वर्तमान समय में हर दूसरा व्यक्ति स्ट्रेस यानि तनाव से जूझ रहा है। तनाव को अगर शब्दों में परिभाषित किया जाए तो यह एक भावनात्मक या शारीरिक भावना है। यह किसी भी घटना या विचार से आ सकता है जो कि आपको निराश, क्रोधित या नर्वस महसूस करवा सकता है। लोग स्ट्रेस को हमेशा नकारात्मक तौर पर देखते हैं, लेकिन देखा जाए तो यह कई मामलों में सकारात्मक भी साबित हो सकता है। जैसे कि तनाव की मदद से आप आने वाले खतरे को कम करने या उससे छुटकारा पाने के लिए जरूरी कदम पहले ही उठा लेते हैं। लेकिन तनाव हर बार सकारात्मक नहीं होता, क्योंकि इसकी वजह से अक्सर नुकसान ही होता है।
हाँ, स्ट्रेस के दो प्रकार होते हैं जो कि निम्न वर्णित है :-
तीव्र तनाव Acute stress – यह अल्पकालिक तनाव है जो जल्दी दूर हो जाता है। आप इसे तब महसूस करते हैं जब आप अपने साथी के साथ झगड़ा करते हैं, या एक खड़ी ढलान पर स्की करते हैं। यह आपको खतरनाक स्थितियों का प्रबंधन करने में मदद करता है। यह तब भी होता है जब आप कुछ नया या रोमांचक करते हैं। सभी लोगों को कभी न कभी तीव्र तनाव होता है।
चिर तनाव Chronic stress – चिर तनाव या क्रोनिक स्ट्रेस व्यक्ति के साथ लंबे समय तक साथ रहता है। आपको पैसों की समस्या, दुखी विवाह, या काम में परेशानी है तो आपको क्रोनिक स्ट्रेस हो सकता है। किसी भी प्रकार का तनाव जो हफ्तों या महीनों तक चलता है, वह क्रोनिक स्ट्रेस होता है। आप क्रोनिक स्ट्रेस के इतने अभ्यस्त हो सकते हैं कि आपको पता ही नहीं चलता कि यह एक समस्या है। यदि आप तनाव को प्रबंधित करने के तरीके नहीं खोजते हैं, तो इससे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
तनाव होने पर इसके कुछ खास लक्षण दिखाई देते हैं जिनकी पहचान कर आप यह जान सकते हैं कि आप या आपका कोई अपना तनाव से जूझ रहा है या नहीं। तनाव होने पर दिखाई देने वाले लक्षणों को दो हिस्सों में विभाजित किया जा सकता है, पहला है मानसिक और दूसरा है शारीरिक। तनाव होने पर जहाँ हमारी भावनाओं पर असर पड़ता है वहीं इसकी वजह से हमारे शरीर पर भी बुरा असर पड़ता है। चलिए जानते हैं तनाव होने पर दिखाई देने वाले लक्षणों के बारे में :-
तनाव होने पर दिखाई देने वाले मानसिक लक्षण :-
अवसाद
ऊर्जा और अनिद्रा में कमी
कामेच्छा में परिवर्तन
चीज़े भूल जाना
आलस महसूस होना
लगातार मूड में परिवर्तन होना
तनाव होने पर दिखाई देने वाले शारीरिक लक्षण :-
मुंहासें
सिर दर्द
तेज धडकन
पसीना आना
भूख में बदलाव
लगातार दर्द बने रहना
बार-बार होने वाली बीमारी
रक्तचाप बढ़ना
मधुमेह स्तर बढ़ना
पाचन संबंधी समस्याएं
सेक्स करने में समस्या
कब्ज या दस्त की समस्या
बहुत ज्यादा नींद आना या बिलकुल भी नींद न आना
वजन बढ़ना या एक दम कम होना
तनाव यानि स्ट्रेस को बड़ी आसानी से कम किया जा सकता है, इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप सबसे पहले दृढ़ निश्चय करें कि आपको तनाव को हर कीमत पर खुद से दूर करना है। जब तक आप खुद यह संकल्प नहीं करेंगे तब तक आपको तनाव से बहार निकालना मुश्किल होता है। एक बार आप जब तनाव से निकलने का संकल्प ले लेते हैं तो आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं :-
अधिक शारीरिक गतिविधि प्राप्त करें – यदि आप तनाव महसूस कर रहे हैं, तो अपने शरीर को लगातार शारीरिक गतिविधि से मदद मिल सकती है। अमेरिका के 185 विश्वविद्यालय के छात्रों में 6 सप्ताह के एक अध्ययन में पाया गया कि प्रति सप्ताह 2 दिन एरोबिक व्यायाम में भाग लेने से अनिश्चितता के कारण समग्र कथित तनाव और कथित तनाव में काफी कमी आई है। साथ ही, व्यायाम दिनचर्या ने स्व-रिपोर्ट किए गए अवसाद में काफी सुधार किया।
फ़ोन और कंप्यूटर का उपयोग कम से कम करें – स्मार्टफोन, कंप्यूटर और टैबलेट कई लोगों के लिए रोजमर्रा की जिंदगी का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुके हैं। हालांकि यह उपकरण अक्सर आवश्यक होते हैं, लेकिन इनका बहुत अधिक उपयोग करने से तनाव का स्तर बढ़ सकता है। कई अध्ययनों ने अत्यधिक स्मार्टफोन के उपयोग को तनाव और मानसिक स्वास्थ्य विकारों के बढ़ते स्तर के साथ जोड़ा है। सामान्य रूप से स्क्रीन के सामने बहुत अधिक समय बिताना कम मनोवैज्ञानिक कल्याण और वयस्कों और बच्चों दोनों में तनाव के स्तर में वृद्धि के साथ जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, स्क्रीन टाइम नींद को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे तनाव का स्तर भी बढ़ सकता है।
सप्लीमेंट लें – कई विटामिन और खनिज आपके शरीर की तनाव प्रतिक्रिया और मनोदशा नियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जैसे, एक या अधिक पोषक तत्वों की कमी आपके मानसिक स्वास्थ्य और तनाव से निपटने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि कुछ डाइट सप्लीमेंट तनाव को कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, जब आप लंबे समय तक तनाव में रहते हैं, तो आपके मैग्नीशियम का स्तर कम हो सकता है। आप डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट ले सकते हैं।
अपने ऊपर काम करें और अपना ध्यान रखें – आप अपनी खुद की देखभाल करके भी तनाव को दूर कर सकते हैं, इसके लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं :-
बाहर टहलने जाएं
एक अच्छी किताब पढ़ना
रोजाना व्यायाम करें
अपने लिए भोजन तैयार करेन
बिस्तर से जितना हो सके उतना दूर रहें
मालिश करवाएं
अपनी होबी पर काम करें
परफ्यूम का इस्तेमाल करें
रोजाना योग करें
खुद को व्यस्त रखें
दोस्तों के साथ समय बिताएं
अपनी समस्या के बारे में चर्चा करें
अपनी समस्या का समाधान खोजे
धार्मिक स्थल पर जाएं
ध्यान लगाएं
अपनी पसंद का संगीत सुने
आप खाने की मदद से भी अपने तनाव को दूर कर सकते हैं। चलिए जानते हैं :-
ग्रीन टी पियें – ग्रीन टी L-Theanine का एक स्रोत है, एक रसायन जो क्रोध को दूर करने में मदद करता है। तनाव होने पर आप अपनी पसंद की ग्रीन टी लें।
च्यूइंग गम – च्यूइंग गम आपके तनाव को दूर करने का आश्चर्यजनक रूप से त्वरित और आसान तरीका है। केवल कुछ मिनट चबाने से वास्तव में चिंता कम हो सकती है और कोर्टिसोल का स्तर कम हो सकता है।
अंडे – अंडे की जर्दी विटामिन डी का एक और बड़ा स्रोत है। अंडे भी प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं। यह एक पूर्ण प्रोटीन है, जिसका अर्थ है कि इसमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं जो शरीर को विकास और विकास के लिए आवश्यक होते हैं। अंडे में ट्रिप्टोफैन भी होता है, जो एक एमिनो एसिड है जो सेरोटोनिन बनाने में मदद करता है। सेरोटोनिन एक रासायनिक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मूड, नींद, स्मृति और व्यवहार को नियंत्रित करने में मदद करता है। सेरोटोनिन को मस्तिष्क के कार्य में सुधार और चिंता को दूर करने के लिए भी माना जाता है।
कद्दू के बीज – स्ट्रेस होने पर अक्सर उच्च रक्तचाप की समस्या हो जाती है तो ऐसे में कद्दू के बीज आपकी मदद कर सकते हैं। कद्दू के बीज पोटेशियम का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं, जो इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को विनियमित करने और रक्तचाप को प्रबंधित करने में मदद करता है।
अपनी पसंद का खाना खाएं – खाने की मदद से हर किसी के मूड में बदलाव किया जा सकता है। इसलिए अपने तनाव को दूर करने के लिए हमेशा वो खाना खाए जिससे आपका मन अंदर से खुश होता है।
इन सभी उपायों के इतर आप दवाओं की मदद से भी अपने तनाव से छुटकारा पा सकते हैं। साथ ही आप किसी मनोचिकित्सक से भी इस बारे में बात कर सकते हैं, जिससे आपको बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
Mr. Ravi Nirwal is a Medical Content Writer at IJCP Group with over 6 years of experience. He specializes in creating engaging content for the healthcare industry, with a focus on Ayurveda and clinical studies. Ravi has worked with prestigious organizations such as Karma Ayurveda and the IJCP, where he has honed his skills in translating complex medical concepts into accessible content. His commitment to accuracy and his ability to craft compelling narratives make him a sought-after writer in the field.
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