यौन स्तिथि में यौन रोग की समस्या और यौन संचारित रोग जैसे क्लैमाईडिया, गोनोरिहा, सइफिलिस आदि शामिल है यौन संचारित रोग का उपचार दवाओं व सुरक्षा जैसे कंडोम का प्रयोग और अन्य सुरक्षित यौन अभ्यास के द्वारा किया जाता है |
1. महिलाओं की यौन संबंधित परेशानियां
कोई भी यौन संबंधित परेशानी कुछ हफ्तों से अधिक तक रह सकती है इसलिए स्वास्थय सुरक्षा प्रदाता के पास जाने से वह दवाईयों का सेवन व अन्य संबंधित परेशानियों के लिए वह कुछ उपाय भी दें सकते हैं
2. लिंग विकार कि सम्स्या
यह विकार मुख्यत दो प्रकार के होते है पहला लिंग विकार और दूसरा वर्षण विकार है यह दोनों ही विकार के कारण पुरुष प्रजनन के बाहरी अंग प्रभावित हो सकते है।
3. यौन संचारित रोग
यौन संचारित रोग से ग्रसित के साथ यौन संबंध बनाने पर यह बीमारी एक से दूसरे तक फैलती है। यौन गतिविधि जैसे योनि, लिंग आदि शामिल है जिसके कारण यौन संचारित रोग होता है।
यौन स्थिति में बचाव
1. कंडोम का प्रयोग
व्यक्ति को अपना लिंग दूसरे व्यक्ति के शरीर में डालने से पहले कंडोम का प्रयोग करना चाहिए जिससे यौन संचारित रोग और महिला के गर्भवती होने की संभावना कम होती है।
2. परिशुध करण
चमड़ी का सर्जिकल निष्कासन द्वारा परिशुध करण किया जाता है यह चमड़ी लिंग के उपरी भाग को कवर करती है। कई माता पिता अपने बच्चो का परिशुध करण धर्म या अन्य कारणो के लिए करा लेते है।
3. यौन संचारित रोग
यौन सम्बन्ध के दौरान यौन संचारित रोग से बचने के लिए कंडोम का प्रयोग करना चाहिए |
1. यौन प्रदर्शन की चिंता
सेक्स को माना जाए तो यह एक सुखद अहसास है लेकिन यदि कोई व्यक्ति लगातार यह सोचता है कि मैं कैसा प्रदर्शन करूंगा तो उनके लिए यह सुखद अहसास कठिन हो जाएगा। यदि व्यक्ति को अपनी जिंदगी में दुबारा वापिसी करना चाहते है तो सबसे पहले यह सीखे कि यौन प्रदर्शन की चिंता क्यों होती है और इसको दूर करने के लिए कुछ उपाय क्या हो सकते है।
यौन प्रदर्शन चिंता के कारण
1. व्यक्ति का मन में यही डर बना रहना की वह बिस्तर में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगा या अपने साथी को संतुष्ट नहीं कर पाएगा।
2. रिश्तों में परेशानी आना
3. लिंग को ना मापने की चिंता बनी रहना
2. पेराफिलियस
पेराफिलियस एक असमान्य यौन व्यवहार है जो तीव्र यौन कल्पनाओं की विशेषता है और यह वापिस आते रहते है। इस व्यवहार में असामान्य गतिविधि और परिस्थिति शामिल है जिन्हे आमतौर पर अन्य द्वारा यौन उत्तेजक नहीं माना जाता है।
3. ट्राइकोमोनिएसिस
ट्राइकोमोनिएसिस एक सामान्य यौन संचारित रोग है। यह रोग छोटी एक कोशिकाएं परजीवी के कारण होता है जिसका नाम ट्राइकोमोनस वेजेनालिस है। यह पुरुषों से अधिक महिलाओं को प्रभावित करता है। ट्राइकोमोनिएसिस से ग्रसित व्यक्ति को कोई लक्षण नहीं होते है ना ही इसके कारणों से कोई परेशानी होती है लेकिन यदि व्यक्ति समय से इसका उपचार नहीं कराता है तो इससे यौन संचारित रोग और एचआईवी होने की संभावना बढ़ जाती है।
ट्राइकोमोनिएसिस के कारण
ट्राइकोमोनिएसिस रोग तब होता है जब वह किसी से यौन संबंध बनाता है। अधिकतर यह लिंग और योनि के बीच संपर्क होने की वजह से फैलता है।
4. क्लैमाईडिया
जीवाणु के कारण क्लैमाईडिया रोग होता है यह भी सामान्य यौन संचारित योग है। यह संक्रमण आसानी से एक से दूसरे तक फैलता है क्यूंकि इसके कोई लक्षण नहीं होते है। क्लैमाईडिया का उपचार यदि समय रहते नहीं किया गया तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है।
क्लैमाईडिया के कारण
क्लैमाईडिया जीवाणु की वजह से होता है और यह असुरक्षित योनि, ओरल और यौन संबंध के कारण फैलता है। यह यौन संबंध बनाए बिना भी संक्रमण व्यक्ति से जेनिटल संपर्क बनाने के कारण भी फ़ैल सकता है।
5. गोनोरिहा
गोनोरिहा भी एक यौन संक्रमण रोग है और यह गोनोरिहा से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क या यौन संबंध बनाने के कारण होता है। यह महिलाओं और पुरुषों दोनों को हो सकता है लेकिन महिलाओं की तुलना में यह पुरुषों को अधिक होता है।
गोनोरिहा के कारण
यौन संचारित रोग नेइस्रिया गोनोरिहा नामक जीवाणु के कारण होता है। अन्य कीटाणु के कारण भी जीवाणु हो सकता है जिसे गोनोरिहा कहते है यह सिर्फ संक्रमित व्यक्ति को छूने से भी हो जाता है और यदि कोई व्यक्ति किसी से लिंग, योनि, मुंह के द्वारा संपर्क बनाता है तब भी गोनोरिहा हो सकता है।
यौन स्थिति में उपचार
सभी यौन सम्बन्धी परेशानियों के लिए उपचार जरूर नहीं है लेकिन कुछ उपचार जरूरी है जो निम्नलिखित है।
1. यौन संचारित रोग का उपचार
डॉक्टर की सलाह पर यौन संचारित रोग का उपचार कराना जरूरी है। यौन संचारित रोग के जीवाणु को कम करने के लिए एंटीबायोटिक से उपचार किया जा सकता है लेकिन एंटीबायोटिक से उपचार कराने के दौरान डॉक्टर की सलाह पर दी गई दवाइयों का सेवन नियमित से करे जब तक इसके लक्षण दूर ना हो जाए।इस रोग को दूर करने के लिए हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन भी लगाई जाती है लेकिन यह उन्हें ही लगाई जाती है जिसे यह बीमारी ना हो।
2. सइफिलिस का उपचार
यदि सइफिलिस का उपचार कई वर्षों तक नहीं कराया गया तो इससे गंभीर बीमारी जैसे हृदय का नष्ट होना, रक्त वाहिकाओं का नष्ट होना, मस्तिष्क का नष्ट होना आदि हो सकती है साथ ही इससे अंधापन और पैरालिसिस भी हो सकता है। इसके उपचार सिर्फ एक पेनिसिलिन एंटीबायोटिक दवा से हो जाता है यदि कोई व्यक्ति सइफिलिस से एक वर्ष से कम समय तक ग्रसित है तो उसे डॉक्टर की सलाह पर सिर्फ एक पेनिसिलिन एंटीबायोटिक इंजेक्शन द्वारा ठीक किया जा सकता है और यदि किसी व्यक्ति को एक वर्ष से अधिक हो गए हो तो उन्हें अधिक पेनिसिलिन एंटीबायोटिक का इंजेक्शन दिया जाता है।
3. क्लैमाईडिया का उपचार
क्लैमाईडिया का उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह पर ओरल एंटीबायोटिक्स दी जाती है साथ ही एजिथरोमाइसीन्स का सिर्फ एक खुराक दी जाती है और डॉक्सीसाइकिलिन की दवा 7 से 14 दिनों तक चलती है। इन उपचार की मदद से संक्रमण एक हफ्ते के अंदर ही खत्म हो जाता है लेकिन इन दवाओं से बेहतर महसूस करने पर बीच में ही रोकना नहीं चाहिए।
4. ट्राइकोमोनिएसिस का उपचार
ट्राइकोमोनिएसिस के उपचार के लिए सामान्यतः एक ही दवा मेट्रोनिडाजोल का प्रयोग किया जाता है यह दवा गोली और जैल दोनों में उपलब्ध रहती है। गोली को मुंह के द्वारा लिया जाता है और जैल का प्रयोग योनि में लगाने के लिए किया जाता है।
5. सेक्स थेरेपी
सेक्स थेरेपिस्ट पुरुष और महिलाओं के जोड़ों में शारीरिक संबंध की ओर ध्यान देते है और इन जोड़ों की सेक्स के प्रति घमंड और यौन संबंधी परेशानियों को खोजने के बाद सेक्स थेरेपिस्ट विशेष गतिविधि की सलाह देते है जिससे यह जोड़ों के ध्यान और उम्मीदों पर दुबारा ध्यान दे सके। कुछ उद्देश्य निम्नलिखित है
1. आराम करना सीखना और व्याकुलता को दूर करना या हटाना।
2. गैर यौन स्पर्श करने की तकनीको को सीखना
3. यौन उत्तेजना को बढ़ाना।
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