कोरोना वायरस ने भारत समेत दुनिया के 190 देशों को प्रभावित किया है । हर देश इस वायरस से निजात पाने के लिए इसका एंटीडोट बनाने की कोशिश में हैं लेकिन अभी तक इसमें कामयाबी नहीं मिली है ।
भारत की बात करें तो अभी तक भारत में 500 केस सामने आ गए हैं । बीते दो दिनों के अंदर 150 से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं और भारत के 14 राज्य ऐसे हैं जहां ये कोरोना का वायरस बहुत एक्टिव है ।
इन राज्यों में दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, लद्दाख, हरियाणा, पंजाब प्रमुख हैं। केरल और पंजाब में नए केस सामने आए हैं ।
अब प्रश्न यह है कि क्या ऐसे समय मे दवाई लेनी चाहिए और अगर लेनी चाहिए तो कौन सी दवाई लेनी चाहिए ?
इस प्रश्न के जवाब में डॉ.के.के. अग्रवाल, अध्य़क्ष, हार्ट केयर फांउडेशन ऑफ इंडिया कहते हैं कि – नहीं, ये दवाई लेना ऐसे समय में बिल्कुल भी उचित नहीं है ।
डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि अभी तक ड्रग कंट्रोल कंट्रोलर जनरल ने इन दवाई के सेवन को अनुमति नहीं दी है । लेकिन यदि डॉक्टर इन दवाईयों को दे रहा है तो इसका सेवन किया जा सकता है ।
डॉक्टर आमतौर पर ऑफलेबल इस्तेमाल में केस-टू-केस आधार पर इसको लेने की इजाज़त देते हैं। लेकिन उसमें कुछ शर्तें होती हैं । जैसे :
यानि गंभीर मामलों में डॉक्टर ऑफ लेबल एंटिरिट्रोवायरल ड्रग्स साथ में हाइड्रिक्सोक्लोरोक्वीन और एज़िथ्रोमाइसिन दे सकते हैं ।
लेकिन ध्यान रहे कि लोगों से यह गुज़ारिश है कि बिन अपने डॉक्टर से बात किए इनका सेवन न करें ।
हालांकि COVID 19 से लड़ने के लिए कुछ और दवाएं हैं जो लगातार मरीजों को दी जाती हैं लेकिन इनके इस्तेमाल पर लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं । डॉक्टर COVID 19 के लिए दी जाने वाली इन दवाओं को लेकर बटे हुए हैं ।
कुछ डॉक्टर इसे देने के पक्ष में हैं जबकि कुछ इसे खतरनाक मानते हैं । इन्हीं में से एक दवा है – इबुप्रोफेन । क्या इबुप्रोफेन दवा के सेवन से कोरोना बीमारी हो सकती है ?
इसके जवाब में नहीं, वियना के विश्वविद्यालय अस्पताल में एक डॉक्टर थे और उन्होंने जर्मन में कहा कि - क्लिनिक ने देखा था कि COVID-19 के गंभीर लक्षणों वाले अधिकांश रोगी, जो कोरोनावायरस महामारी के कारण होते हैं, उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने से पहले दर्द निवारक दवा इबुप्रोफेन का सेवन कर लिया था ।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला द्वारा चलाए गए टेस्ट में पाया गया कि " इस बात के ठोस सबूत हैं कि इबुप्रोफेन वायरस के गुणन को तेज करता है।" वियना के मेडिकल विश्वविद्यालय के एक प्रवक्ता जोहान्स एंगर ने कहा कि - यह ‘एकदम बकवास बात है’ ।
"हमने न तो आंतरिक रूप से इस पर चर्चा की, न ही हम COVID-19 पर इबुप्रोफेन दवा के संभावित प्रभावों के बारे में कोई शोध करते हैं।"
निष्कर्ष यही है कि बिना डॉक्टर के परामर्श के किसी भी दवाई का सेवन न करें और कोशिश करें कि ऐसे समय में जागरुक रहें और जितना हो सके सावधानी बरतें ।
वर्तमान में कोई टीका या विशिष्ट उपचार कोरोना के लिए उपलब्ध नहीं है, हालाँकि तकनीकी विकास के अंतर्गत कई टीके और विशिष्ट उपचार मौजूद हैं। लेकिन कुछ सावधानियों से हम कोरोना वायरस से रोकथाम कर सकत हैं :
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