अभी पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संकट से गुज़र रही है । कोरोना से इस वक्त पूरी दुनिया में तकरीबन 3 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और तकरीबन 13 हज़ार जानें जा चुकी हैं ।
भारत भी चीन के इस वायरस से लड़ने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है । लेकिन ऐसे में एक दिल दहला देने वाली खबर आई है ।
एक और नया वायरस, जिसका नाम हंता है, बहुत तेज़ी से फैल रहा है । यह वायरस भी चीन से ही निकला है । अगर यह वायरस भी कोरोना की तरह फैल गया तो न जाने क्या होगा ?
पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना के वायरस से जूझ रही है और ऐसे में एक नए वायरस की दस्तक होना बहुत खतरनाक है और अगर स्थिति ऐसी ही रही तो हालात बद से बदतर हो जाएंगे ।
दुनियाभर में इस नए कोरोना वायरस ने सबकी नींद उड़ा दी हैं । चीन में हंता वायरस से 23 मार्च को एक व्यक्ति की मृत्यु की ख़बर आई है ।एक अखबार की मानें तो, हंता वायरस से संक्रमित व्यक्ति जिस सार्वजनिक वाहन में बैठा था, उसमें सवारी कर रहे 32 लोगों को जांच और परिक्षण के लिए रखा गया है ।
कोरोना वायरस के बीच इस नए वायरस के आने की खबर सुनकर लोग खौफ में हैं और बुरी तरह सहम गए हैं।
सीडीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हंता नामक यह वायरस चूहों द्वारा फैलता है ।अगर कोई व्यक्ति चूहों के मल-मूत्र या स्वाइवा (जिसे लार भी कहते हैं) के स्पर्श के बाद अपने चेहरे पर हाथ लगाता है तो उसे हंता वायरस होने की संभावना होती है ।
एक राहत देने वाली खबर यह भी आई है कि यह व्यक्ति से व्यक्ति में नहीं फैलता और इसका पता 4 हफ्तों के टेस्ट के बाद चल जाता है ।
अगर कोई हंता वायरस से संक्रमित है तो वह बुखार, सर्दी, बदन दर्द और उल्टी जैसी दिक्कतों को महसूस कर सकता है।
हंता वायरस से ग्रसित इंसान को फेफड़ों में पानी भरने और सांस लेने में तकलीफ़ जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। .
हंता वायरस से ग्रसित लोगों के लगभग 60 मामले सामने आए थे, जिनमें 50 को नज़रबंद यानि क्वारंटीन रखा गया था।
सीडीसी के अनुसार, हंता वायरस में मौत होने की संभावना 38 फ़ीसदी होती है और इस वायरस या बीमारी का भी कोई उचित इलाज नहीं है ।
Recipient of Padma Shri, Vishwa Hindi Samman, National Science Communication Award and Dr B C Roy National Award, Dr Aggarwal is a physician, cardiologist, spiritual writer and motivational speaker. He was the Past President of the Indian Medical Association and President of Heart Care Foundation of India. He was also the Editor in Chief of the IJCP Group, Medtalks and eMediNexus
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