अगर हम थोड़ी सी भी शारीरिक क्रिया करते हैं, धुप में या गर्म जगह खड़े होते है तो पसीना आना सामान्य बात है। लेकिन क्या हो अगर आप सो रहे हैं हवादार कमरे में सो रहे हैं तो भी आपको पसीना आने लगे? अगर आपको गर्मी न होने पर भी सोते समय पसीना आता है तो इसका मतलब है कि आप कुछ शारीरिक बदलावों या समस्याओं से जूझ रहे हैं। रात के समय वो भी सोते समय पसीना आना कोई सामान्य बात नहीं है।
ऐसे बहुत से लोग है जो कि सोते समय पसीना आने की समस्या का सामना करते हैं लेकिन क्यों? इस बारे में अक्सर उन्हें कोई नहीं जानकारी नहीं होती। अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं तो चलिए इस लेख के जरिये जानते हैं आखिर क्यों आता है रात को सोते समय पसीना।
लो ब्लड शुगर स्तर Low blood sugar level –
काफी लोगों को शुगर लेवल गिर जाने की समस्या होती है जिसकी वजह से उन्हें पसीने आने लगती है और घबराहट होने की समस्या होना शुरू हो जाती है। शुगर लेवल गिरने की समस्या अक्सर तब होती है जब कोई व्यक्ति दिन भर कोई थका देने वाला काम करें या शाम के समय और खासकर सोने से पहले व्यायाम करें या फिर देर रात को खाना खाया हो। ऐसा करने से काफी बार अक्सर सोते हुए शुगर लेवल गिरना शुरू हो जाता है और इसकी वजह से पसीना आने लग जाता है। यदि आप अपने डायबिटीज को प्रबंधित करने के लिए इंसुलिन का उपयोग करते हैं या सल्फोनील्यूरिया-प्रकार (sulfonylurea-type) की दवा लेते हैं, तो यह आपको रातोंरात हाइपोग्लाइसीमिया (hypoglycemia) की समस्या हो सकती है। जब सोने से पहले आपका ग्लूकोज 140 mg/dL से कम हो, या यह कुछ घंटों में गिर सकता है, अगर ऐसा होता है तो कुछ न कुछ तुरंत खाना चाहिए।
अतिसक्रिय थायराइड Overactive thyroid –
हमारी थायरॉयड ग्रंथि (thyroid gland) हमारे चयापचय (metabolism) को नियंत्रित करने का काम करता है, इसलिए जब यह बहुत अधिक हार्मोन बनाता है, तो हमारा शरीर ओवरड्राइव (overdrive) में चला जाता है। इसकी वजह से हमारे शरीर का तापमान बढ़ने लग जाता है और हम भूखे या प्यासे होने लग जाते हैं, घबराहट होने लगती है और फिर पसीना आना शुरू हो जाता है। अगर आप थायरॉयड की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको रात को सोते समय पसीना आने की समस्या हो सकती है। अधिक पसीना आना और गर्मी के प्रति संवेदनशील होना हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) का सबसे सटीक लक्षण है।
एसिड रिफ्लक्स Acid Reflux –
रात के समय पसीने आने और गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) Gastroesophageal reflux disease (GERD) के बीच संबंध के बारे में अभी तक कोई सटीक शोध या अध्यन नहीं किया गया है। लेकिन अगर आप एसिड रिफ्लक्स यानि जीईआरडी की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको रात को पसीना आने की समस्या हो सकती है। अगर आप इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आप इसके लिए रात को कम खाना लें और बिस्तर पर जाने के 2 घंटे पहले खाना लें। इसके अलावा आप ऐसे खाने से भी बचे जिसे बनाने के लिए ज्यादा मसालों और तेल का इस्तेमाल किया गया हो, क्योंकि ऐसे खाने की वजह से जीईआरडी की समस्या हो सकती है और इसकी वजह से रात को सोते समय पसीना आ सकता है।
स्लीप एप्निया Sleep apnea –
अगर आप स्लीप एपनिया की परेशानी से जूझ रहे हैं तो आपको सोते समय पसीना आने की समस्या हो सकती है। क्योंकि स्लीप एपनिया की वजह से सोते समय आपके सांस कुछ देर के लिए रुक जाती है। ऐसी स्थिति में शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लग जाती है और इसकी वजह से शरीर के कई कामों में अचानक से रूकावट आने लगती है और फिर पसीना आने लगता है। हर थोड़ी-थोड़ी देर में जब शरीर में ऑक्सीजन नहीं जाता और फिर अचानक से जाने लगता है इसकी वजह से मांसपेशियों को भी परेशानी होती है और इसकी वजह से भी रात के समय पसीना आने की समस्या होती है। जो लोग रात में सांस लेने में मदद करने के लिए CPAP मशीन का उपयोग करते हैं, उन्हें रात में उतनी ही बार पसीना आता है।
दवाएं Medications –
बहुत सारी दवाएं रात को पसीना आने का कारण बन सकती हैं, जिनमें एसिटामिनोफेन (acetaminophen) जैसे ओवर-द-काउंटर बुखार कम करने वाले और एस्पिरिन (aspirin) और इबुप्रोफेन (ibuprofen) जैसे नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लामेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी) Nonsteroidal anti-inflammatory drug शामिल हैं। इसके अलावा पुराने एंटीडिप्रेसेंट, जिन्हें ट्राइसाइक्लिक (tricyclic) या टीसीए कहा जाता है, साथ ही बुप्रोपियन (Bupropion) और वेनालाफैक्सिन (venlafaxine), हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (hormone replacement therapy), और स्टेरॉयड (steroids) जैसे कोर्टिसोन (cortisone) और प्रेडनिसोन (prednisone) की वजह से भी रात के समय पसीना आने की समस्या हो सकती है। ग्लूकोमा और शुष्क मुँह के लिए कुछ दवाएं भी आपकी पसीने की ग्रंथियों को उत्तेजित करती हैं। इसका एक कारण यह भी है कि जब आप ज्यादा दवाएं लेते हैं तो इसकी वजह से ब्लड प्रेशर हाई होने लगता है जिसकी वजह से रात के समय ही नहीं बल्कि बाकी के समय भी पसीना आने की समस्या हो सकती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप अपने डॉक्टर से बात करें और उन्हें दवाएं कम करने के उपायों के बारे में बात करें।
लिम्फोमा Lymphoma –
कई कैंसर रात के पसीने का कारण बन सकते हैं, लेकिन सबसे आम लिम्फोमा है, जो आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के कुछ हिस्सों में शुरू होता है, जैसे लिम्फ नोड्स (lymph nodes), प्लीहा (Spleen), अस्थि मज्जा (Bone Marrow) और थाइमस (Thymus)। जो लोग हॉजकिन लिम्फोमा (Hodgkin lymphoma) से जूझते हैं उनमें लगभग एक चौथाई लोगों को रात में पसीना आने की परेशानी होती है और उन्हें कम बुखार होता है। लिम्फोमा जूझने वाले लोगों को न केवल रात के समय पसीना आने की समस्या होती बल्कि उन्हें खुजली की समस्या हो सकती है, वह सामान्य से ज्यादा थके हुए महसूस कर सकते हैं और जहाँ ट्यूमर है वहां दर्द की समस्या बढ़ सकती है।
चिंता Anxiety –
तनाव, चिंता और घबराहट आपको दिन में पसीने से तर कर सकते हैं, इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि चिंता का रात में समान प्रभाव हो सकता है। बच्चों की तुलना में वयस्कों में दुःस्वप्न (nightmare)और नींद का भय कम आम है, लेकिन दोनों किसी को भी पसीने से तर और तेज़ दिल के साथ छोड़ सकते हैं। यदि ये गड़बड़ी चल रही है या आपके जीवन में समस्याएं पैदा कर रही है, तो किसी काउंसलर, थेरेपिस्ट या अपने डॉक्टर की मदद लें।
यक्ष्मा – टीबी Tuberculosis –
जो लोग यक्ष्मा यानि टीबी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं उनमें से लगभग आधे लोगों को रात को पसीना आता है। बैक्टीरिया आमतौर पर टीबी रोगी के फेफड़ों में बढ़ते हैं। टीबी रोगी को शायद खून और रंगीन गंक (कफ) के साथ एक गंभीर, दर्दनाक खांसी होती है। टीबी रोगी को बुखार, थकान और कमजोरी भी महसूस हो सकती है और आपको भूख नहीं लगती है। इसके अलावा उन्हें सांस लेने में समस्या होती है और ब्लड प्रेशर हाई रहने लग जाता है जिसकी वजह से उन्हें रात के समय पसीना आने की समस्या होती है।
एचआईवी HIV –
वैसे तो एचआईवी – HIV होने पर बुखार, गले में खराश या सूजी हुई लिम्फ नोड्स, और जोड़ों का दर्द अधिक होना सबसे आम लक्षणों की गिनती में आते हैं। लेकिन लगभग 10 में से 1 व्यक्ति को रात में पसीना आता है। रात के समय पसीना आना एचआईवी – HIV का एक लक्षण है लेकिन यह सभी लोगों में दिखाई नहीं देता। जिन लोगों को HIV होने पर वजन घटने और अक्सर दस्त की समस्या होती है उनको अक्सर रात के समय पसीना आने की समस्या होती है। एड्स से संबंधित अवसरवादी संक्रमण जैसे माइकोबैक्टीरियम एवियम (मैक, एमएआई) और साइटोमेगालोवायरस (Mycobacterium avium (MAC, MAI) and cytomegalovirus) भी रात के समय पसीना आने की समस्या को बढ़ा सकता है।
ट्यूमर Tumor –
प्रोस्टेट कैंसर, किडनी कैंसर, और अंडाशय और अंडकोष (ovaries and testicles) में कुछ ट्यूमर (कैंसर और नहीं दोनों) इसके सामान्य उदाहरण हैं जिन्हें डॉक्टर "ठोस ट्यूमर" कहते हैं जो रात को पसीने का कारण बन सकते हैं। आपके अग्न्याशय (pancreas) में एक प्रकार का उन्नत थायराइड कैंसर (advanced thyroid cancer) और कैंसर भी उन्हें बंद कर सकता है। रात को पसीना कार्सिनॉइड सिंड्रोम (carcinoid syndrome) का एक क्लासिक लक्षण है, आमतौर पर आपके पाचन तंत्र या फेफड़ों में पाए जाने वाले दुर्लभ कैंसर का प्रभाव।
फीयोक्रोमोसाइटोमा Pheochromocytoma –
फीयोक्रोमोसाइटोमा अधिवृक्क ग्रंथियों (adrenal glands) में बढ़ने वाला यह दुर्लभ ट्यूमर आमतौर पर कैंसर नहीं होता है, लेकिन यह आपके शरीर को बहुत अधिक हार्मोन बनाने का कारण बन सकता है, जो आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता है और रात को पसीना, सिरदर्द और एक रेसिंग पल्स (racing pulse) का कारण बनता है। फियोक्रोमोसाइटोमा वाले अधिकांश लोगों की उम्र 20 से 50 के बीच होते हैं। यदि आपको अपने हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में कठिनाई होती है या आपके परिवार के सदस्य हैं जिन्हें एक या संबंधित आनुवंशिक विकार है, तो आपको फीयोक्रोमोसाइटोमा के होने की अधिक संभावना है।
संक्रमण Infection –
संक्रमण रात के पसीने आने की समस्या को पैदा कर सकता है। कुछ संक्रमण जैसे बैक्टीरियल एंडोकार्टिटिस (bacterial endocarditis) (आपके दिल और हृदय के वाल्व की अंदरूनी परत का संक्रमण) और ऑस्टियोमाइलाइटिस osteomyelitis (हड्डी में संक्रमण) इसका कारण बन सकते हैं। अन्य दुर्लभ संक्रमण भी हैं जो रात के पसीने का कारण बन सकते हैं और आपके डॉक्टर आपके जोखिम कारकों, जोखिम और यात्रा इतिहास के आधार पर आपकी जांच करेंगे।
रजोनिवृत्ति Menopause –
आपकी अंतिम अवधि से पहले और बाद में "गर्म चमक" (hot flashes) रात के पसीने से अलग होना मुश्किल हो सकता है। जिन छोटी महिलाओं के दोनों अंडाशय (ovary) हटा दिए गए हैं या जिन्होंने कीमो (chemo) के कारण मासिक धर्म (Menstrual) बंद हो चूका हैं उन्हें भी रात के समय पसीने आने की समस्या हो सकती हैं। रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को न केवल शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, बल्कि इसके साथ ही उन्हें मानसिक रूप से भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे चिंता करना, तनाव होना, घबराहट होना और चिडचिडापन होना। इन मानसिक समस्याओं की वजह से भी महिलाओं को रजोनिवृत्ति के दौरान रात को पसीना आने की समस्या हो सकती है। हमने ऊपर इस बारे में बात भी है कि कैसे चिंता की वजह से रात के समय पसीना आने की समस्या हो सकती है।
रात के समय पसीना क्यों आता है हम इस बारे में ऊपर विस्तार से जान चुके हैं। ऊपर बताए गये पसीना आने के मुख्य कारण है जो कि सभी पुरुषों में आम है। लेकिन इसके अलावा, पुराने शोध से पता चलता है कि पुरुषों को एक प्रकार का रजोनिवृत्ति का अनुभव होता है, जिसके दौरान टेस्टोस्टेरोन का स्तर मध्य जीवन के आसपास गिर जाता है। जब पुरुष ऐसी स्थिति से जूझते हैं तो उन्हें पसीना आने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
अगर पुरुषों को रात के समय अपने आप सामान्य से ज्यादा पसीना आता है और उस दौरान उनकी उम्र 45 वर्ष या इससे ज्यादा है यह दर्शाता है कि उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन का कम हो रहा है या वह हाइपोगोनाडिज्म (hypogonadism) से जूझ रहे हैं। 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 39% पुरुष टेस्टोस्टेरोन में इस गिरावट का अनुभव कर सकते हैं। परिणामस्वरूप उन्हें रात को पसीना भी आ सकता है। हालांकि, इस विचार का समर्थन करने के लिए बहुत कम सबूत प्रतीत होते हैं। अगर आप ऐसी स्थिति से जूझ रहे हैं तो आप इस बात की पुष्टि करने के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
शुरुआत में बताए गये कारणों के चलते भी महिलाओं को रात के समय पसीना आने की समस्या हो सकती है। लेकिन अक्सर महिलाओं को पसीना आने की समस्या तब होती है जब उनके शरीर में हार्मोन परिवर्तन चल रहा हो। महिलाओं में हार्मोन परिवर्तन अक्सर निम्नलिखित स्थितियों के दौरान हो सकता है जो कि रात के समय पसीना आने के कारण बन सकते हैं :-
रजोनिवृत्ति – यह आमतौर पर रात को पसीना और गर्म चमक का कारण बनती है, जिसकी वजह से पसीना आता है।
गर्भावस्था – इस दौरान महिला के शरीर में काफी उच्च स्तर पर हार्मोन परिवर्तन होते हैं जिसके चलते पसीना आने की समस्या हो सकती है।
जन्म देने के ठीक बाद, जिस स्थिति में डॉक्टर "पोस्टपार्टम नाइट स्वेट" का उल्लेख कर सकते हैं।
रात को पसीना आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होता है। हालांकि, कुछ मामलों में यह समस्या एक आने वाली या गुप्त बड़ी चिकित्सा समस्या की ओर साफ़ संकेत करती है, जिसके लिए जल्द से जल्द उपचार शुरू कर देना चाहिए।
रजोनिवृत्ति में रात को पसीना आना आम है, जो आमतौर पर 50 साल की उम्र के आसपास शुरू होता है। हालांकि, यदि आप 40 साल की उम्र से पहले रात को पसीना और अन्य रजोनिवृत्ति के लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है। यह प्राथमिक डिम्बग्रंथि अपर्याप्तता (no ovarian insufficiency) नामक स्थिति का संकेत दे सकता है।
यदि आपको रात में पसीना आता है जो अक्सर होता है, आपकी नींद में खलल पड़ता है, या अन्य लक्षणों के साथ होता है, तो चिकित्सा सहायता लेना भी महत्वपूर्ण है। रात में पसीना आना जो तेज बुखार, खांसी या अस्पष्टीकृत वजन घटाने (unexplained weight loss) के साथ होता है, एक गंभीर चिकित्सा स्थिति का संकेत हो सकता है। जिन लोगों को लिंफोमा या एचआईवी है, उनमें रात को पसीना यह संकेत दे सकता है कि अब समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है।
अगर आप रात के समय पसीना आने की समस्या से जूझ रहे हैं तो सबसे पहले यह देखना होगा कि आप किस समस्या से जूझ रहे हैं और जांच द्वारा उसकी पहचान करनी होगी। एक बार कारण की पहचान हो जाए तो उसके बाद दवाओं और अन्य तरह से उपचार की मदद से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा आप निम्नलिखित बताए गये उपायों की मदद से भी इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं :-
सोने के लिए एक शांत वातावरण बनाना।
जहाँ आप सोने वाले हैं वहां हवा ठीक से आती हो।
प्राकृतिक कपड़ों से बने हल्के, पजामा और चादरों का उपयोग करना
सोने से पहले आप एक गिलास ठंडा पानी ले कर सोएं।
सोने से पहले ऐसा कोई काम न करें जिससे आपको सामान्य से ज्यादा थकान हो जाए।
अगर आपको मधुमेह है तो सोने से पहले ब्लड शुगर लेवल की जांच करें और जरूरत पड़ने पर ही इन्सुलिन लें।
बिस्तर से पहले अंडरआर्म्स, हाथ, पैर, हेयरलाइन, पीठ, छाती या कमर जैसे क्षेत्रों पर क्लिनिकल-स्ट्रेंथ एंटीपर्सपिरेंट (Clinical-Strength Antiperspirant) का उपयोग करें।
शराब, कैफीन और मसालेदार भोजन का सेवन सीमित करें।
सोने के 2 से 3 घंटे पहले खाना ले लेना चाहिए।
नियमित व्यायाम करना, लेकिन सोने के समय इससे बचना चाहिए।
स्वस्थ वजन बनाए रखना। अगर आप मोटे हैं तो उसे कम करने की कोशिश करें।
एक स्वस्थ आहार लेना चाहिए, जिसमें तेल और चीनी की मात्रा सिमित हो।
इन सभी उपायों के अलावा आप डॉक्टर की सलाह एंटीकोलिनर्जिक एजेंट (anticholinergic agents) नामक दवाएं ले सकते हैं। यह दवाएं पसीने को कम करने में मदद कर सकती हैं, लेकिन एक व्यक्ति को उन्हें केवल तभी लेना चाहिए जब कोई डॉक्टर इसकी सिफारिश करे।
Mr. Ravi Nirwal is a Medical Content Writer at IJCP Group with over 6 years of experience. He specializes in creating engaging content for the healthcare industry, with a focus on Ayurveda and clinical studies. Ravi has worked with prestigious organizations such as Karma Ayurveda and the IJCP, where he has honed his skills in translating complex medical concepts into accessible content. His commitment to accuracy and his ability to craft compelling narratives make him a sought-after writer in the field.
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