस बारे में खुलें रूप से बात कर लेते हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के सेक्स ड्राइव में सबसे ज्यादा उतार-चढ़ाव देखे जाते हैं, जिसके बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं होती चलिए इस बारे में कुछ विशेष बिन्दुओं पर चर्चा करते हैं।
सेक्स ड्राइव, जिसे कामेच्छा के रूप में जाना जाता है, एक व्यक्ति की यौन गतिविधि की इच्छा को संदर्भित करता है और प्रजनन के लिए मूल जैविक आवश्यकता से उत्पन्न होता है। यह एक सामान्य भावना है जिसे कोई भी अनुभव कर सकता है, चाहे कोई व्यक्ति प्रजनन करना चाहता हो या नहीं। कामेच्छा के स्तर एक स्पेक्ट्रम पर मौजूद होते हैं, जिसमें सेक्स की बिल्कुल भी इच्छा न होने से लेकर अक्सर यौन गतिविधियों में शामिल होने की इच्छा होती है। महिलाओं में सेक्स ड्राइव हमेशा बदलती रहती, वह कभी हाई होती है तो कभी लो हो जाती है, वहीं पुरुषों में यह समस्या बहुत कम दिखाई देती है।
महिलाओं में सेक्स ड्राइव हाई और लो दोनों होती है, चलिए दोनों के कारणों के बारे में बात करते है।
हाई सेक्स ड्राइव के कारण :-
व्यायाम करना – एक अध्ययन से पता चलता है कि जो महिलाऐं शारीरिक गतिविधि में ज्यादा लगी रहती है उनमें सेक्स ड्राइव अधिक होती है।
नशीली दवाओं का सेवन – जो महिलाऐं नशीली दवाएं लेती हैं उनकी सेक्स ड्राइव अधिक होती है।
न्यूरोट्रांसमीटर में परिवर्तन – डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है। पार्किंसंस रोग वाली महिलाऐं डोपामिन रिप्लेसमेंट थेरेपी प्राप्त कर सकती हैं। यह हाइपरसेक्सुअलिटी और यौन मजबूरियों का कारण बन सकता है।
लो सेक्स ड्राइव के कारण :-
रजोनिवृत्ति
संस्कृति और धर्म
मानसिक स्वास्थ्य
उम्र
मोटापा
क्रोनिक बीमारियाँ
गर्भावस्था
रिश्ते की संतुष्टि
किसी खास दवा का अधिक सेवन
गर्भनिरोधक दवाएं
ओर्गाजम न मिलना
यौन शोषण
गर्भावस्था कई बदलावों को ट्रिगर करती है जो एक महिला की सेक्स ड्राइव को प्रभावित कर सकती हैं। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के उच्च स्तर के साथ-साथ जननांगों में रक्त के प्रवाह में वृद्धि से यौन इच्छा बढ़ सकती है। दूसरी ओर, मतली, थकान, तनाव और गर्भावस्था के परिणामस्वरूप होने वाले कई शारीरिक परिवर्तन एक महिला की सेक्स करने की इच्छा को कम कर सकते हैं।
यौन इच्छा पूरे मासिक धर्म चक्र में उतार-चढ़ाव कर सकती है और अक्सर ओव्यूलेशन के समय के आसपास चरम पर होती है। यह तब होता है जब टेस्टोस्टेरोन का स्तर अपने उच्चतम स्तर पर होता है। मासिक धर्म चक्र में ओव्यूलेशन वह समय होता है जब शुक्राणु एक अंडे को निषेचित कर सकता है। इसलिए, जैविक रूप से कहें तो, इस समय के आसपास महिलाओं के लिए सेक्स की अधिक इच्छा महसूस करना समझ में आता है, क्योंकि आमतौर पर उनके गर्भवती होने की संभावना अधिक होती है।
अक्सर महिलाओं की शिकायत होती है कि उनकी सेक्स ड्राइव काफी लो रहती है तो उसे कैसे बढ़ाया जा सकता है। तो अगर आप भी अपने सेक्स ड्राइव को बढ़ाना चाहते हैं तो आप निम्नलिखित उपायों को अपना सकते हैं :-
रिश्ते की गुणवत्ता में सुधार करें – सेक्स ड्राइव बढ़ाने के लिए अपने रिश्तों में सुधार करना जरूरी है। अपने साथी के साथ सेक्स के बारे में बात करें और उन्हें बताएं कि आपको कैसा सेक्स अनुभव करना है।
फोरप्ले पर ध्यान दें – बेहतर यौन अनुभव होने से व्यक्ति की सेक्स की इच्छा बढ़ सकती है, जिससे उनकी कामेच्छा में वृद्धि होती है। कई मामलों में, लोग छूने, चूमने, सेक्स टॉयज का उपयोग करने और ओरल सेक्स करने में अधिक समय व्यतीत करके अपने यौन अनुभवों को बढ़ा सकते हैं। कुछ लोग इन क्रियाओं को आउटरकोर्स कहते हैं।
अच्छी गुणवत्ता वाली नींद लें – सेक्स का पूरा आनंद लेने के लिए अच्छी नींद लेना जरूरी है। पूरी नींद लेने से मूड और ऊर्जा के स्तर में सुधार हो सकता है, और कुछ शोध नींद की गुणवत्ता को कामेच्छा से भी जोड़ते हैं।
नियमित व्यायाम करें – हमने ऊपर जाना कि व्यायम करने वालों में सेक्स ड्राइव हाई होता है तो इसलिए हाई सेक्स ड्राइव प्राप्त करने के लिए नियमित व्यायाम करें।
सेक्स टॉय का इस्तेमाल करें – सेक्स करने के दौरान अगर महिला सेक्स टॉय का इस्तेमाल करती है तो इससे उनकी कामेच्छा काफी बढ़ सकती है। ध्यान रहे सेक्स टॉय साफ़ होना चाहिए और उसको साझा नहीं करना चाहिए।
दवाएं लें – सेक्स ड्राइव बढ़ाने के लिए महिलाएं चिकित्सक की सलाह से कुछ दवाओं का सेवन भी कर सकती है।
Mr. Ravi Nirwal is a Medical Content Writer at IJCP Group with over 6 years of experience. He specializes in creating engaging content for the healthcare industry, with a focus on Ayurveda and clinical studies. Ravi has worked with prestigious organizations such as Karma Ayurveda and the IJCP, where he has honed his skills in translating complex medical concepts into accessible content. His commitment to accuracy and his ability to craft compelling narratives make him a sought-after writer in the field.
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