स्लीप पैरालिसिस के कारण स्लीप, लक्षण, उपचार और बचाव
स्लीप पैरालिसिस अर्थात नींद पक्षाघात। जब दिमाग और शरीर के बीच संतुलन नहीं होता उसकी वजह से स्लीप पैरालिसिस या नींद पक्षाघात की समस्या होती है। इस दौरान व्यक्ति नींद से उठा हुआ रहता है लेकिन वह अपने शरीर को हिलाने और बोलने में असमर्थ हो जाता है यह कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक रहता है। अधिकतर लोगों में यह कुछ समय बाद अपने आप सही हो जाता है। स्लीप पैरालिसिस की समस्या उन लोगो में अधिक होती है जो नार्कोलेप्सी से पीड़ित होते है।
स्लीप पैरालिसिस के कारण
स्लीप पैरालिसिस के कुछ कारण निम्नलिखित है
1. नींद का पूरा ना होना
2. सोने के समय में बदलाव होना
3. शराब व धूम्रपान का सेवन करना
4. पीठ के बल सोना
स्लीप पैरालिसिस के लक्षण
स्लीप पैरालिसिस का मुख्य लक्षण जब व्यक्ति नींद में शरीर को हिलाने और बोलने में असमर्थ हो जाता है। इसके और भी लक्षण निम्नलिखित है।
1. नींद में भी होश में रहना
2. बोलने में असमर्थ होना
3. सांस लेने में कठिनाई
4. डर लगना
5. सपने देखना
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स्लीप पैरालिसिस का उपचार
स्लीप पैरालिसिस एक सामान्य रोग है जो कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन व्यक्ति अगर स्लीप पैरालिसिस से चिंतित है या अपनी नींद पूरी नहीं कर पा रहे है तो इसके लिए कुछ उपचार निम्नलिखित है।
1.सोने के समय में बदलाव करना - एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 6 से 8 घंटे की नींद लेना आवश्यक होता है। स्लीप पैरालिसिस नींद की कमी के कारण भी होता है।
2 काउंसलिंग थैरेपी - इस थैरेपी की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है यदि किसी व्यक्ति को किसी बड़े सदमे या दुर्घटना के कारण यह समस्या होती है तो काउंसलिंग थैरेपी अधिक मददगार साबित होती है।
स्लीप पैरालिसिस को दूर व बचाव के लिए उपाय।
स्लीप पैरालिसिस को दूर व बचाव के लिए उपाय निम्नलिखित है।
1. स्लीप पैरालिसिस का कारण पीठ के बल सोना हो सकता है इसलिए जिनको स्लीप पैरालिसिस बीमारी की संभावना है वह अपने सोने की दिशा को बदले और पीठ के बल सोने से बचे।
2. योग, एकाग्रता, ध्यान व व्यायाम करें इससे मन को शांति प्राप्त होती है व समय से नींद भी आती है।
3. धूम्रपान व नशीले पदार्थों का सेवन ना करे।
4. प्रत्येक दिन 6 से 8 घंटे की नींद लेने की आदत डालें।
स्लीप पैरालिसिस के लिए जांच व परीक्षण
स्लीप पैरालिसिस के लिए कोई भी जांच व परीक्षण नहीं किया जाता है क्यूंकि इसकी अवधि कुछ सेकंड से लेकर एक मिनट तक रहती है और यह फिर अपने आप ठीक हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो वह डॉक्टर की सलाह पर जांच करा सकता है।
1. स्लीप पैरालिसिस का रोज होना।
2. मानसिक तनाव या नींद का बार बार टूटना।
3. नार्कोलेप्सी यानी दिन के समय में व्यक्ति को अचानक नींद आ जाना ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि यह मस्तिष्क से सबंधित विकार होता है।
स्लीप पैरालिसिस के जोखिम कारक
1. सोने के रूटीन में बदलाव होना या प्रत्येक दिन अलग अलग समय पर सोने की आदत, स्लीप पैरालिसिस का एक जोखिम कारक हो सकता है।
2. नशीले पदार्थ, धूम्रपान और शराब का सेवन करना।
3. पारिवारिक समस्या यानी परिवार में किसी को पहले से ही स्लीप पैरालिसिस की बीमारी हो।
4. बुरी दुर्घटना या सदमा लगना भी स्लीप पैरालिसिस का जोखिम कारक होता है।
स्लीप पैरालिसिस को ट्रिगर करने वाले कारण
स्लीप पैरालिसिस को कई कारण ट्रिगर करते है जो निम्नलिखित है।
1. प्रत्येक दिन सोने के रूटीन में बदलाव होना
2. किसी भी प्रकार की शारीरिक समस्या या मानसिक समस्या होना।
3. नींद से सम्बन्धित समस्या।
4. सदमा लगना या दुर्घटना का घटना
स्लीप पैरालिसिस से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या स्लीप पैरालिसिस की वजह से चोट लगने का खतरा भी होता है?
स्लीप पैरालिसिस के समय व्यक्ति अपने शरीर को हिलाने में असमर्थ रहता है जिसके कारण चोट लगने का खतरा नहीं होता है।
2. स्लीप पैरालिसिस को कैसे ठीक कर सकते है?
स्लीप पैरालिसिस की अवधि कुछ सेकंड से कुछ मिनट तक रहती है इस समय के बाद यह अपने आप ही ठीक हो जाता है।
3. स्लीप पैरालिसिस का खतरा किन लोगो में रहता है?
स्लीप पैरालिसिस एक सामान्य रोग है जो किसी भी व्यक्ति को हो सकता है लेकिन कुछ लोगों में इसका खतरा ज्यादा रहता है।
4. स्लीप पैरालिसिस के दौरान व्यक्ति शरीर के किस अंग को हिला सकता है?
स्लीप पैरालिसिस के दौरान व्यक्ति शरीर को हिलाने में असमर्थ रहता है लेकिन वह आंखो को हिला सकता है व बोल भी सकता है।
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