आज के वक़्त मे पेट बढने यानी "बेली फैट" की समस्या बहुत आम हो गयी है। जिसके कारण हमे कई परेशानी का सामना करना पड़ता है।
पहला तो हम अपने फिजिकल लूक के लिये सवेदंशील रहते है, दुसरा कई स्वास्थ्य परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
जब हम अपने शरीर के ज़रूरत से ज्यादा फैट लेते है तो वो फैट बाद के इस्तेमाल के लिये स्टोर हो जाता है, लेकिन अगर यही प्रक्रिया रोज होती रही तो फैट हमारे शरीर के अलग-अलग हिस्से मे जमा हो जाता है और दिक्कत पैदा करता है ।
इसके और भी कारण है जैसे - शरीर मे हार्मोनल बदलाव, जेनेटिक प्रॉब्लम, खराब डाइट, बॉडी मुवमेंट का कम होना और इत्यादी।
विस्सेरल फैट यानी की आंत की वसा, इसे ऐक्टिव फैट भी कहते है क्योकिं ये स्वास्थ्य परेशानी के रिस्क को बढाता है।
जैसे मेटाबोलिक संबंधी गड़बड़ी और हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह के लिए जोखिम में वृद्धि से जुड़ा हुआ है। महिलाओं में, यह स्तन कैंसर और पित्ताशय की थैली की सर्जरी की आवश्यकता से भी जुड़ा है।
विस्सेरल फैट को कम करने के लिये आप स्मोकिंग को अवोइड करे और ज्यादा शुगर वाली चीजे ना खाए। इसके साथ ही नीच दिये गये टिप्स जैसे एक्सरसाइज, स्वस्थ डायट भी आपकी विस्सेरल फैट कम करने मे मदद कर सकती है।
ये शरीर मे छुपा हुआ फैट होता है लेकिन बेली फैट की बढाने का काम भी करता है, इसलिए आप इसे बॉडी मास इनडेक्श (BMI) या MRI के द्वारा डॉक्टर के सलाह पर चेक करवा सकते है।
आंतरायिक उपवास (Intermittent fasting) तय करता है कि आप कब या कितना खाते हैं - और कभी-कभी दोनों।
इस समय-प्रतिबंधित भोजन में केवल एक निश्चित समयावधि के दौरान, आमतौर पर आठ घंटे, एक ही दिन में भोजन करना शामिल है।
उदाहरण के लिए, आप केवल सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ही भोजन करेंगे, और फिर अन्य 16 घंटों के दौरान उपवास करें।
एक और लोकप्रिय तरीका है, 5:2 डायट, आप सामान्य रूप से पांच दिनों तक खाए, फिर अपनी कैलोरी को लगातार दो दिनों तक सीमित रखें। ऑल्टरनेट दिन के उपवास के साथ, आप हर दूसरे दिन कैलोरी-फ़्री आहार खाए।
अगर आपको कोई स्थाई बिमारी है जैसे डायबीटीज, तो इस उपवास को करने से पहले डॉक्टर से राय ज़रूर ले ।
अपने काम से ब्रेक लेकर कुछ मिनट के लिये टहलना आपके लिये फायदेमंद साबित हो सकता है। आज के दौर मे कई घंटो तक एक ही जगह बैठना दिनचर्या का हिस्सा बन गया है।
आपको कब टहलना चाहिये इस बात का ध्यान रखे, ज्यादातर लोग इस बात को जानते है लेकिन पालन नही करते ।
हर खाने के बाद आपको तुरंत बैठना या सोना नही चाहिये बल्कि कम से कम 20 से 25 मिनट टहलना चाहिये ताकि खाना को पचने की प्रक्रिया मे कोई बाधा ना आये। सुबह के वक़्त टहलना स्वास्थ्य के लिये बहुत फायदेमंद माना जाता है, सुबह 30- 45 मिनट रोज तेजी मे टहले।
कोरोना काल मे ज्यादतर काम या पढाई कंप्यूटर और लैपटॉप पर हो रहा जिसके कारण कई घंटो तक बैठना पड़ रहा, इसलिए 1 घन्टे के बाद कम से कम 15 मिनट का ब्रेक ले और वॉक करे, जरूरी नही है की खुली जगह ही हो, आप चाहे तो कमरे मे उस वक़्त वॉक कर सकते।
टहलने के वक़्त हड्डियां, मांसपेशियां, और नशों का एक्सरसाइज होता है।
अगर आप बेली फैट को कम करना चाहते है तो उसके लिए सबसे अच्छा उपाय स्वस्थ्य डायट है ना की कोई पिल्स या दवा। इसलिये बेहतर होगा की आप अपनी डायट को बेहतर करने मे ध्यान दे, ना की किसी तरह की ऐडवर्टाइज़िंग दवा खाने पर ।
आप हर तरह के फल और सब्जियां खा सकते है क्योकिं इसमे आपको हर तरह के विटामिन, मिनरल्स और फाइबर होते है। फाइबर लेना पेट को कम करने मे फायदेमंद साबित होगा।
जंक फूड ना के बराबर खाए, इसमे ज्यादा मात्रा मे शुगर होता है जो फैट को बढाने का काम करता है। स्वस्थ खाने से हार्मोनल ऐक्टिविटी भी बेहतर होगी।एक रिसर्च मे पता चला की ओमेगा-3 फैटी ऐसिड और मोनोस्चुरेटेड फैट बेली फैट को घटाने मे मदद करता है और हार्मोन जैसे (कोर्टीसोल हार्मोन) को भी नॉर्मल रखता है।
खुद को हाइड्रेटेड रखे, पानी शरीर के किसी भी फंक्शन के लिये बहुत जरूरी काम करता है वैसे ही ये पेट के वसा को कम करने मे काफी असरदार है।
सुबह उठकर हल्का गुनगुना पानी पीना पेट के टोक्सीक पदार्थ को निकलता है और पेट को साफ करता है ।
U.S. नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंजीनियरिंग और मेडिसिन ने निर्धारित किया कि पर्याप्त दैनिक तरल पदार्थ का सेवन ये होना चाहिये: पुरुषों के लिए एक दिन में लगभग 15 कप (3 लीटर) तरल पदार्थ। महिलाओं के लिए एक दिन में लगभग 11 कप (2 लीटर) तरल पदार्थ।
आप लीक्विड के तौर पर जुस, ग्रीन टी, ग्रास लेमन टी और शहद पानी ले सकते। ये पूरी तरह प्राकृतिक और फायदेमंद है।
अगर आप इन सब मे चीनी का इस्तेमाल करते है तो, उसकी जगह हनी यानी मध का इस्तेमाल करना सही होगा ।
नींद पुरा करना सिर्फ एक स्टेप नही है बल्कि एक बड़ा योगदान है फैट कम करने की प्रक्रिया मे।
कई स्टडीज़ मे ये बताया गया है की नींद और भूख का कनेक्शन है, जो कहीं न कहीं भूख को नियंत्रित और मेटाबोलिज्म मे मददगार साबित होता है।
घ्रेलीन और लेपटिन, ये दो हार्मोनस है जो भूख को नियंत्रित करते है। लेपटिन फैट सेल मे उत्पन होता है जो दिमाग बताता है की आपने काफी खा लिया है यानी अपनी भूख के हिसाब से खा लिया है अब बस।
इसलिये जब हम अपनी ज़रूरत से कम नींद लेते है तो लेपटिन का उत्पादन कम हो जाता है और खाने से मन नही भरता बल्कि बहुत कम नींद से घ्रेलीन का उत्पादन बढ जाता है, जो आपको भूख से ज्यादा खाने के लिए प्रेरित करता है
स्टैंडफ़ोर्ड के एक स्टडी मे भी नींद और बॉडी वेट का गहरा रिलेशन बताया गया है।
एक इन्सान का 7 - 8 घन्टे सोना अनिवार्य है।
कई बार पेट कम करने की कोशिश मे हम स्ट्रेस (चिंता) करने लगते है, अपने फिजिकल अपीयरेंस को लेकर, लेकिन हमे ध्यान रखना चाहिये की ये चिज हमारी बेली फैट कम करने की मेहनत पर पानी फेर सकता है।
चिंता करने पर स्ट्रेस हार्मोन कोर्टीसोल (cortisol) का उत्पादन होता है जो बेली फैट बढ़ा सकता है।
स्ट्रेस कम करने के लिए आप ये तरीका अपना सकते है-:
फैट स्ट्रेस भी बड़ा रुकावट है; एक जर्मन स्टडी मे पता चला है की विटामिन सी और स्ट्रेस को कम करने मे बड़ा कनेक्शन है।
विटामिन सी डायट स्ट्रेस लेवल को कण्ट्रोल करने मे मदद करता है और बी.पी भी नॉर्मल करता है।
स्ट्रेस्फूल स्थिति के बाद, स्ट्रेस हर्मोन कोर्टिसॉल थोडे समय के लिये प्रसारित होता है और पेट मे जमा चर्बी से लड़ने मे मदद करता है।
आसन या एक्सरसाइज बहुत प्रभावशाली है कैलोरी बर्न और बेली फैट कम करने मे।
ये हमारे दिनचर्या की अच्छी शुरुआत करता है और एक स्वस्थ दिन भी बनाता है।
इसलिए जरूरी है की आप ऐसा आसन या एक्सरसाइज करे जिसमे पेट का बेहतर मुवमेंनट हो।
इसके अलावा आप स्ट्रेचींग, स्किपिंग, वेट लिफ्टीनग, कार्डियो और योगासन कर सकते है।
सुबह 30 मिनट तक का इसमे समय ज़रूर दे।
ये सारे उपाय आपको पेट कम करने मे मदद करेगे। बेली फैट होना आज कल आम समस्या ज़रूर है लेकिन इसे पूरी तरह कण्ट्रोल मे लाया जा सकता है।ये समान्य उपाय ही आपको स्लिम बेली देने मे मदद करेगें ।इस बात का ध्यान रखना है की हमे अपने शरीर को ऐक्टिव रखना है, ये सिर्फ पेट कम करने मे ही नही बल्कि आपको मानसिक तौर पर भी स्वस्थ्य रखेगा।यहा इन उपायों का इस्तेमाल के साथ इन्हे नियमित अपने दिनचर्या मे शामिल भी करना होगा।
Miss Shruti has over two years of experience in content writing. Having worked as a content writer and content marketing manager in a media house and also in an IT Company, she is an expert in lifestyle and health blogging.
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