23 अप्रैल से शुरु होने वाला रमज़ान का महीना 23 मई तक चलेगा । यह पहली बार होगा जब कोरोना के संकट के बीच रमज़ान मनाया जाएगा । पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में भी कोरोना पूरी तरह फैल चुका है और अभी तक 20 हजार से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं ।
कोरोना संकट के बीच रमज़ान को निभाने के लिए मुस्लिम धर्मगुरुओं ने निर्देश जारी कर दिए हैं और साथ ही साथ केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने भी अपने-अपने निर्देश जारी किए हैं । इंडियन मेडिकल एसोशिएन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पद्म श्री से सम्मानित डॉ. के.के.अग्रवाल बता रहे हैं कि रमज़ान में किन बातों का ख्याल रखने की आवश्यकता है ।
इसमें हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए कि डॉक्टर रमज़ान को कोरोना से बचे रहने के लिए उत्तम मान रहे हैं । डॉक्टरों का कहना है कि यह अवश्य सत्य है कि कोरोना संकट बहुत गहरा है और इस बीच रमज़ान का पड़न मुश्किल दे सकता है लेकिन अगर कुछ ज़रुरी और बुनियादी कदम उठाए जाएं तो रमज़ान कोरोना वायरस मुक्त हो सकता है क्योंकि रमज़ान के दौरान कईं ऐसे काम होते हैं जो कोरोना से बचाव करेंगे –
पांच वक्त नमाज़
डॉक्टरों और चिकित्सकों का कहना है रमज़ान में पांच बार नमाज़ पढ़ी जाती है, जिसका मस्तिष्क और मन पर बहुत पॉजीटिव असर पड़ता है । ऐसा करने से मन और मस्तिष्क शांत रहते हैं, मन भटकता नहीं बल्कि स्थिर बना रहता है ।
बार-बार हाथ,पैर और कुल्ला
डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि क्यूंकि रमजान मे पांच बार नमाज़ पढ़ी जाती है तो उसी कारण पांच बार हाथ, पैर धोए जाते हैं और कूल्ला भी किया जाता है, जो इस वक्त समय की मांग है । आप जितनी साफ-सफाई रखेंगे, कोरोना उतना ही दूर रहेगा ।
टोपी के साथ मास्क ज़रुर पहनें
रमज़ान में एक काम अवश्य करें, जैसे टोपी पहनते हैं, वैसे ही मास्क भी पहनें । अगर आप मास्क पहनते हैं तो कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना कम हो जाएगी । यदि कोई संक्रमित हो भी, तब भी संक्रमण नहीं फैलेगा ।
घर पर ही रहें
कोरोना से बचने के लिए अभी तक जो दवाई सबसे बेहतर मानी गयी है, वह है घर पर रहने की, जब आप बाहर ही नहीं जाएंगे तो आस-पास मौजूद कोरोना वायरस आपको संक्रमित नहीं कर पाएगा । इसलिए पूरे दिन रमज़ान का पालन करते हुए शाम को घर पर रहें, बाहर न निकलें ।
कौन सी बातें हैं ज़रुरी ?
इस बात का आपको विशेष ध्यान रखना है कि वो चीजें, जिनका आप सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जैसे मोबाइल, लैपटॉप, टीवी रिमोट आदि को साफ और किटाणुरहित रखें ।
खांसी या फिर छींक आने के बाद अपने टिशू को बंद करके उसे फौरन डस्टबिन में फेंक दें ।
यदि बुखार, बलगम के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो इसे नजरअंदाज ना करें, फौरन नज़दीकी अस्पताल से संपर्क करें ।
रमज़ान का महीना बहुत पवित्र महीना होता है, इसे खुशी-खुशी मनाएं, लेकिन इस वक्त समय जागरुक और सचेत रहने का है, इसलिए सरकार और डॉक्टरों द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करें
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