नए साल के आगाज़ के साथ-साथ कोरोना के खिलाफ चल रहे टीकाकरण मुहीम में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। आने वाली 3 जनवरी 2022 से 15 से 18 साल तक के बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए उनका टीकाकरण किया जाना शुरू कर दिया जायगा। देश में अब तक केवल 18 वर्ष से अधिक लोगों का ही टीकाकरण किया जा रहा था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि जिन बच्चों का जन्म 2007 या उससे पहले हुआ है केवल उन्हीं का टीकाकरण किया जायगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि बड़ों की तरह बच्चों के पास वैक्सीन चुनने का विकल्प नहीं होगा। बच्चों को केवल कोवैक्सिन ही दी जायगी, भविष्य में बच्चों के पास वैक्सीन के अन्य विकल्प मौजूद हो सकते हैं। आपको बता दें कि इससे पहले 12 साल के ऊपर के बच्चों के लिए जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को देश में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को ये वैक्सीन भी लगाई जा सकती है। जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को जाइकोव-डी (ZyCoV-D) नाम दिया गया है। यह डीएनए (DNA) पर आधारित दुनिया की पहली स्वदेशी वैक्सीन है। वैक्सीन को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की ओर से मंजूरी दी गई थी।
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अब आप सभी को यह जानने की इच्छा होगी कि आखिर बच्चों को कोवैक्सिन ही क्यों दी जा रही है और वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करना होगा? चलिए इस लेख के जरिये इस बारे में आपके सवालों का जवाब देते हैं।
बच्चों के लिए कोवैक्सिन ही क्यों?
बच्चों को में जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन की जगह कोवैक्सिन लगाने का एक ही कारण है और वो है दोनों वैक्सीन की असरदार क्षमता। 12+ बच्चों पर किए ट्रायल में जहाँ जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन 66.6% असरदार पाई गई है वहीं, कोवैक्सिन तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल में यह 77.8% प्रभावी पाई गई है। इसके बाद इसे देश में बच्चों के लिए मंजूरी दे दी गई। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह National Technical Advisory Group on Immunization (NTAGI) अध्यक्ष डॉ एन के अरोरा ने रविवार को कहा कि, ट्रायल्स के दौरान बच्चों में इम्युन रिस्पॉन्स को लेकर कोवैक्सीन के नतीजे बेहतर रहे, जिसकी वजह से बच्चों को कोवैक्सीन लगाने का फैसला लिया गया है।
बच्चों को वैक्सीन लगाने के लिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बड़ों की ही तरह बच्चों का भी वैक्सीनेशन होगा। इसके लिए आप अपने बच्चे का रजिस्ट्रेशन कोविन ऐप (Co-WIN) और वेबसाइट पर कर सकते हैं या फिर आप वैक्सीनेशन सेण्टर पर जाकर भी अपने बच्चे के लिए वैक्सीन का स्लॉट बुक कर सकते हैं। बच्चों के लिए वैक्सीन स्लॉट बुक करने के लिए आप बच्चे का आधार कार्ड और स्कूल का आईकार्ड इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चों का वैक्सीनेशन 3 जनवरी 2022 से शुरू किया जायगा और इसके लिए रजिस्ट्रेशन नए साल से यानि कि 1 जनवरी 2022 से शुरू किया जायगा। ध्यान रहें वैक्सीनेशन सेण्टर पर जाते हुए आप सामाजिक दूरी का ध्यान रखें और मास्क जरूर पहने।
क्या बच्चों को वैक्सीनेशन से होते हैं साइड इफेक्ट?
नए साल से बच्चों को लगने वाले कोरोना वैक्सीन को लेकर पेरेंट्स में सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि क्या वैक्सीन लेने से बच्चों पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है? यह सवाल लाजमी है और यह पहली बार नहीं नहीं है जब ऐसे सवाल उठ रहे हैं। पहले जब वयस्कों का टीकाकरण शुरू किया गया था तब भी ऐसे ही सवाल खड़े हुए थे, यहाँ तक कि पोलियो कार्यक्रम के दौरान भी ऐसे सवाल आए थे।
तो आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चों में कोरोना वैक्सीन से अब तक किसी गंभीर साइड इफेक्ट की रिपोर्ट नहीं है। हालांकि कुछ देशों में बच्चों में दिल की मांसपेशियों में सूजन के मामले सामने आए, लेकिन वो काफी कम हैं और जल्द ही ठीक हो गए। विशेषज्ञों की माने तो सूजन आना एक एक सामान्य लक्षण है जो कि अन्य टीकाकरण के दौरान भी आ जाती है। इसके अलावा वयस्कों की तरह ही बच्चों में वैक्सीन लगने के बाद हाथ में दर्द, हल्का बुखार, थकान, सिर दर्द मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएँ हो सकती है, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। अगर समस्या ज्यादा बढती है तो इस बारे में वैक्सीनेशन सेण्टर पर मौजूद डॉक्टर से बात करें या अपने नजदीकी डॉक्टर से इस बारे में बात करें।
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने बताया है कि बच्चों में वैक्सीन लगवाने के दो दिन के अंदर, वैक्सीन लगवाने से होने वाले आम साइड इफेक्ट दिखते हैं, जो कि तीन दिन तक रहते हैं और ज्यादातर खुद ही ठीक हो जाते हैं। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने आगे कहा कि अमेरिका में बच्चों को mRNA वैक्सीन लगने के बाद 12-17 साल की उम्र के बच्चों में दिल की मांसपेशियों में सूजन (माइओकार्डाइटिस) की कुछ समस्याएं भी सामने आईं, हालांकि इनकी संख्या काफी कम रही और प्रति 10 लाख बच्चों में से 54 में ही ऐसे साइड इफेक्ट दिखे।
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने सलाह देते हुए कहा कि अगर कोरोना वैक्सीन लगने के एक हफ्ते के अंदर बच्चे को सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत हो या सांस तेज चलने याद हार्ट बीट बढ़ने जैसी समस्या नज़र आए तो तुरंत डॉक्टर से इस बारे में बात करें। फ़िलहाल भारत में बच्चों को ऐसी समस्या होने की आशंका काफी कम है क्योंकि अमेरिका में mRNA वैक्सीन लगी थी और भारत में बच्चों को फ़िलहाल केवल कोवैक्सीन लगने वाली है जिससे ऐसी समस्याएँ होने की संभावना ना के बराबर है।
बच्चों को वैक्सीन लगवाने के दौरान किन बातों का ध्यान रखें?
अपने बच्चों को वैक्सीन लगवाने के दौरान आप निम्नलिखित बातों का खास ध्यान रखें :-
वैक्सीन लगवाने से पहले आप अपने बच्चे की जांच जरूर करवाएं और यह सुनुचित करें कि उन्हें सर्दी, जुखाम बुखार तो नहीं है।
वैक्सीन के लिए बच्चे को ले जाने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि उसने रातभर अच्छी नींद ली हो, एक्सरसाइज और हेल्दी खाना खाया हो। ये सभी चीजें बच्चे की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं।
अगर बच्चे को कोई एलर्जी या गंभीर बीमारी है तो उसे टीका लगवाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से इस बारे में बात जरूर करें।
वैक्सीन लगवाने के लिए जाने से पहले भरपेट खाना जरूर लेकर जाएं, भूखें पेट वैक्सीन न लें।
अधिक जानकारी के लिए आप कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर पर मौजूद डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।
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