जब हम सभी को लग रहा था की लग रहा था की हमने कोरोना को मात दे दी है ऐसे वक्त में भारत में ओमिक्रॉन के सबवेरिएंट BA.4 और BA.5 के दो संक्रमितों की पुष्टि हुई है। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने 21 मई को सूचित किया कि तमिलनाडु की एक 19 वर्षीय महिला BA.4 संस्करण के साथ संक्रमित पाई गई है। इस महिला में कोरोना के नए वेरिएंट के हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं और इस महिला को कोरोना के दोनों टिके भी दिए जा चुके थे। इसके साथ ही तेलंगाना के एक 80 वर्षीय पुरुष BA.5 संस्करण के साथ संक्रमित मिलने की पुष्टि हुई है। चौकाने वाली बात यह है की इन दोनों ही संक्रमितों को कोरोना के दोनों टिके दिए जा चुके थे।
INSACOG ने अपने बयान में कहा है की इन दोनों ही संक्रमितों का कोई भी विदेशी या स्वदेशी यात्रा का कोई इतिहास नहीं है और इन दोनों को कोरोना के सभी टिके समय पर दिए जा चुके थे। फ़िलहाल, इन दोनों रोगियों के संपर्क में आए लोगों को ट्रेस किया जा रहा है।
वायरोलॉजिस्ट कहते हैं कि BA.4 और BA.5 उप-वंश पहले BA।2 वंश की तुलना में अधिक संक्रामक प्रतीत होते हैं, जो स्वयं मूल Omicron संस्करण की तुलना में अधिक संक्रामक था। इसके अलावा, दोनों उप-रेखाएं मूल Omicron संस्करण के समान कई उत्परिवर्तन साझा करती हैं लेकिन BA।2 संस्करण के साथ अधिक समान हैं। उनके पास कई अतिरिक्त उत्परिवर्तन भी हैं, जिनमें से कुछ उनकी विशेषताओं को बदल सकते हैं।
यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ECDC) – European Centre for Disease Prevention and Control (ECDC) ने पिछले हफ्ते ओमिक्रॉन के सबवेरिएंट BA.4 और BA.5 को कोरोना के सबसे गंभीर वेरिएंट के रूप में नामित किया है। इसके साथ ही साथ संस्थान ने कहा है की यह दोनों ही वेरिएंट ओमिक्रॉन के उप-वंश के रूप में 12 प्रतिशत से 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ संक्रामक हो सकते हैं।
दोनों तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट के सबवेरिएंट हैं, जिसके कारण इस साल की शुरुआत में देश में वायरस का व्यापक प्रसार हुआ था। इस महीने दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए न्यू ओमाइक्रोन सबलाइनेज, संभावित संक्रमणों से टीके और प्राकृतिक प्रतिरक्षा से बचने में सक्षम हैं, जीन अनुक्रमण इकाइयों के प्रमुख ने कहा कि उपभेदों पर एक अध्ययन का उत्पादन किया।
भारत में खतरे की आशंका कम। Threat of danger in India is low।
SARS-CoV-2 वायरस का यह स्ट्रेन दक्षिण अफ्रीका में नए कोरोना वायरस संक्रमणों की एक बड़ी लहर के लिए जिम्मेदार रहा है और संक्रमण व टीकाकरण से मिले इम्युन सिस्टम को प्रभावित करने में सक्षम है।
हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस साल जनवरी में भारत में आई ओमिक्रॉन वेरिएंट की लहर के कारण भारतीय आबादी में बेहतर और व्यापक इम्युन रिस्पॉन्स देखने को मिला, जिससे संक्रमण की संभावना कम है। लेकिन फिर भी भारतीय वैज्ञानिक इसे हल्के में नहीं ले रहे हैं इस विषय में शोध जारी है।
ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट किन देशों में मिले हैं? In which countries have the new variants of Omicron been found?
अब तक दक्षिण अफ्रीका के अलावा कई देशों में BA.4 और BA.5 की पहचान की जा चुकी है। यू।के। स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 22 अप्रैल तक के आंकड़ों के साथ, BA.4 ऑस्ट्रिया, यूके, यू।एस।, डेनमार्क, बेल्जियम, इज़राइल, जर्मनी, इटली, कनाडा, फ्रांस, में मौजूद था। नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड और बोत्सवाना में मिल चूका है।
उसी तारीख को, स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुर्तगाल, जर्मनी, यूके, यू।एस।, डेनमार्क, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इज़राइल, नॉर्वे, पाकिस्तान, स्पेन और स्विट्जरलैंड में BA.5 की पहचान की गई थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ओमिक्रॉन सबवेरिएंट BA.4 और BA.5 दुनिया भर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार रहा है और ये सब वेरिएंट 12 से ज्यादा देशों में पाए गए हैं।
सीएनबीसी के मुताबिक, कोविड पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की टेक्निकल लीड, मारिया वान केरखोव ने बताया कि, कम से कम 16 देशों में BA.4 के लगभग 700 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि BA.5 के 300 से अधिक केस 17 देशों में पाए गए हैं। कोरोना वायरस का यह सब वेरिएंट अति संक्रामक जरूर है लेकिन उतना घातक साबित नहीं हुआ है।
ओमिक्रॉन वेरिएंट BA.4 और BA.5 के लक्षण क्या है? What are the characteristics of Omicron variants BA.4 and BA.5?
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब तक ऐसा कोई खास या अलग संकेत या लक्षण सामने नहीं आया है जिससे BA.4 या BA.5 अलग से पहचान की जा सके। हालाँकि, अभी इन दोनों की अलग से पहचान करने के लिए बारीक़ शोध की जरूरत है।
Mr. Ravi Nirwal is a Medical Content Writer at IJCP Group with over 6 years of experience. He specializes in creating engaging content for the healthcare industry, with a focus on Ayurveda and clinical studies. Ravi has worked with prestigious organizations such as Karma Ayurveda and the IJCP, where he has honed his skills in translating complex medical concepts into accessible content. His commitment to accuracy and his ability to craft compelling narratives make him a sought-after writer in the field.
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