मुलेठी है एक गुणकारी औषधि। Mulethi ke Fayde

Written By: user Mr. Ravi Nirwal
Published On: 04 Apr, 2022 12:34 PM | Updated On: 20 May, 2024 11:51 PM

मुलेठी है एक गुणकारी औषधि। Mulethi ke Fayde

मुलेठी एक गुणकारी जड़ी बूटी है, जिसे यष्टिमधु (Yashtimadhu) और जेष्टमधी (Jeshthamadh) के नाम से भी जाना जाता है। इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल भारत में कई वर्षों से होता चला आ रहा है, यह मुख्य रूप से सर्दी-जुकाम या खांसी में आराम पाने के लिए काफी इस्तेमाल की जाती है। अगर आप गले की खराश या गला दर्द जैसी समस्या से जूझ रहे हैं तो आप मुलेठी का बड़े आराम से प्रयोग कर सकते हैं। चूँकि, मुलेठी का सबसे ज्यादा प्रयोग खांसी और जुखाम जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है, तो लोगों को यह लगने लगा है कि इसका प्रयोग केवल इसी समस्या के लिए किया जा सकता है। लेकिन मुलेठी को लेकर लोगों की यह मानसिकता बहुत ही बिलकुल गलत है। अगर मुलेठी से मिलने वाले फायदों के बारे में गिना जाए तो इसका प्रयोग कई गंभीर से गंभीर रोगों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। आज इस लेख में हम आपको मुलेठी से मिलने वाले ऐसे फायदों के बारे में बताएँगे जो कि शायद आपको मालूम नहीं होंगे। तो चलिए इस लेख के लिए इस आयुर्वेदिक औषधि के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

मुलेठी क्या है? What is liquorice?

मुलेठी एक झाड़ीनुमा पौधा होता है, जिसे दुनिया के सबसे पुराने हर्बल उपचारों में से एक माना जाता है। औषधि के लिए मुलेठी के तने और जड़ को छाल सहित सुखाकर इसका इस्तेमाल किया जाता है। मुलेठी को अंग्रेजी भाषा में लीकोरिस (Licorice) कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ग्लाइसीराइजा ग्लबरा (Glycyrrhiza glabra) है। इसके तने में कई औषधीय गुण होते हैं, लेकिन इसका स्वाद मीठा होता है। इसी वजह से आज के समय में कई टूथपेस्ट में मुलेठी का इस्तेमाल किया जाता है। पश्चिमी एशिया और दक्षिणी यूरोप के मूल निवासी, मुलेठी को लंबे समय से विभिन्न बीमारियों और स्वाद कैंडीज, पेय और दवाओं के इलाज के लिए इस्तेमाल किया करते थे। 

मुलेठी से मिलते हैं ये फायदे These benefits are available from liquorice

त्वचा की सूजन और संक्रमण Skin inflammation and infection

एक्जिमा त्वचा की स्थिति के एक समूह के लिए ऐसा शब्द है जिससे कई लाखों लोग पीड़ित है। त्वचा संबंधित इस समस्या के कारण खुजली, लालिमा, स्केलिंग और सूजन हो सकती है। ईरानी जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल रिसर्च में एक अध्ययन के अनुसार, ग्लाइसीरिजा ग्लबरा अर्क या मुलेठी जड़ का अर्क, बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी होकर उसे नष्ट करने में सहायक हो सकता है जिसकी वजह से एक्जिमा की समस्या हुई है। अध्ययन में स्टैफिलोकोकस ऑरियस के खिलाफ रोगाणुरोधी गतिविधि दिखाई गई, जिससे त्वचा में संक्रमण हो सकता है, जैसे कि इम्पेटिगो, सेल्युलाइटिस और फॉलिकुलिटिस। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पौधे की पत्तियों और जड़ों से अर्क का इस्तेमाल किया।

पेट की परेशानी और अल्सर Stomach discomfort and ulcers

एक डबल-ब्लाइंड अध्ययन में पाया गया कि मुलेठी की जड़ में मौजूद ग्लैब्रिडिन और ग्लैब्रेन युक्त एक अर्क होता है जो कि फ्लेवोनोइड्स हैं। यह पेट की परेशानी से राहत दिलाने में प्रभावी होता है। अर्क की मदद से मतली, पेट दर्द और पेट की मरोड़ को कम किया जा सकता है। हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया के संक्रमण से कुछ लोगों में पेप्टिक अल्सर हो सकता है। शोध से पता चलता है कि मुलेठी निकालने से एच पाइलोरी बैक्टीरिया (H pylori bacteria) को मारने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, मुलेठी तासीर में ठंडी होती है जिसकी वजह से यह पेट से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होती है। 

कैंसर रोधी गुण होते हैं Have anticancer properties

मुलेठी न केवल आपको मुह की दुर्गन्ध और गले की खराश को दूर करती है बल्कि आपको कैंसर से भी बचाती है। मुलेठी के अंदर कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं, इसलिए इसके सेवन से कैंसर के जोखिम को कम करने में भी मदद मिलती है। मुलेठी में एंटी कार्सिनोजेन गुण पाया जाता है। इसलिए, मुलेठी का सेवन करने से कैंसर को पनपने और कैंसर के कारण डीएनए को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। एक शोध में यह सिद्ध किया गया है कि अगर मुलेठी का सेवन किया जाए तो प्रोस्टेट कैंसर से बचा जा सकता है और साथ ही यह आपको अलसर और गले के कैंसर से बचा कर रखता है। कैंसर से बचने के लिए आप मुलेठी का पानी पी सकते हैं या फिर आप इसे चबाकर भी खा सकते हैं। लेकिन, हम यहाँ यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि अगर आप किसी कैंसर से जूझ रहे हैं तो आप डॉक्टर की सलाह से इसका सेवन करें, क्योंकि कोई भी दवा देने से पहले रोगी की शारीरिक स्थिति और रोग का स्तर जरूर देखा जाता है ताकि औषधि की मात्रा निर्धारित की जा सके।

हेपेटाइटिस सी के इलाज में मदद करे Help treat hepatitis C

मुलेठी हेपेटाइटिस सी के इलाज में मदद कर सकता है। यह एक वायरस जो कि लीवर को संक्रमित करता है। उपचार के बिना, हेपेटाइटिस सी सूजन और लंबे समय तक लीवर की क्षति का कारण बन सकता है। शोधकर्ताओं ने बताया है कि ग्लाइसीराइज़िन कोशिका (glycyrrhizin cell) के नमूनों में हेपेटाइटिस सी के खिलाफ रोगाणुरोधी गतिविधि को प्रदर्शित करता है और इस वायरस के भविष्य के उपचार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। जापान में डॉक्टर उन लोगों के इलाज के लिए मुलेठी के इंजेक्शन योग्य रूप का उपयोग करते हैं, जिन्हें क्रोनिक हेपेटाइटिस सी है जो कि अन्य उपचारों से कोई लाभ नहीं ले पा रहे हैं। जापान में प्रयोगशाला अध्ययनों के नतीजे बताते हैं कि यह इसके लिए मददगार हो सकता है।

डायबिटीज से बचाव करे Prevent diabetes

अगर आप किसी भी प्रकार के डायबिटीज से खुद का बचाव करना चाहते हैं तो आप मुलेठी पर भरोसा कर सकते हैं। क्योंकि मुलेठी के अंदर ऐसे कई गुण पाए जाते हैं जो कि आपको डायबिटीज जैसी गंभीर और उम्र भर साथ रहने वाली बीमारी से बचा सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक एनिमल स्टडी के अनुसार, मुलेठी के गुण डायबिटीज से बचाने में मदद कर सकते हैं। मुलेठी में एंटी-ऑक्सीडेंट और हाइपरग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं। इन गुणों के कारण मुलेठी डायबिटीज से सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है। वहीं, अगर किसी को डायबिटीज है, तो मुलेठी उसके लक्षणों को कम करने का काम कर सकती है। एक अन्य अध्यन में पाया गया है कि मुलेठी के अर्क का सेवन करने से ब्लड ग्लूकोज के स्तर में कमी आ सकती है, जिससे डायबिटीज के उपचार में मदद मिल सकती है। 

गले में खरास Sore throat

बहुत से लोग मुलेठी को गले की खराश का इलाज मानते हैं। एक छोटे से अध्ययन ने उन लोगों को भर्ती किया जिनके पास सर्जरी से पहले श्वास नली में श्वास नली डाली गई थी। इसे हटाने के बाद, श्वास नली पोस्टऑपरेटिव गले में खराश पैदा कर सकती है।  शोधकर्ताओं ने दिखाया कि सर्जरी से पहले 1-15 मिनट के लिए मुलेठी के घोल से गरारे करना पोस्टऑपरेटिव की घटनाओं और गंभीरता को कम करने में केटामाइन गार्गल जितना ही प्रभावी था। इसी तरह के एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि मुलेत्हू की उच्च सांद्रता वाले समाधान पोस्टऑपरेटिव को बेहतर बनाने में कम केंद्रित समाधानों की तुलना में अधिक प्रभावी थे।

मस्तिष्क के लिए लाभकारी Beneficial to the brain

अगर आप अपने मस्तिष्क को ज्यादा तेज और स्वस्थ रखना चाहते तो इसमें बादाम के साथ-साथ मुलेठी आपकी काफी मदद कर सकती है। मुलेठी में ग्लाइसीराइजिक एसिड नामक कार्बनिक यौगिक पाया जाता है, जिसमें मुख्य रूप से न्यूरोप्रोटेक्टिव (neuroprotective) गुण होता है। यह गुण मस्तिष्क के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह ऑक्सीडेटिव और सूजन के कारण मस्तिष्क होने वाली क्षति से बचाने में मदद कर सकता है। अगर आप अपने मस्तिष्क को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आप इसके लिए खाने में मुलेठी का मसाले के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

पुरुषों की प्रजनन क्षमता बढ़ाए  Increase male fertility 

पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बेहतर करने के लिए भी मुलेठी पाउडर के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, मुलेठी की जड़/तने का सेवन व्यक्ति के पूरे शरीर को प्रभावित करता है। साथ ही यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है, जो प्रजनन क्षमता के लिए लाभदायक हो सकता है।

मुलेठी से हो सकते हैं ये नुकसान भी। These disadvantages can also be caused by liquorice।

हमने अभी मुलेठी से मिलने वाले कुछ खास फायदों के बारे में जाना। चलिए अब इससे होने वाले कुछ नुकसानों के बारे में जानते हैं :-

  1. अगर आप गर्भवती है तो आपको इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।

  2. मुलेठी में ग्लाइसीर्रिजिनिक एसिड होता है। इस कारण कुछ दवाओं के साथ इसका सेवन करने से शरीर में पोटैशियम के स्तर में कमी आ सकती है और हृदय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए इसका सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए 

  3. अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा हो सकता है।

  4. अगर आपको इसके सेवन से कोई समस्या होती है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें और इसका सेवन बंद कर दें। 

मुलेठी का इस्तेमाल कैसे करें? How to use liquorice?

मुलेठी का इस्तेमाल करना बहुत ही आसान होता है, आप इसे ऐसे ही दातुन की तरह चबा कर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे रात भर पानी में भिगोकर इसका पानी पी सकते हैं। इसे मसाले की तरह खाने में इस्तेमाल कर सकते हैं। आप इसका इस्तेमाल चटनी बना कर भी कर सकते हैं और साथ ही आप इसका इस्तेमाल अर्क के रूप में भी कर सकते हैं। लेकिन किस रोग में मुलेठी का कितना उपयोग किया जाएगा और किस रूप में इसका इस्तेमाल किया जायगा, इस बारे में केवल डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक या वैध ही आपको जानकारी दे सकते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह से ही मुलेठी का सेवन करना चाहिए। 

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Mr. Ravi Nirwal

Mr. Ravi Nirwal is a Medical Content Writer at IJCP Group with over 6 years of experience. He specializes in creating engaging content for the healthcare industry, with a focus on Ayurveda and clinical studies. Ravi has worked with prestigious organizations such as Karma Ayurveda and the IJCP, where he has honed his skills in translating complex medical concepts into accessible content. His commitment to accuracy and his ability to craft compelling narratives make him a sought-after writer in the field.

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