एक तरफ कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लग गये हैं वहीं दूसरी तरफ मंकीपॉक्स के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं जो कि चिंता का सबब बनते जा रहे हैं। मंकीपॉक्स के मामले अब दुनिया भर से सामने आ रहे हैं और फिलाहल यह 92 देशों में फ़ैल चूका हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस (Director General Dr Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने इस बारे में बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि मंकीपॉक्स वायरस तेजी से बढ़ते हुए 92 देशों में फैल चुका है। वहीं, इस बीमारी से 12 लोगों की मौत हो गई है। डॉ टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने ने आगे बताया कि दुनिया भर में मंकीपॉक्स के 35 हज़ार से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं पीछले हफ्ते की तुलना में दुनिया भर में मंकीपॉक्स के मामले 20 प्रतिशत वृधि के साथ बढ़े हैं और इसी के साथ 7,500 नए मामले दर्ज किये गये हैं। ताजा आकड़ों पर प्रकाश डालते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा, “ताजा नए मामलों में अधिकांश मामले यूरोप और अमेरिका से सामने आए हैं "और लगभग सभी मामले पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में दर्ज किए गये हैं”। एक तरफ जहाँ मंकीपॉक्स वायरस अब 90 से ज्यादा देशों में फ़ैल चूका है वहीं अब एक यह कुत्तों में भी फैलना शुरू हो गया है। दरअसल, फ्रांस की राजधानी पेरसि में मंकीपॉक्स के एक मामले ने हैरान कर दिया है। यहां इंसान के माध्यम से मंकीपॉक्स का वायरस एक कुत्ते तक पहुंच गया है। यह दुनिया का पहला दुर्लभ मामला है। इस बारे में मेडिकल रिसर्च से जुड़ी प्रतिष्ठित रिसर्च जर्नल लैंसेट (The Lancet) ने रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस खबर के बाद हर किसी के होश उड़ गये हैं क्योंकि यह कोई सामान्य मामला नहीं है। इंसान के माध्यम से कुत्ते में मंकीपॉक्स वायरस फैलने का केस सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (world health organization) ने भी चिंता जताई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स का शिकार होने वाले लोगों को जानवरों के संपर्क में न आने की सलाह दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात निदेशक माइकल रयान (World Health Organization emergency director Michael Ryan) के अनुसार, यह एक ज्यादा खतरनाक स्थिति है। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि यह वायरस एक ही कुत्ते में एक इंसान की तुलना में तेजी से नहीं विकसित होगा। लेकिन उन्होंने बताया कि लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी प्रमुख रोसमंड लुईस (Rosamund Lewis, technical chief of the World Health Organization) ने मंकीपॉक्स की वैक्सीन (Monkeypox Vaccine) को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उनका कहना है कि मंकीपॉक्स की वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं हैं। ऐसे में अब लोगों को संक्रमण के अपने जोखिम को कम करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि वैक्सीन इसका पूरी तरह से उपाय नहीं है। हर व्यक्ति यह पहले से महसूस कर सकता है कि वह जोखिम में है और इसे कम करने के लिए वैक्सीन पर ही निर्भर नहीं रहा जा सकता। सभी लोगों को पहले से ही ध्यान रखना है कि वह खुद को इस वायरस से बचाएं और सफाई को लेकर पूरा ध्यान रखें।Monkeypox Update
90 से ज्यादा देशों में फैला मंकीपॉक्स : विश्व स्वास्थ्य संगठन
जानवरों में फ़ैल रहा मंकीपॉक्स : लैंसेट
वैक्सीन नहीं हैं प्रभावी : चिंताजनक
मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्सवायरस संक्रमण (orthopoxvirus infection) दुर्लभ बीमारी है जो कि चेचक या चिकनपॉक्स के सामान दिखाई देती है। यह बीमारी सबसे पहले वर्ष 1958 में बंदरों में दिखाई दी थी, जिसके कारण इसे मंकीपॉक्स नाम दिया गया। वर्ष 1970 में एक युवा में सबसे पहले मंकीपॉक्स का मामला सामने आया था।
मंकीपॉक्स एक फैलने वाली बीमारी है यह एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फ़ैल सकती है। अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। ऐसा माना जाता है कि यह चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है। यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है। यह वायरस चेचक की तुलना में कम संक्रामक है और कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण बहुत जल्द सामने आने लगते हैं जिसमें सबसे पहले हल्के से गंभीर बुखार हो सकता है। बुखार के साथ-साथ संक्रमित को मांसपेशियों में दर्द, जकड़न और कमजोरी महसूस हो सकती है। इसके साथ ही जैसे-जैसे मंकीपॉक्स की बीमारी बढ़ने लगती है वैसे-वैसे संक्रमित रोगी के लिम्फ नोड्स में सूजन आने लगती है जो कि मंकीपॉक्स की सबसे बड़ी पहचान है।
मंकीपॉक्स होने पर रोगी के शरीर में पांच दिनों के भीतर शरीर में चेचक यानि माता के निशान बनने लग जाते हैं जिससे रोगी को और भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मंकीपॉक्स होने पर रोगी को मुख्य तौर पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं :-
बुखार
सिर दर्द
मांसपेशियों में दर्द
पीठ दर्द
सूजी हुई लसीका ग्रंथियां (swollen lymph nodes)
ठंड लगना
थकावट
बुखार आने के 1 से 3 दिनों के भीतर (कभी-कभी अधिक) रोगी को एक दाने का विकास होता है, जो अक्सर चेहरे पर शुरू होता है और फिर शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है।
मंकीपॉक्स की वजह से बने घाव ठीक होने से पहले निम्नलिखित चरणों से गुजरते हैं :-
उपरंजकयुक्त (Macules)
पपुल्स (Papules)
पुटिकाओं (Vesicles)
छाले (Pustules)
स्कैब्स (Scabs)
मंकीपॉक्स 21 दिनों के भीतर अपने आप ठीक हो जाती है। गंभीर मामलों में रोगी को अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ता है।
हां, सेक्सुअल रिलेशनशिप इस गंभीर बीमारी के फैलने का बड़ा कारण है और इसकी पुष्टि हो चुकी है। शुरुआत से इस बारे में हम जानते हैं को मंकीपॉक्स रोगी के करीब आने से फैलती है, वहीं यौन संबंध स्थापित करते हुए अपने साथी के करीब ही आना होता है।
सेक्स करने और इस गंभीर बीमारी के प्रसार की पुष्टि करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपाताकलीन विभाग के पूर्व प्रमुख डेविड हेमान (David L। Heymann) ने समाचार एजेंसी एपी (AP) से बातचीत में बताया कि इस बीमारी यानि मंकीपॉक्स के फैलाव को समझने का एक प्रमुख सिद्धांत कहता है कि यह यौन संक्रमण के जरिये हुआ है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि स्पेन और बेल्जियम में हाल ही में हुए कार्यक्रमों के लिये जमा हुए समलैंगिक और बाइसेक्सुअल पुरुषों में इसके प्रसार के कई मामले सामने आये थे।
स्पेन की राजधानी मैड्रिड की विधानसभा के सदस्य एनरिक रुइज़ एस्कुडेरो (Enrique Ruiz Escudero, Member of the Assembly of Madrid) ने सोमवार को बताया कि राजधानी में अब तक 30 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। एस्कुडेरो का कहना है कि अधिकारी हाल ही में केनरी आइलैंड पर हुए गे परेड और बीमारी के प्रसार के बीच संबंध होने की पड़ताल कर रहे हैं। इस कार्यक्र में 80 हजार से ज्यादा लोग आये थे। इसके अलावा मैड्रिड सॉना में भी संक्रमण की बात पता चली है।
इस बारे में लंदन के इंपीरियल कॉलेज के वायरोलॉजिस्ट माइक स्किनर (Virologist Mike Skinner of Imperial College, London) का कहना है कि "यौन गतिविधियों की प्रकृति है अंतरंग संपर्क होना, ऐसी स्थिति में बीमारी के प्रसार की आशंका बढ़ जाती है, इसमें किसी व्यक्ति का यौन रुझान और संक्रमण का तरीका चाहे जो हो उससे फर्क नहीं पड़ता। लेकिन यह स्पष्ट है कि यौन संबंध स्थापित करने से यह बीमारी होने की आशंका काफी ज्यादा है।
मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारीयों ने अपने एक बयान में मीडिया को सूचित किया है कि अभी जो मंकीपॉक्स के मामले ब्रिटेन और यूरोप में सामने आ रहे हैं उमनें से अधिकतर युवाओं का अफ्रीका से किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। इस संबंध में जानकारी देते हुए पुर्तगाल और स्पेन के कुछ स्वास्थ्य अधिकारीयों ने बताया है कि कुछ समलैंगिक जोड़े सेक्सुअल हेल्थ क्लीनिक में जख्मों का इलाज कराने गये थे, उसी दौरान उनकी जांच में मंकीपॉक्स के संक्रमण का पता चला।
फिलाहल सामने आए मामलों के अनुसार गे पुरुष और बायसेक्सुअल में मंकीपॉक्स बीमारी ज्यादा देखने को मिले हैं, इसमें महिलाओं में भी यह बीमारी देखने को मिली है। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि यह सेक्स करने से फैलती है।
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए सामान्य सेक्स संबंधित जानकारी। General sex related information to prevent monkey pox.
फिलाहल, मंकीपॉक्स केवल गे और बायसेक्सुअल तक ही सिमित माना जा रहा है। लेकिन आने वाले समय में यह उन लोगों लोगों को भी होने की आशंका है जो कि सामान्य यौन संबंध बनाते हैं यानि महिला और पुरुष के बीच होने वाला सेक्स।
जब से इस बारे में पुष्टि हुई है कि मंकीपॉक्स सेक्स करने से फैलता है तब से बहुत से लोगों को यह डर सताने लगा है कि क्या अब उन्हें सेक्स नहीं करना चाहिए या उन्हें कितने समय तक सेक्स से दूरी बना कर रखनी चाहिए। यह सवाल उन लोगों के दिल में जरूर उठ रहा होगा जो कि गे है या महिलाओं और पुरुषों दोनों के साथ सेक्स करना पसंद करते हैं।
अभी फ़िलहाल, कोरोना जैसी सावधानियों के साथ-साथ हमें सेक्स से जुड़ी सावधानियों का भी विशेष ध्यान रखना होगा ताकि मंकीपॉक्स जैसी गंभीर बीमारी को होने से रोका जा सके। यहाँ नीचे कुछ सेक्स से जुड़ी सावधानियों के बारे में बताया गया है जो कि आपको मंकीपॉक्स से बचने में मदद कर सकते हैं :-
कंडोम का इस्तेमाल करें, इससे सेक्स से जुड़ी अन्य बिमारियों और संक्रमण के साथ-साथ मंकीपॉक्स से भी बचाने में मदद कर सकता है।
सेक्स के दौरान अगर आप ओरल सेक्स करना पसंद करते हैं तो इस दौरान भी कंडोम का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। ओरल सेक्स कंडोम या मुंह का कंडोम का इस्तेमाल काफी कम किया जाता है, क्योंकि लोगों को इसके बारे में कम जानकारी है। आप 'गोइंग डाउन (going down’)', 'ब्लो जॉब (blowjob)', 'गिविंग हेड (giving head)', '69' या 'रिमिंग (riming)' के दौरान ओरल कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें।
मुंह के कंडोम के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को जरूर पढ़ें – मुंह का कंडोम – कैसे और क्यों करें इस्तेमाल? सब जाने
ओरल सेक्स करते समय सावधानी जरूर रखे। आप इस बारे में भी ध्यान रखें कि कहीं आपके साथी के निजी अंगों में कोई संक्रमण या गंदगी तो नहीं है। इसलिए अपने साथी को कहें कि अव् अपने निजी अंगों की सफाई ठीक से करें, ताकि संक्रमण का डर न हो।
ओरल सेक्स के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को जरूर पढ़ें – ओरल सेक्स क्या है? कैसे करें और किन बातों का ध्यान रखें ? सब जाने
अपने साथ को साझा न करें और कम साथी रखें, ताकि मंकीपॉक्स से बचाव हो सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगाह करते हुए कहा कि मंकीपॉक्स से बचने के सिमित साथियों के साथ हिज एक्स करें, खासकर उनके साथ ही सेक्स करें जिन्हें आप पहले से जानते हैं, यानि कि आप पहले भी उनके स्वास्थ्य के बारे में। ऐसे में बेहतर होगा कि आप ग्रुप सेक्स से भी बचे ताकि मंकीपॉक्स का खतरा होगा। अगर आप हर बार नये साथी के साथ सेक्स करते हैं तो इससे ने केवल यौन बीमारियाँ या संक्रमण होने का खतरा होता है बल्कि मंकीपॉक्स का भी खतरा बढ़ता है।
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए आप अपने सेक्स टॉय को साझा करने से बचे। जब आप अपने सेक्स टॉय किसी के साथ साझा करते हैं तो इससे भी सेक्स से जुड़ी बिमारियों के होने का खतरा बढ़ता है। इस्तेमाल करने एक बाद अपने सेक्स टॉय को ठीक से साफ़ करें और हो सके तो सेक्स टॉय का इस्तेमाल करते हुए कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें।
फोरप्ले में सावधानी बरते, क्योंकि अकेले कंडोम और अन्य उपायों के बावजूद भी मंकीपॉक्स होने का खतरा बना रहता है। आपको बता दें कि मंकीपॉक्स गले लगाने, चूमने या संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए गए बिस्तर, कपड़े या वस्तुओं के संपर्क में आने से भी फैल सकता है, इसलिए कंडोम का उपयोग करने जैसी विधियां लाभकारी साबित नहीं होगी।
अपने साथी के स्वास्थ्य के बारे में जाने और उन्हें अपने स्वास्थ्य के बारे में बताए। अगर आप हाल में किसी मंकीपॉक्स संक्रमित या अन्य किसी सेक्स संबंधित रोगी के संपर्क में आए हैं तो आपको इस बारे में अपने साथी को जरूर बताना चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए।
सेक्स करते हुए ल्यूब का इस्तेमाल करना चाहिए, न कि अन्य उपायों का। बाज़ार में फ़िलहाल बड़ी आसानी से ल्यूब मिल जाती है।
मंकीपॉक्स किसी संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फर को छूने से हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि यह चूहों और गिलहरियों जैसे कृन्तकों (rodents) द्वारा फैलता है। संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी इस बीमारी को पकड़ना संभव है जिसे ठीक से पकाया नहीं गया है उससे भी यह फ़ैल सकता है। फ़िलहाल, वर्तमान समय तक अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसमें मंकीपॉक्स किसी जल में रहने वाले जीव से फैला हो या किसी जलधारी जीव में देखा गया हो।
अगर मंकीपॉक्स के मनुष्य से मनुष्य में फैलने के बारे में बात कि जाए तो यह संक्रमित के संपर्क में आने से फैलता है। अगर कोई व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित है तो उसके सांस, छींकते, खासतें या अन्य किसी तरह से श्वसन कणों की बूंदों के संपर्क में आने से हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति या स्वास्थ्य कार्यकर्ता लंबे समय तक मंकीपॉक्स रोगी की देखरेख करता है तो उसे भी मंकीपॉक्स होने की आशंका होती है।
यह चेचक के टीकाकरण की समाप्ति के कारण सभी समुदायों में घटती प्रतिरक्षा को प्रदर्शित कर सकता है। मां से भ्रूण (जिससे जन्मजात मंकीपॉक्स हो सकता है) या जन्म के दौरान और बाद में निकट संपर्क के दौरान प्लेसेंटा के माध्यम से भी संचरण हो सकता है।
सेक्स करने यानि शारीरिक संबंध स्थापित करने से भी मंकीपॉक्स होने की आशंका काफी ज्यादा है जिसके बारे में हम ऊपर पहले ही विस्तार से बात कर चुके हैं।
मनुष्यों में, मंकीपॉक्स चेचक के समान है, सिवाय इसके कि लिम्फ नोड्स (लिम्फैडेनोपैथी) का बढ़ना मंकीपॉक्स से जुड़ा है। एक्सपोजर के लगभग 12 दिनों के बाद, बीमारी बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजन लिम्फ नोड्स, बेचैनी की एक सामान्य भावना और थकावट से शुरू होती है। बुखार आने के 1 से 3 दिनों के भीतर (कभी-कभी लंबे समय तक), रोगी को एक दाने (यानी उभरे हुए धक्कों) का विकास होता है, अक्सर पहले चेहरे पर लेकिन कभी-कभी शुरू में शरीर के अन्य हिस्सों पर। घाव आमतौर पर क्रस्टिंग और गिरने से पहले कई चरणों में विकसित होते हैं।
क्या मंकीपॉक्स घातक है? Is monkeypox fatal?
मंकीपॉक्स कितना घातक है यह आप इस बात से समझ सकते हैं कि यह बहुत ही कम दिनों में 19 देशों में दस्तक दे चूका है। इस गंभीर बीमारी की वजह से रोगी को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमें त्वचा संबंधित समस्याएँ भी है जो कि उम्र भर तक साथ रह सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो मंकीपॉक्स के हर 10 रोगियों में से एक की जान जाने का खतरा रहता है। फ़िलहाल, सामने आए मामलों में से अभी तक किसी भी रोगी के जान जाने की खबर नहीं है।
मंकीपॉक्स वायरस तेजी से क्यों फैल रहा है? Why is the monkeypox virus spreading so fast?
वायरस सबसे छोटे कण होते हैं जिन्हें जीवित के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। कई बार भौतिक अवरोध उन्हें रोक नहीं पाते हैं और एक जीव से दूसरे जीव में विषाणुओं को संचारित करने के लिए बहुत कम संख्या में कणों की आवश्यकता होती है। मंकीपॉक्स संक्रमित जानवरों/मनुष्यों के शरीर के स्राव के स्पर्श/संपर्क से फैल सकता है और इसलिए यह तेजी से फैल रहा है। अनुमानित संचरण दर 3।3% से 30% है, लेकिन कांगो में हाल ही में फैलने की अनुमानित संचरण दर 73% थी।
मंकीपॉक्स, चेचक या चिकनपॉक्स से कैसे अलग है? How is monkeypox different from smallpox or chickenpox?
चिकनपॉक्स या चेचक मंकीपॉक्स से ज्यादा अलग नहीं है। दोनों के ही लक्षण और समस्याएँ काफी सामान है। लेकिन लिम्फ नोड्स में आई सूजन मंकीपॉक्स की सबसे बड़ी पहचान है। चेचक होने पर शरीर में फफोले बनते हैं जो कि मंकीपॉक्स में भी होते हैं और साथ ही बाकी लक्षण भी दिखाई देते हैं, लेकिन इसमें लिम्फ नोड्स में सूजन नहीं आती। मंकीपॉक्स होने पर लिम्फ नोड्स में काफी सूजन आती है जो कि इसकी पहचान है।
क्या मंकीपॉक्स अगली महामारी होगी? Will monkeypox be the next pandemic?
विशेषज्ञों का मानना है कि इसके वैश्विक महामारी में बदलने का जोखिम कम है। लेकिन विचित्र बात यह है कि मामलों को एक समान स्रोत या संपर्कों का पता नहीं लगाया गया है और इसलिए यौन जैसे संचरण के एक अन्य तरीके पर भी विचार किया जा रहा है।
मंकीपॉक्स होने का खतरा किसे है? Who is at risk of getting monkeypox?
मंकीपॉक्स के मामले आम तौर पर मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में सबसे आम हैं, उन लोगों में जो हाल ही में उन क्षेत्रों की यात्रा करते हैं, और जिन लोगों का आयातित जानवरों के साथ संपर्क रहा है। लेकिन हाल ही में अफ्रीका के बाहर उन लोगों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं, जिन्होंने यात्रा नहीं की है। इसलिए इसका खतरा फ़िलहाल किसे ज्यादा है इस बारे में कुछ भी सटीक नहीं कहा जा सकता।
क्या मंकी पॉक्स एयरबोर्न है? Is Monkey Pox Airborne?
COVID-19 के विपरीत, जो मुख्य रूप से हवाई संचरण और छोटी बूंदों के गुजरने से फैलता है, मंकीपॉक्स निकट शारीरिक संपर्क के माध्यम से अनुबंधित होता है।
क्या मंकीपॉक्स को मौसमी मानने का कोई कारण है? Is there any reason to think monkeypox is seasonal?
वर्ष के उस समय में जब लोग घर के अंदर से अधिक बाहर होते हैं, आप अधिकांश संक्रमणों, विशेष रूप से श्वसन संक्रमणों में गिरावट की अपेक्षा करते हैं। यह संपर्क द्वारा प्रेषित होता है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि हम इसे मौसमी के रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं।
मंकीपॉक्स को लेकर क्या भारत को चिंता करनी चाहिए? Should India worry about monkeypox?
भारत में अब तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन भारत अभी से ही इसे लेकर अलर्ट मोड़ में आ चूका है और इस बाबत कई तैयारियां शुरू की जा चुकी है। सोमवार को मुंबई के बृहन्मुंबई नगर निगम (Brihanmumbai Municipal Corporation – BMC) ने कस्तूरबा अस्पताल में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए 28 बेड का आइसोलेशन वॉर्ड तैयार कर दिया है। हालांकि, अभी देश में इस बीमारी का एक भी मामला नहीं मिला है।
दुनिया भर में तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (NCDC) – National Center for Disease Control और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) – Indian council of medical research को अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एयरपोर्ट्स और बंदरगाहों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा करके लौटे किसी भी बीमार यात्री को तुरंत आइसोलेट करें और सैंपल जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) – National Institute of Virology (NIV), Pune को भेजें।
बता दें कि सोमवार को बेल्जियम के बाद ब्रिटेन ने भी मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए 21 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड कंपलसरी कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शीर्ष सरकारी संस्थान के एक जीवविज्ञानी ने कहा कि "बड़ी समस्या यह है कि बीमारी का निदान करने के लिए आवश्यक पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) परीक्षण भारत में व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है, और अधिकांश चिकित्सक इस बीमारी के विशिष्ट लक्षणों और बीमारी के बारे में जागरूक नहीं हो सकते हैं"।
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि जोखिम कारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और वायरस के जोखिम को कम करने के लिए वे जो उपाय कर सकते हैं, उनके बारे में लोगों को शिक्षित करना, मंकीपॉक्स की रोकथाम की मुख्य रणनीति होनी चाहिए। वायरोलॉजिस्ट डॉ शाहिद जमील, ग्रीन टेम्पलटन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एक साथी और अशोक विश्वविद्यालय में एक अतिथि प्रोफेसर ने इस बारे में कहा कि “मुझे वास्तव में चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है, कम से कम आयातित मामलों के बारे में तो नहीं। भारत में हर शहर में खुलेआम घूमने वाले बंदर हैं, लेकिन हां, जागरूकता जरूरी है।'
मंकीपॉक्स का निदान कैसे किया जाता है? How is monkeypox diagnosed?
निदान ऊतक के नमूनों द्वारा होता है, जो हमें निदान उपचार देता है, यह ज्यादातर स्वयं सीमित है और दो से तीन सप्ताह के समय में ठीक हो जाता है।
मंकीपॉक्स का उपचार कैसे किया जाता है? How is monkeypox treated?
वर्तमान में, मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण के लिए कोई सिद्ध, सुरक्षित उपचार नहीं है। फ़िलहाल तक कोई मामला सामने आने पर ‘मंकीपॉक्स के प्रकोप को नियंत्रित करने के प्रयोजनों के लिए, चेचक के टीके, एंटीवायरल और वैक्सीनिया इम्यून ग्लोब्युलिन (VIG) का उपयोग किया जा सकता है।‘
क्या मंकीपॉक्स वायरस से बचाव संभव है? Is it possible to prevent monkeypox virus?
हाँ, मंकीपॉक्स से अपना बचाव किया जा सकता है, लेकिन इसमें कितनी सफलता मिलेगी इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता। स्वयं को मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए आप निम्न वर्णित कई उपायों को अपना सकते हैं :-
उन जानवरों के संपर्क में आने से बचें जो वायरस को शरण दे सकते हैं (उन जानवरों सहित जो बीमार हैं या जो उन क्षेत्रों में मृत पाए गए हैं जहां मंकीपॉक्स होता है)।
किसी बीमार जानवर के संपर्क में आने वाली किसी भी सामग्री, जैसे बिस्तर, के संपर्क में आने से बचें।
संक्रमित रोगियों को अन्य लोगों से अलग करें जिन्हें संक्रमण का खतरा हो सकता है।
संक्रमित जानवरों या मनुष्यों के संपर्क में आने के बाद हाथ की अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करें। उदाहरण के लिए, अपने हाथों को साबुन और पानी से धोना या अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करना।
मरीजों की देखभाल करते समय व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का प्रयोग करें।
अगर आप किसी के साथ सेक्स करते हैं तो ध्यान रखें कि आपके साथी को मंकीपॉक्स के लक्षण तो नहीं है या विदेश यात्रा का कोई इतिहास तो नहीं है (खासकर वो देश जहाँ फ़िलहाल मंकीपॉक्स के सामने आ रहे हैं या अफ़्रीकी देश)। सेक्स करने के दौरान कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें। कंडोम का इस्तेमाल ओरल सेक्स के दौरान भी जरूर करें।
इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।
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