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ब्लोटिंग कम करने के टिप्स | Stomach Bloating in Hindi

Published On: 20 Jan, 2022 2:02 PM | Updated On: 18 May, 2024 10:34 PM

ब्लोटिंग कम करने के टिप्स | Stomach Bloating in Hindi

अगर किसी व्यक्ति को हमेशा स्वस्थ रहना है तो उसके लिए उसे ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है, इसके लिए बस उसे के छोटा सा काम करना होगा और वो है हमेशा बस अपने पेट और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखना होगा। यह बात तो आपने अक्सर सुनी ही होगी कि “सारी बीमारियाँ पेट से ही शुरू होती है”। पेट से जुड़ी सैकड़ों बीमारियाँ और समस्याएँ है जो कि स्थाई या अस्थाई दोनों ही हो सकती है। पेट से जुड़ी एक ऐसी ही समस्या है ब्लोटिंग। पेट की यह समस्या अक्सर लोगों को हो जाती है, काफी बार तो ब्लोटिंग ज्यादा समस्या खड़ी नहीं करती, लेकिन काफी बार पेट से जुड़ी समस्या काफी समस्याएँ पैदा करने लग जाती है। ब्लोटिंग पेट से जुड़ी ज्यादा गंभीर समस्या नहीं है इससे कुछ खास उपायों की मदद से ही दूर किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं ब्लोटिंग को कैसे दूर किया जा सकता है, लेकिन उससे पहले इसके बारे में कुछ खास बाते जानते हैं। 

ब्लोटिंग क्या है? What is Bloating?

ब्लोटिंग पेट से जुड़ी एक समस्या या स्थिति है जिसमे व्यक्ति को अपना पेट भरा हुआ और तंग महसूस होता है। यह तब होता है जब आपका जठरांत्र (Gastrointestinal) पथ हवा या गैस से भर जाता है। जठरांत्र पथ मुंह से गुदा (नीचे) तक चलता है। इसमें आपका पूरा पाचन तंत्र शामिल है। जब आप फूले हुए होते हैं, तो आपको लगता है कि आपने बहुत बड़ा खाना खा लिया है और आपके पेट में कोई जगह नहीं है। आपका पेट भरा हुआ और कड़ा महसूस होता है। यह असहज या दर्दनाक हो सकता है। आपका पेट वास्तव में बड़ा दिख सकता है। यह आपके कपड़ों को टाइट फिट कर सकता है। वृद्ध महिलाओं, ज्यादा खाना लेने वाले और जिन महिलाओं ने अभी बच्चे को जन्म दिया है उन्हें अक्सर यह समस्या हो सकती है। ब्लोटिंग की समस्या किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकती है। 

ब्लोटिंग क्यों होती है? Why does bloating happen?

ब्लोटिंग की समस्या होने का सबसे आम कारण है गैस और हवा। पाचन तंत्र में गैस तब बनती है जब अपाच्य भोजन टूट जाता है या जब आप हवा खाने के साथ-साथ ज्यादा मात्रा में पेट हवा ज्यादा मात्रा में ले जाते हैं। वैसे तो हर कोई खाते या पीते समय हवा निगलता है, लेकिन निम्नलिखित स्थिति में पेट में ज्यादा हवा चली जाती है :- 

  1. बहुत तेजी से खाना या पीना

  2. मैदे से बनी चीज़े खाने से (क्योंकि इन्हें चबा पाना मुश्किल होता है, जैसे – नान)

  3. च्यूइंग गम खाने की आदत

  4. खाने के बाद धूम्रपान करना 

  5. नकली दाँतों को ठीक से पहनने पर 

  6. मुह खोलकर खाने की आदत 

  7. खाना खाते हुए बाते करना 

  8. डकार आने के बाद भी खाना खाते रहना 

इन कुछ आदतों के कारण पेट में गैस या हवा जमा होने लगती है, जिसकी वजह से ब्लोटिंग की समस्या होती है। हवा और गैस के अलावा निम्नलिखित चिकित्सीय कारणों के चलते भी ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है :- 

  1. पेट में जलन

  2. खाने की असहनीयता

  3. भार बढ़ना

  4. चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम (irritable bowel syndrome)

  5. सूजन आंत्र रोग, जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन रोग

  6. अन्य कार्यात्मक जठरांत्र संबंधी विकार 

  7. हार्मोनल प्रवाह (विशेषकर महिलाओं के लिए)

  8. गियार्डियासिस (आंतों परजीवी संक्रमण)

  9. खाने के विकार जैसे एनोरेक्सिया नर्वोसा या बुलिमिया नर्वोसा

  10. मानसिक स्वास्थ्य कारक जैसे तनाव, चिंता, अवसाद, और बहुत कुछ

  11. दवाओं का लंबे समय तक सेवन  

  12. भोजन और कार्बोहाइड्रेट कुअवशोषण

  13. कब्ज की समस्या होना 

ब्लोटिंग होने के क्या लक्षण है? What are the symptoms of bloating?

जब किसी व्यक्ति को ब्लोटिंग की समस्या होती है तो उसे सबसे पहले अपना पेट फुला हुआ महसूस होता है और ऐसा लगता है जैसे काफी ज्यादा खाना खा लिए गया हो। इसके अलावा ब्लोटिंग होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं :- 

  1. बार-बार डकार आना 

  2. पेट में गड़गड़ाहट या गड़गड़ाहट होना 

  3. मल में रक्त आना 

  4. अचानक से वजन में परिवर्तन होना (कम या ज्यादा)

  5. योनि से रक्तस्राव (आपके पीरियड्स के बीच, या यदि आप पोस्टमेनोपॉज़ल हैं)

  6. मतली या उल्टी आना 

  7. दस्त लगाने की समस्या होना

  8. बुखार होना (संक्रमण के कारण)

यदि आप इनमे से किसी किन्ही भी लक्षणों को महसूस करते हैं तो आपको तुरंत इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और साथ आपको इसे दूर करने के उपायों पर काम करना चाहिए, जिन्हें निचे विस्तार से बताया गया है। 

इन खास टिप्स से ब्लोटिंग को दूर करें? Get rid of bloating with these special tips?

अगर आप लगातार ब्लोटिंग की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको इससे छुटकारा पा लेना चाहिए। ब्लोटिंग से छुटकारा पाने के लिए आपको सबसे पहले यह जानना होगा कि आपको ब्लोटिंग क्यों हो रही है। अगर आप ज्यादा तेजी से खाना खाते हैं या पीते हैं तो इसके लिए आपको अपनी इस आदत में बदलाव करना चाहिए, ताकि आपको ब्लोटिंग की समस्या न हो। इसके अलावा आप निम्नलिखित उपायों की मदद से भी इससे छुटकारा पा सकते हैं :- 

ज्यादा खाने से बचें Avoid Overeating – अगर आप ज्यादा मात्रा में खाना लेते हैं तो इसकी वजह से आपको ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। इसलिए आप सिमित मात्रा में ही खाना लें ताकि आपको यह समस्या न हो। ऐसे में काफी लोगों को अपनी भूख का अंदाजा नहीं होता कि उन्हें कितनी भूख है और वह इस वजह से ज्यादा खाना ले लेते हैं। इसके अलावा काफी लोगों को भूख शांत होने का एहसास नहीं होता, ऐसे लोगों को बहुत सिमित मात्रा में ही खाना लेना चाहिए। वहीं स्वादिस्ट खाने की वजह से भी ऑवरईटिंग हो जाती है तो ऐसे में भी कम ही खाना खाए। 

सैर पर जाए Go for a Walk – अगर आपको लगता है कि आपको ब्लोटिंग की समस्या हो रही है तो इसके लिए आपको सैर पर जाना चाहिए।  सैर पर जाने से आपके पेट में जमा हवा या गैस दूर होने लगती है। 

योगाभ्यास करें Practice Yoga – कुछ योग मुद्राएं पेट में मांसपेशियों को इस तरह से स्थापित कर सकती हैं जो जठरांत्र पथ से अतिरिक्त गैस को बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं। आप इसके लिए चाइल्ड पोज़, हैप्पी बेबी पोज़ और स्क्वैट्स जैसे योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। 

पेट की मालिश करें Massage Abdominal – पेट की मालिश करने से आंतों को हिलने-डुलने में मदद मिल सकती है। बड़ी आंत के मार्ग का अनुसरण करने वाली मालिश विशेष रूप से सहायक होती है, जिससे ब्लोटिंग की समस्या दूर हो सकती है। आप निम्नलिखित तरीकों से ऐसा कर सकते हैं :- 

  1. हाथों को दाहिने कूल्हे की हड्डी के ठीक ऊपर रखें।

  2. पसली के दायीं ओर हल्के दबाव के साथ गोलाकार गति में रगड़ें।

  3. पेट के ऊपरी हिस्से में सीधे बाईं पसली के पिंजरे की ओर मलना।

  4. बाएं कूल्हे की हड्डी की ओर धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ना।

  5. आवश्यकतानुसार दोहरा सकते हैं।

यदि मालिश से कोई दर्द होता है, तो इसे तुरंत बंद कर देना सबसे अच्छा है।

खाद्य एलर्जी Food Allergies – अगर आपको किसी भी खाने की चीज़ से एलर्जी है तो उससे दूर ही रहना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से आपको ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। यदि आप किसी विशेष भोजन को खाने के बाद सूजन महसूस करते हैं तो यह खाद्य असहिष्णुता या एलर्जी का लक्षण हो सकता है। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो किसी खाने से असहिष्णुता Intolerance होते हैं तो ऐसे में उस खाद्य उत्पाद से भी दूर रहना चाहिए। सामान्यतया लैक्टोज, फ्रुक्टोज, अंडे और ग्लूटेन कुछ सामान्य तत्व हैं जो असहिष्णुता का कारण बन सकते हैं। 

उच्च फाइबर खाद्य पदार्थों से सावधान Careful with high-fibre foods – अगर आप अक्सर ब्लोटिंग की समस्या से ग्रसित रहते हैं तो आपको ऐसे खाने से दूर रहना चाहिए जिसमे ज्यादा मात्रा में फाइबर हो। उच्च मात्रा में फाइबर वाले कुछ खाद्य पदार्थ बड़ी मात्रा में गैस का उत्पादन कर सकते हैं। आम अपराधी सेम और दाल जैसे फलियां हैं। वसायुक्त भोजन भी पाचन को धीमा कर सकता है और पहले से ही सूजन की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए समस्या पैदा कर सकता है।

प्रोबायोटिक्स को अपनाएं Take Probiotics – खराब आंत स्वास्थ्य ब्लोटिंग के प्रमुख कारणों में से एक है। तो, इससे छुटकारा पाने के लिए, अपने आहार में प्रोबायोटिक्स को जरूर शामिल करें। दही, केफिर और अचार जैसे प्रोबायोटिक्स अच्छे आंत बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाने और पाचन प्रक्रिया को तेज करने में मदद करते हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि प्रोबायोटिक्स पाचन समस्याओं वाले लोगों में गैस उत्पादन और ब्लोटिंग को कम करते हैं।

सोडा लेने की जगह पानी पीयें Drink Water Instead of Soda – फ़िज़ी, कार्बोनेटेड पेय में गैस होती है जो पेट में जमा हो सकती है। कार्बन डाइऑक्साइड जो सोडा और इसी तरह के पेय पदार्थों को फ़िज़ी बनाता है, पेट में बुलबुले और ब्लोटिंग भी पैदा कर सकता है। आहार में चीनी या कृत्रिम मिठास भी गैस और ब्लोटिंग का कारण बन सकती है। इसलिए सोडा ड्रिंक्स की जगह सादा पानी ही लें और इस समस्या से दूर ही रहें। आप ब्लोटिंग दूर करने के लिए छाछ भी प्रयोग कर सकते हैं। 

ब्लोटिंग होने पर डॉक्टर से कब मिले? When to see a doctor if you have bloating?

ब्लोटिंग होने पर आपको निम्नलिखित स्थितियां पैदा होने पर जल्द से जल्द से इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए :- 

  1. गंभीर या लंबे समय तक पेट दर्द

  2. मल में रक्त आने पर 

  3. मल का ज्यादा काला आना 

  4. मल ज्यादा सख्त आना 

  5. ब्लोटिंग में तेज बुखार होना 

  6. लगातार दस्त होना 

  7. उल्टी आना 

  8. अस्पष्टीकृत वजन घटाने

    ध्यान दें, ब्लोटिंग होने पर चिकिस्तक की सलाह से ही किसी भी दवा का सेवन करें।

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