जब से कोरोना वैक्सीन के निकलने की चर्चा शुरू हुई है, फ़ाइज़र वैक्सीन का विकास इसमें सबसे आगे रहा। फ़ाइज़र को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA ) और WHO द्वारा अधिकृत किया गया था, 16 वर्ष से ऊपर व्यक्तियों के लिए। लेकिन 10 मई 2021 को, FDA ने 12 से 15 वर्ष की आयु के किशोरों को शामिल करने के लिए फ़ाइज़र - बायोएनटेक कोविद वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अनुमति दे दी है। फ़ाइज़र ने कहा है की 2022 में वह अपनी क्षमता बढाकर 3 अरब खुराक से ज्यादा उत्पादन करेगी।
ये m-RNA टाइप का वैक्सीन है और इसे BNT162B2 से भी जाना जाता है।
फ़ाइज़र वैक्सीन अलग-अलग देशो में इस्तेमाल होना शुरू हो चूका है, WHO के डाटा के अनुसार अब तक 44 देशो में लोगो को फ़ाइज़र वैक्सीन दिया जा चूका है जिसमे शामिल देश है UK, US, सिंगापूर, कनाडा, आदि।
भारत में फ़ाइज़र का जुलाई के शुरुआत में उत्पादन हो सकता है; वी के पॉल, निति आयोग के सदस्य ने कहा है की हमारी फ़ाइज़र के साथ बातचीत जारी है क्योकि उन्होंने वैक्सीन के निश्चित खुराक होने की बात कही है आने वाले महीनो में, शायद जुलाई के शुरुआत में ही। सरकार ने पुष्टि की है की फ़ाइज़र ने किसी तरह की गंभीर साइड इफ़ेक्ट के लिए मुआवजे के खिलाफ सुरक्षा की मांग की है।
UK में हुए एक रीसेंट स्टडी में ये बात सामने आयी है की फ़ाइज़र और अस्ट्रज़ेनेका वैक्सीन B.1.617.2 वैरिएंट (जो की सबसे पहले भारत में पाया गया था) के खिलाफ असरदार है।
फ़ाइज़र के निति के अनुसार वह सिर्फ केंद्र सरकार को ही वैक्सीन सप्लाई करेगी; पंजाब, हरयाणा राज्यों के वैक्सीन के मांग पर फ़ाइज़र ने साफ़ तौर मना कर दिया और कहा वैक्सीन का सप्लाई केंद्र सरकार से बातचीत पर ही होगा, इसी निति के अंदर वह दुनिया भर में वैक्सीन भेज रहा।
दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर के कहा की हमे जल्द ही फ़ाइज़र वैक्सीन की खरीद करने चाहिए खास तौर पर बच्चो के लिए .
फ़ाइज़र के पहले और दूसरे खुराक के बीच तीन सप्ताह के समय को तय किया गया था; लेकिन अब देखा जा रहा है की दूसरी खुराक में देर होना वैक्सीन के एंटीबाडीज रिस्पांस अच्छा कर रहा खास बुजुर्गो में बहुत फायदा हो रहा, इसके दूसरी खुराक को 12 सप्ताह के बाद देने से इम्युनिटी मजबूत बनाने में सहायक हो रही।
यूके सहित कई देशों ने इसे 12-सप्ताह के अंतराल में बढ़ाने का विकल्प चुना ताकि आबादी के उच्च प्रतिशत को एक वैक्सीन की खुराक जल्दी प्राप्त हो सके।
भारत की दो कंपनियां वोल्टेज और गोदरेज एप्लायंसेज फ़ाइज़र और मॉडेर्ना वैक्सीन के लिए मेडिकल फ्रीजर तैयार कर रही है अपने वक्सीनशन स्टोरेज यूनिट को बढ़ाने के लिए। वोल्टास अगस्त तक अपने अल्ट्रा लो तापमान वाला फ्रीजर लांच करेगी और गोदरेज ने पहले ही यूनिट तैयार कर ली है, ऑर्डर मिलने पर इसका उत्पादन शुरू करेगी।
हाल ही में अमेरिका के फ़ाइज़र और मॉडेर्ना ब्रांड के कोविद इंजेक्शन की दोनों खुराक लेने वालो में कोरोना से संक्रमित होने का खतरा 94 फीसदी तक कम हो जाता है, यानी संक्रमित का जोखिम सिर्फ 6 फीसदी रह जाता है। यह दावा रियल वर्ल्ड पर आधारित अबतक की सबसे बड़े अध्ययन में किया गया है।
फ़ाइज़र को इसकी आखरी फेज ट्रायल के बाद 95 फीसदी असरदार माना गया है, पहली खुराक के बाद 85 फीसदी प्रभाविक है। पहले इसकी टाइम इंटरवल को रखा गया था लगभग तीन सप्ताह, लेकिन अब इसे बढ़ा कर 12 सप्ताह कर दिया गया है, क्योकि कई स्टडी में देखा गया की दोनों खुराक के बीच ज्यादा अंतराल के इसकी प्रभावित बढ़ जाती है और इम्युनिटी को बूस्ट करने में सहयोग करती है खासकर 80 साल और उसके ऊपर आयु वाले बुजर्गो में।
रियल वर्ल्ड में इसकी प्रभाविता 90 फीसदी मापी गयी है, जो क्लीनिकल ट्रायल से कम ज़रूर है पर बुरी नहीं है . वैसे भी असल दुनिया में कई चीज़ो का वैक्सीन की एफ्फिसकी पर असर पड़ता है।
साइड इफ़ेक्ट की बात करे तो अभी तक कोई गंभीर साइड इफ़ेक्ट देखने को नहीं; मामूली साइड इफ़ेक्ट जो पोस्ट वैक्सीन होते है -
थकान , बुखार, इंजेक्शन साइट पर दर्द, लाल चकत्ते, घबराहट, आदि .
अगर कोई प्रेग्नेंट महिला या ऐसा व्यक्ति जिसे पहले से किसी चीज़ से एलर्जिक रिएक्शन हो तो वैक्सीन से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर ले। हलाकि फ़ाइज़र दूसरी आबादी जैसे प्रेग्नेंट महिला, 12 साल से कम वर्ष पर काम कर रहा है .
Girish is Hindi Content Writer and formal writer at IJCP.
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