सर्वाइकल पेन आज इतना सामान्य हो चुका है कि छोटे बच्चों में भी इसका असर देखा जा रहा है । सर्वाइकल पेन गर्दन में होने वाला दर्द या सूजन है और जिसे ठीक करने के लिए लोग तरह-तरह के व्यायाम, योगा इत्यादि करते हैं।यदि समय रहते सर्वाइकल का इलाज न हो तो यह गंभीर हो सकता है, इसलिए लोगों को इसके विषय में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेनी चाहिए ताकि इसे कंट्रोल किया जा सके ।है सर्वाइकल पेन ?
सर्वाइकल पेन सर्वाइकल स्पोंडिलोलिसिस या ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण होने वाला दर्द है। इस स्थिति में हड्डियों, डिस्क या जोड़ों में परिवर्तन होते हैं जो गर्दन से जुड़े होते हैंऔर देखा गया है कि यह अक्सर बुज़ुर्ग लोगों को प्रभावित करता हैं।
क्या हैं लक्षण?
सर्वाइकल पेन के लक्षण आरंभ में ही दिखाई देने लगते हैं, इसलिए नीचे दिए गए लक्षणों को ध्यान से पढ़िए और अगर आपके शरीर में भी यह लक्षण दिख रहे हैं, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें ।
हाथ-पैरों मेंकमज़ोरी और सूजन
यदि हाथ और पैरों में सूजन या किसी प्रकार की कमज़ोरी महसूस हो रही है तो यह सर्वाइकल के लक्षण हो सकते हैं । सूजन के साथ हाथ-पैरों में कमज़ोरी आने से व्यक्ति थकान महसूस करने लगता है ।
चलने-फिरने में दिक्कत
अगर आपको सामान्य तौर पर चलते-फिरते हुए गर्दन में किसी प्रकार के दर्द का अहसास बार-बार होता है, तो इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है ।
ऐंठन होना
अगर गर्दन या हाथ-पैरों की मांसपेशियों में किसी प्रकार की ऐंठन आती है और बैचेनी महसूस होती है तो यह भी सर्वाइकल हो सकता है ।
आंतों की प्रक्रिया में बदलाव
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अगर आंतों की कार्यप्रणाली में किसी प्रकार का कोई बदलाव आया है और यह बदलाव लंबे समय से हो रहा है तो यह भी सर्वाइकल हो सकता है, इसलिए डॉक्टर से परामर्श लें ।
सर्वाइकल होने के सबसे बड़े कारण हमारी जीवनशैली है और सर्वाइकल कई सारे कारणों से होता है:
गर्दन में झटका या दबाव
कईं बार ऐसा होता है कि गर्दन में न चाहते हुए किसी प्रकार को झटका या दबाव आ जाता है और दर्द के बावजूद हम उसे इग्नोर कर देते हैं और भार उठाने जैसे काम करते रहते हैं । ऐसे में पूरे आसार हैं कि व्यक्ति को सर्वाइकल हो जाए ।
चोट के कारण
यदि गर्दन में कभी चोट लगी हो, तो भी हो सकता है कि भविष्य में उसे सर्वाइकल हो जाए । इसलिए अगर चोट ताज़ी है तो उसका फौरन इलाज कराएं ।
रीढ़ में खिंचाव
रीढ़ की हड्डी के बीच में खिंचाव भी सर्वाइकल का बड़ा कारण बनता है और इसका उपचार माइक्रोडिस्केक्टॉमी सर्जरी से किया जाता है।
गलत सोने के कारण
अगर आपको यह पता नहीं है कि आप गलत तरीके से सोते हैं या नहीं, तो फौरन सोने के सही तरीकों पर गौर कीजिए । क्योंकि गलत तरीके से सोना भी मंहगा पड़ सकता है । यह भी सर्वाइकल होने कायबड़ा कारण हैं । गलत मुद्रा में सोने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव आता है और यह दबाव पीठ से गर्दन में पड़ता है ।
तनाव के कारण
कईं लोग इस बात को नकारते हैं लेकिन सर्वाइकल होने की एक बड़ी वजह तनाव भी है । तनाव जब व्यक्ति की शारीरिक सीमा को पार करता है तो उसका असर उसके शरीर पर पड़ता है और इसकी वजह से उसे सर्वाइकल हो सकता हैं।
सर्वाइकल के गंभीर होने की सबसे बड़ी वजह लोगों का रवैया है । कईं लोग इसे हल्के में लेकर टाल जाते हैं और कईं लोग मानते हैं कि इसका कोई इलाज नहीं है और इसीलिए वह इसका इलाज नहीं खोज पाते, परंतु सर्वाइकल का इलाज पूरी तरह मुमकीन है ।
योग
आज भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में लोग योग को अपना रहे हैं क्योंकि योग ने कईं रोगों के निवारण के लिए नए विकल्प खोले हैं । अगर कोई सर्वाइकल से ग्रस्त है, तो उसे कुछ योगासन जैसे - सूर्यनमस्कार,भुजांगासन और व्रकासन राहत देंगे ।
आयुर्वेद
विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद आज भी कईं रोगों का निवारण करने में सक्षम हैं । सर्वाइकल के इलाज के लिए आयुर्वेद में कईं तरह की दवाएं और थेरेपी हैं जो सर्वाइकल को पूरी तरह खत्म कर सकती हैं, परंतु आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा क्योंकि आर्युवेद समय लेता है लेकिन उसके कोई दुष्प्रभाव नहीं है ।
फीज़ियो-थेरेपी
फीज़ियो-थेरेपी आज एक ऐसी चिकित्सा में शामिल है, जो लगभग हर प्रकार के रोग में राहत देने का कारण बन गई है और इसीलिए इसका प्रचलन भी बहुत बड़ गया है । फिज़ियो-थेरेपी में सर्वाइकल के लिए कईं तरह के व्यायाम हैं जो आपको पूरी तरह राहत देंगे ।
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